क्या आपने कभी सोचा है कि आप दिन भर काम कैसे कर पाते हैं? आपके शरीर को ऊर्जा कहां से मिलती है? आपका शरीर ऊर्जा कैसे बनाता है? इन सवालों का जवाब है मेटाबॉलिज्म। मेटाबॉलिज्म शरीर की ऐसी रासायनिक प्रक्रिया है जो भोजन को ऊर्जा में बदलने का काम करती है। मेटाबॉलिज्म को हिंदी में चयापचय कहा जाता है। मेटाबॉलिज्म की क्रिया का निर्धारण बेसल मेटाबॉलिक रेट (BMR) से होता है। रोजाना के काम करने के लिए जो ऊर्जा की जरूरत पड़ती है वह हमें मेटाबॉलिज्म से मिलती है। अगर आपका मेटाबॉलिज्म सुस्त है तो आपको थकान, भोजन का न पचना, मोटापा, अवसाद, मांसपेशियों में कमजोरी, दिल की धीमी गति की दर जैसी पेरशानियां हो सकती हैं। इसलिए जरूरी है कि हम खाने में कुछ ऐसे पदार्थ शामिल करें जिनसे आपका शरीर ऊर्जावान रहे। बरेली के केके और साईं अस्पताल में डायटीशियन डॉ. मीना शर्मा ने बताया कि मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने वाले खाद्य पदार्थ खाने से ही मेटाबॉलिज्म को ठीक रख सकते हैं। डॉ. के मुताबिक हमें अपनी डाइट में ऐसे खाद्य पदार्थ शामिल करने चाहिए जो कोशिकाओं को एक्टिव करें। कोशिकाओं को चलाने के लिए जितनी ऊर्जा की जरूरत होगी उतना मेटाबॉलिज्म बढ़ेगा। और वजन घटाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ बताए जिनसे शरीर के चयापचय को बढ़ाया जा सकता है।
दो प्रकार का होता है मेटाबॉलिज्म
1. अपचय
अपचय शरीर में कार्बनिक पदार्थों पर काम करता है। यह इन पदार्थों का विघटन करता है। उदाहरण के लिए कोशिकीय श्वसन से ऊर्जा को बनाता है।
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2. उपचय
उपचय ऊर्जा का इस्तेमाल करके प्रोटीनों और नाभिकीय अम्लों जैसी कोशिकाओं के अंशों को बनाता है।
शरीर में मेटाबॉलिज्म का काम
हमारे खाने को पचाने के लिए कितनी कैलोरी की जरूरत है इसका निर्धारण मेटाबॉलिज्म करता है। शरीर की हर गतिविधि के लिए मेटाबॉलिज्म जिम्मेदार होता है। यहां कुछ गतिविधियां दी जा रही हैं।
1.भोजन को पचाने में
2. जीवित रखने के लिए सांस लेने में
3. शरीर में रक्त संचार को बनाए रखने में
4. शरीर के तापमान को बनाए रखने में
5. शरीर की तंत्रिकाओं को दिमाग को ठीक से काम करने में मदद करता है।
6. शरीर से मूत्र और मल के माध्यम से गैर जरूरी पदार्थों को बाहर निकालना।
मेटाबॉलिज्म कम होने के लक्षण
यह तो सामान्य सी बात है कि आप जो खा रहे हैं और व्यायाम नहीं कर रहे हैं और जो खाया है उसका ऊर्जा में कहीं इस्तेमाल नहीं हो रहा है तो मोटापा बढ़ेगा ही। खैर यहां यह जानना जरूरी है कि शरीर का मेटाबॉलिज्म कम होने के लक्षण क्या हैं।
1.मोटापा बढ़ना या बिना वजह ही बदन दर्द होना, कमजोर मेटाबॉलिज्म के लक्षण हैं।
2.बिना वजह थकावट महसूस करना भी कमजोर मेटाबॉलिज्म के लक्षण हैं।
3.जिन लोगों को भूख कम लगती है, उनको भी यह दर्शाता है कि उनका मेटाबॉलिज्म कमजोर है।
4.कमजोर मेटाबॉलिज्म की वजह से मांसपेशियों में भी कमजोरी होने लगती है।
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मेटाबॉलिज्म बढ़ाने वाले फूड (Foods to increase metabolism)
डायटीशियन मीना शर्मा ने बताया कि जिस दर पर कैलोरी का इस्तेमाल हो रहा है उसे मेटाबॉलिज्म कहा जाता है। उन्होंने बताया कि मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में हम किस तरह के फूड का इस्तेमाल कर रहे हैं, उस पर बहुत निर्भर करता है। डायटीशियन के मुताबिक निम्न फूड को खाने से मेटाबॉलिज्म को बूस्ट किया जा सकता है।
1. प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ
मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने के लिए डाइट में प्रोटीन शामिल करना जरूरी है। क्योंकि प्रोटीन पचने में थोड़ा समय लेता है। जिससे शरीर ज्यादा कैलोरी का इस्तेमाल करता है। शरीर जितना कैलोरी इस्तेमाल करेगा उतना मेटाबॉलिज्म बढ़ेगा। इसलिए प्रोटीन युक्त फूड मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने के लिए बहुत अच्छे होते हैं। प्रोटीन युक्त भोजन में अंडा, चना और राजमा बहुत अच्छे स्रोत हैं।
2. ग्रीन टी, कॉफी
