भारतीय त्यौहारों का मज़ा बिना मिठाइयों के फीका है और हर उम्र के लोगों में कुछ खास मिठाइयों के लिए चाव दिखाई देता है। पूरे भारत में मिठाइयों के अनेक प्रकार हैं और कुछ मिठाइयां तो ऐसी होती हैं, जो कुछ खास त्यौहारों के लिए ही जानी जाती हैं।
स्वाद ग्रंथियों को पसंद आने वाली यह मिठाइयां कभी-कभी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन जाती हैं। अगर त्यौहारों के समय आप बीमार हो जाते हैं, तो इन मिठाइयों के कड़वे सच को जानने की कोशिश करें।
क्यों कड़वी हैं यह मिठाइयां:
• मिठाइयों में मौजूद घी और खोये के कारण वज़न बहुत तेज़ी से बढ़ जाता है।
• रक्त में शुगर के स्तर को भी बढ़ा सकती हैं मिठाइयां ।
• डायबिटीज़ फ्रैंड्ली मिठाइयों की बात करें, तो इनसे होने वाला नुकसान भी कुछ कम नहीं होता।
• मिठाइयों में प्रयुक्त आर्टीफीशियल स्वीकटेनर के कुछ अतिरिक्तन प्रभाव भी होते हैं, जैसे सरदर्द, अनिद्रा, स्वाद ना आना, पेट दर्द, याद्दाश्तभ कमज़ोर होना।
• मिठाइयों में मिलावट के लिए यूरीया का प्रयोग भी होता है, जो घातक हो सकता है।
ऐसी स्थितियां, जिनमें मिठाइयां घातक हो सकती हैं :
डायबिटिक्स के लिए: चिकित्सकों का मानना है कि त्यौहारों के समय डायबिटीज़ के मरीज़ों में शुगर का स्तर लगभग 60 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। त्यौहारों का मज़ा लेना है तो स्वयं पर नियंत्रण रखें।
हृदय समस्या है तो: मिठाइयों में बहुत अधिक मात्रा में घी का प्रयोग होता है, जिससे कोलेस्ट्राल या रक्तचाप का स्तर बढ़ जाता है।
ओवरवेट हैं तो: 100 ग्राम सामान्य मिठाई में 1,100 कैलोरीज़ और 100 ग्राम शुगर फ्री मिठाई में 900 कैलोरीज़ होती हैं। अपने वज़न पर ध्यान दें कयोंकि मोटापा कई और बीमारियां साथ लाता है।
शायद मिठाइयों के सच को जानने के बाद आप अपनी फेवरेट मिठाई से कुछ दूरियां बना लेंगे, लेकिन यह दूरियां आपके स्वानस्य् अ के लिए हितकर होंगी ।