अस्‍थमा से बचना है तो रोज करें योग

एक नए अध्‍ययन से पता चला है कि योग करने से अस्‍थमा से राहत मिलती है। अगर आप भी अस्‍थमा से परेशान हैं तो योग करने से आपको इस बीमारी से राहत मिल सकती है!
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अस्‍थमा से बचना है तो रोज करें योग


बढ़ते प्रदूषण, खान-पान में मिलावट व शुद्धता में कमी के चलते आजकल अस्थमा जिसे आमभाषा में दमा भी कहते हैं, के मरीजों की संख्या में वृध्दि के मामले निरंतर प्रकाश में आ रहे हैं। दुनियाभर में करीब 30 करोड़ लोग इस बीमारी से पीड़ित है। इससे खांसी, नाक बजना, कफ, सीने में अकड़न, रात और सुबह के समय सांस लेने में तकलीफ आदि जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। लेकिन एक नए अध्‍ययन से पता चला है कि योग करने से अस्‍थमा से राहत मिलती है। अगर आप भी अस्‍थमा की समस्‍या से परेशान हैं तो योग करने से आपको इस बीमारी से राहत मिल सकती है।

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हांगकांग के एक विश्वविद्यालय के जुयाओ यांग ने कहा, ‘हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि योग से अस्थमा वाले व्यक्तियों के जीवन और लक्षणों पर थोड़ा सुधार हो सकता है। उन्होंने कहा कि योग आम जीवन शैली लाभों के साथ अभ्यास के रूप में वैश्विक लोकप्रियता हासिल कर चुका है। हाल के अध्ययनों ने अस्थमा संबंधी परेशानियों में राहत प्रदान करने की योग की क्षमता का पता चला है।

यह शोध कोचरेन डेटावेस ऑफ सिस्टेमिक रिव्यू जर्नल में प्रकाशित किया गया है। इस शोध में 1,048 पुरुषों व महिलाओं का अध्ययन किया गया। इनमें से ज्यादातर ट्रायल भारत, यूरोप और अमेरिका में किए गए। ज्यादातर प्रतिभागियों को अस्‍थमा की बीमारी पिछले 6 महीनों से लेकर 23 सालों से थी और कई मरीज गंभीर रूप से इस बीमारी के शिकार थे। इन पर कुल 15 अलग-अलग अध्ययन किए गए, जिनमें से 6 में योग का सांस पर असर देखा गया, जबकि 9 में योग का सांस लेने, आसन और ध्यान के असर पर अध्ययन किया गया।

ज्यादातर प्रतिभागियों को शोध के दौरान अपनी अस्‍थमा की दवाई जारी रखने को कहा गया। यह अध्ययन 2 हफ्तों से लेकर चार सालों तक चला। शोधकर्ताओं ने कुल 5 अध्ययनों में यह पाया कि योग करने से अस्‍थमा का असर कम होता है और लोगों के जीवन बेहतर होता है। यांग आगे बताते हैं, हालांकि यह साफ नहीं है कि योग करने से क्या फेफड़ों की कार्यप्रणाली में कोई सुधार है या दवाईयों की जरुरत कम होती है। या फिर क्या योग का अस्‍थमा के मरीजों पर कोई दुष्प्रभाव तो नहीं होता।

Image Source : Getty

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