स्तनपान करने वाले बच्चों के भविष्य में मोटे होने का खतरा कम होता है। हाल ही में हुए एक अध्ययन से साफ हुआ है कि जो बच्चे स्तनपान करते हैं, उनके आठ साल की उम्र तक मोटे होने की आशंका कम रहती है। इससे पहले भी कई अध्ययनों में साफ हो चुका है कि स्तनपान बच्चे और मां दोनों की सेहत के लिए फायदेमंद होता है।
अध्ययन के मुताबिक जन्म से छह महीने तक मां का दूध पीने वाले बच्चों में सामान्य दूध पीने वाले बच्चों की तुलना में वजन बढ़ने की आशंका 15 फीसदी तक कम होती है। ब्रिटेन में देखा गया है बहुत कम मां अपने बच्चों को लंबे समय तक स्तनपान कराती हैं। यहां पर केवल दो फीसदी मां ही बच्चों को जन्म के छह महीने बाद तक स्तनपान कराती हैं।
स्तनपान और बच्चे के मोटापे के संबंध में इस अध्ययन को जापान के बच्चों पर किया गया है। अध्ययन से साफ हुआ है कि स्तनपान करने से बच्चे लंबे समय तक वजन बढ़ने के प्रभाव से दूर रहते हैं। नई शोध के माध्यम से दुनियाभर के देशों से स्तनपान के लिए प्रोत्साहित करने की अपील की गई है क्योंकि ब्रेस्टफीडिंग से बच्चों में मोटापे की आशंका कम होती है।
इससे पहले हुए शोधों में भी यह साफ हो चुका है कि मां का दूध बच्चे को पेट की खराबी, सीने के संक्रमण, अस्थमा और एलर्जी से दूर रखता है। स्तनपान से संबंधित शोध को जापान के 43 हजार बच्चों पर किया गया। अध्ययन में शोधकर्ताओं ने सात से आठ साल की उम्र के कम वजन वाले, सामान्य वजन वाले और ज्यादा वजन वाले बच्चों का उम्र और लिंग के साथ ही बॉडी मॉस इंडेक्स के आधार पर अध्ययन किया।
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