मां का दूध बच्चे के लिए अमृत के समान होता है। वह बच्चे को कई बीमारियों से बचाता है। लेकिन, स्तनपान सिर्फ बच्चे के लिए ही नहीं बल्कि मां के लिए भी फायदेमंद होता है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को रक्तचाप व अन्य कई बीमारियों से राहत मिलती है। एक ताजा शोध में यह बात सामने आयी है।
प्रसव के बाद किसी भी महिला के लिए अपने बच्चे को दूध पिलाना एक सुखद अनुभव होता है। बच्चे को अपना दूध पिलाने से मां को एक दशक बाद भी उच्च रक्तचाप होने की आशंका कम होती है।
ब्रेस्ट फीडिंग करवाने से महिला को स्तन से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा काफी कम हो जाता है। उसके साथ ही उसके स्तन पुराने आकार में आ जाते हैं। वहीं, शिशु को मां के दूध से कई प्रकार के पौष्टिक तत्व मिलते हैं।
यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न सिडनी स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि जितने लंबे वक्त तक माएं बच्चे को अपना दूध पिलाती हैं, 64 वर्ष की आयु से पहले उच्च रक्तचाप होने का खतरा उन्हें उतना ही कम हो जाता है।
64 वर्ष की उम्र के बाद ब्रेस्टफीडिंग का लाभ खत्म होने लगता है। यह अध्ययन ऑस्ट्रेलिया की 45 वर्ष से ज्यादा उम्र वाली 74,785 महिलाओं पर किया गया है। यह अध्ययन द अमेरिकन जर्नल ऑफ ऑब्सटेट्रिक्स एंड गाइनेकोलॉजी में प्रकाशित हुआ है।
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