थायराइड ग्रंथि आपके शरीर के तापमान, हार्मोन और चयापचय को कंट्रोल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। थायराइड होने पर आपको कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसी तरह हाशिमोटो डिजीज, थायराइड ग्रंथि से जुड़ा एक आम ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है। हाशिमोटो के कारण आपका इम्यून सिस्टम गलती से थायराइड ग्रंथि पर हमला करती है, जिससे आपकी इम्यूनिटी कमजोर हो सकता है, और आपका शरीर ठीक तरह से काम करने के लिए एक्टिव नहीं हो पाता है। हााशिमोटो की समस्या ठीक करने के लिए जरूरी है कि आप अपनी डाइट में कुछ ऐसी चीजों को शामिल करें, जो इसके लक्षणों को कम करने या ठीक करने में मदद कर सके। ऐसे में पुणे स्थित हील एंड केयर आयुर्वेद एवं पंचकर्म क्लिनिक की आयुर्वेदिक डॉ. गीतांजलि थोकल से जानते हैं कि हााशिमोटो डिजीज कंट्रोल करने के लिए काले बीज यानी कलौंजी के बीज का तेल कैसे फायदेमंद है?
हाशिमोटो के मरीजों के लिए कलौंजी के बीज के फायदे
1. सूजनरोधी प्रभाव
हाशिमोटो थायराइड की सूजन का कारण बनता है। काले बीज के तेल में थाइमोक्विनोन होता है, जिसमें शक्तिशाली सूजनरोधी गुण होते हैं, जो सूजन को कम करने और हाशिमोटो के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं।
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2. इम्यूनिटी को बढ़ावा दें
हाशिमोटो एक ऑटोइम्यून स्थिति है, जिसमें हमारा इम्यून सिस्टम थायराइड पर हमला करता है। ऐस में काले बीज का तेल इम्यूनिटी को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है, जिससे थायराइड पर इम्यूनिटी द्वारा ज्यादा हमला करने से रोका जा सकता है।
3. हार्मोन को संतुलित करें
काले बीज का तेल थायराइड हार्मोन को संतुलित करने में मदद कर सकता है। यह थायराइड फंक्शन को बेहतर बनाने और चयापचय को कंट्रोल करने में मदद करता है, जो अक्सर हाशिमोटो के मरीजों में आम होता है।
4. एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर
कलौंजी के बीजों का तेल एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जो थायराइड को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाते हैं, जिससे मुक्त कणों से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है।
5. पाचन में फायदेमंद
हाशिमोटो से पीड़ित कई लोग पाचन से जुड़ी समस्याओं का सामना करते हैं। ऐसे में काले बीज का तेल बेहतर पाचन में मदद करता है, जो पोषक तत्वों के अवशोषण और ओवरऑल हेल्थ के लिए जरूरी है।
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निष्कर्ष
हाशिमोटो से पीड़ित लोगों को स्वस्थ रहने और इसके लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए अपनी डाइट में कलौंजी के बीज शामिल करना चाहिए। इसके नियमित उपयोग से शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ाने में मदद मिलती है। साथ ही यह चयापचय कार्य को बेहतर बनाने में मदद करता है, जो आमतौर पर हाशिमोटो के रोगियों कम होता है।
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