ग्रान टी में ऐसे तत्त्व पाए जाते हैं जो मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करते हैं। ग्रीन टी हृदय रोगियों के लिए और वजन कम करने में भी बहुत मददगार है। इसमें पाए जाने वाले एंटी-ओबेसिटी गुण वजन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यही नहीं ग्रीन टी डायबीटिज के रोगियों के लिए भी तो बेहतर है। पर ध्यान रहे कि इतने फायदे पढ़ने के बाद आप दिन भर ग्रीन ही न पीते रहें बल्कि इसका दिन में दो बार सेवन कर सकते हैं। तो वहीं, कॉफी में भी ऐसे कई गुण होते हैं जो मेटाबॉलिज्म को ठीक रखने में मदद करते होंगे। डायटीशियन के मुताबिक ग्रीन टी में एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं। जो कोशिकाओं को सक्रिय करते हैं। कोशिकाओं को सक्रिय होने में जितनी एनर्जी जाएगी उतना मेटाबॉलिज्म बढ़ता है।
3. अदरक
अदरक मेटाबॉलिज्म को ठीक रखने में मदद करता है। आप चाहें तो इसकी चाय या फिर खाने से पहले या बीच में भी खा सकते हैं। इसको आप छोटा-छोटा काटकर नमक के साथ भी खा सकते हैं। अदरक पाचन को दुरुस्त रखता है। अदरक का काढ़ा बनाकर भी इसका सेवन किया जा सकता है।
4. अलसी
अलजी यानी फ्लैक्स सीड भी मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में बहुत मददगार है। अलसी वजन को कम करने में बहुत मददगार है। अलसी में एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। इसमें अधिक मात्रा में फाइबर, प्रोटीन, फास्फोरस, मैंगनीशियम, ओमेगा-3 फैटी एसिड पाए जाते हैं भूख को नियंत्रित करते हैं। इस तरह अलसी खाने से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है।
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5. सलाद का सेवन
दिन में सलाद का सेवन करने से भी मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। सलाद में गाजर और खीरा जरूर शामिल करें। यह खाने को पचाने में मदद करते हैं। सलाद में ऐसे पदार्थ शामिल होते हैं जिन्हें कच्चा ही खाया जाता है। इन कच्चे पदार्थों को पचाने में समय लगता है। तो उसके लिए ज्यादा ऊर्जा की जरूरत होगी, जिससे मेटाबॉलिज्म बढ़ेगा। मेटाबॉलिज्म का काम वजन को नियंत्रित रखना है। फूड कुछ कोशिकाओं को मजबूत करते हैं तो विटामिन भी कोशिकाओं को सक्रिय करते हैं।
6. सरसों का तेल
सरसों के तेल में ऐसे तत्त्व होते हैं जो खराब कॉलेस्ट्रोल को कम करने में मदद करते हैं। इससे भी आपका मेटाबॉलिज्म बढ़ता है। तो वहीं, सरसों के तेल में ऐसे तत्त्व पाए जाते हैं जो वजन को कम करते हैं। सरसों का तेल कई मायनों में फायदेमंद है।
7. अजवायन
अजवायन खाने से भी भूख कम लगती है जिससे वजन कम होता है। इसे खाने से मेटाबॉलिज्म भी बूस्ट होता है। अजवायन में पाए जाने वाले एंटी-इफ्लामेंटरी गुण मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करते हैं।
इन बातों का भी रखें ख्याल
खाने के अलावा अन्य कारक हैं जो मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करते हैं। वे निम्न प्रकार से हैं-
1. एक्सरसाइज करने से भी मेटाबॉलिज्म बढ़ता है। अक्सर जो लोग 9 से 12 घंटे की नौकरी कर रहे हैं उन्हें एक्सरसाइज का समय नहीं मिलता। उनका वजन भी बढ़ता रहता है। इसके लिए डायटीशियन मीना शर्मा का कहना है कि ऐसे लोगों को खाना खाने के बाद 15 से 20 मिनट सिर्फ टहलना चाहिए। इससे भी मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है।
2. दिन में खूब पानी पिएं। पानी भी भोजन को पचाने में मदद करता है और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है। तो वहीं, पानी शरीर की अन्य जरूरतों को भी पूरा करता है।
ऐसे खाद्य पदार्थ जिन्हें पचाने के लिए ज्यादा ऊर्जा की जरूरत पड़ती है जितनी ऊर्जा का इस्तेमाल होगा उतना मेटाबॉलिज्म बढ़ेगा। डायटीशियन मीना शर्मा का कहना है कि बहुत से फूड ऐसे हैं जो कोशिकाओं को सक्रिया करने में काम करते हैं, जिससे मेटाबॉलिज्म बढ़ता है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है कि हम संतुलित आहार लें, नियमित व्यायाम करें। ऐसे उपायों से ही एक निरोगी शरीर पाया जा सकता है। इस बदलते लाइफस्टाइल की ही देन है मोटापा। इसे नियंत्रित रखने में मेटाबॉलिज्म बहुत मददगार है।
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