
Bullous Lung Disease: धूम्रपान करना हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है। धूम्रपान के कारण कई गंभीर रोग हो सकते हैं। ऐसा ही एक रोग है, बुल्ला रोग। ये बीमारी होने पर, फेफड़े के स्वस्थ भाग को नुकसान पहुंचता है। ज्यादा धूम्रपान करने वाले लोगों में, बुल्ला रोग होने की आशंका ज्यादा होती है। धूम्रपान के कारण, फेफड़े का हिस्सा गुब्बारेनुमा होकर खोखला हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि फेफड़े में ऑक्सीजन का आदान-प्रदान करने वाले ऊतक, नष्ट हो जाते है। ये कहना गलत नहीं होगा कि बुल्ला रोग का इलाज समय पर न होने के कारण, जान का जोखिम भी हो सकता है। गंभीर स्थिति में, फेफड़े के गुब्बारेनुमा भाग में पस या मवाद भर जाता है। मवाद भर जाने से, फेफड़े का कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। बुल्ला रोग में, ज्यादा खांसी आने से फेफड़े की दीवार फट सकती है। ये दीवारें पतली होती हैं। ऐसे में लगातार दबाव झेलने के कारण ऐसी स्थिति बन सकती है। बुल्ला रोग होने पर, शरीर में ऑक्सीजन कम हो जाता है। इस रोग से दिनचर्या प्रभावित होती है इसलिए इस स्थिति को टाला नहीं जा सकता। इस स्थिति में तुरंत हॉस्पिटल जाना चाहिए। आगे जानेंगे बुल्ला रोग, के लक्षण, कारण और इलाज। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
बुल्ला रोग के लक्षण- Bullous Lung Disease Symptoms
- बुल्ला रोग होने पर बार-बार निमोनिया हो सकता है।
- कुछ लोगों को खांसी के साथ उल्टी की समस्या भी होती है।
- मरीज के शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है।
- सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
- तेज खांसी आ सकती है।
- बुल्ला रोग होने पर सीने में दर्द महसूस हो सकता है।
बुल्ला रोग का कारण- Bullous Lung Disease Causes
बुल्ला रोग का मुख्य कारण धूम्रपान माना जाता है। आपको बता दें कि सिगरेट में मौजूद निकोटीन, रक्त वाहिकाओं में संकुचन का कारण बनता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट आती है। साथ ही फेफड़ों तक ऑक्सीजन पहुंचाने वाली वैसल्स भी प्रभावित होती हैं। धूम्रपान करने की लत को छोड़ने के लिए आप डॉक्टर की सहायता ले सकते हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से एक टोल फ्री नंबर दिया गया है। इस पर कॉल करके आप सिगरेट की लत छोड़ने का तरीका जान सकते हैं। कभी भी बेझिझक 1800-11-2356 इस नंबर पर कॉल करें।
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बुल्ला रोग का इलाज- Bullous Lung Disease Treatment
बुल्ला रोग होने पर डॉक्टर सीटी स्कैन, एंजियोग्राफी, पल्मोनरी आरटीरियोग्राफी आदि टेस्ट करते हैं। अगर मरीज ज्यादा गंभीर है, तो ऑपरेशन की स्थिति भी बन सकती है। ऑपरेशन में, डॉक्टर गुब्बारेनुमा हिस्से को, फेफड़े से निकालकर अलग कर देते हैं। डैमेज हुए लंग टिशू को निकालने के लिए, डॉक्टर एलवीआरएस यानी लंग्स वॉल्यूम रिडक्शन सर्जरी कर सकते हैं। बुलेक्टॉमी भी एक सर्जरी है, जिससे बुल्ला रोग का इलाज किया जाता है। बुल्ला रोग को केवल दवाओं से ठीक नहीं किया जा सकता। इस रोग में, दवाएं भी बेअसर हो जाती हैं। इस रोग को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता। लेकिन बुल्ला रोग के लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है। कई मरीजों को इलाज के बाद, सांस लेने के लिए इनहेलर की जरूरत होती है।
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