बच्चे का पहला आहार मां का दूध होता है, इसलिए नवजात के संपूर्ण पोषण के लिए ब्रेस्टफीडिंग बहुत जरूरी है। लेकिन ब्रेस्टफीडिंग को लेकर महिलाओं के मन में कई तरह की आशंकायें और सवाल भी हैं। जैसे ब्रेस्टफीडिंग के वक्त क्या करें क्या न करें? बच्चे को सही तरीके से फीडिंग कैसे कराई जाती है? बच्चे को कब और कितनी बार दूध पिलाएं?
ब्रेस्टफीडिंग अगर सही तरीके से न करायी जाए तो मां और बच्चे दोनों के लिए समस्या हो सकती है। इसलिए बच्चे को ब्रेस्फीडिंग कराते वक्त मां का सही स्थिति में बैठना बहुत जरूरी है। इस लेख में विस्तार से बताते हैं कि मां को किस स्थिति में बैठना चाहिए।
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान बैठने का क्या सही तरीका है, इसकी जानकारी महिला को होनी चाहिए। शुरुआत के दिनों में आप पीठ को टेक देकर बैठें जिसे लेड बैक पोजिशन भी कहा जाता है। इस पोजिशन में आप 40 डिग्री सेल्सिअस की मुद्रा में बैठती हैं और बच्चे को अपनी गोद में ऐसे रखती हैं कि बच्चे का पेट मां के पेट से जुड़ा होता है और उसका सिर मां के सीने के पास होता है। यह अवस्था ब्रेस्टफीडिंग के लिहाज से बहुत अच्छी है क्योंकि इस अवस्था में बच्चे का शरीर पूरी तरह से मां के सहारे होता है और बच्चे को पकड़े रहने के लिए महिला को मेहनत नहीं करनी पड़ती है। और यह आरामदेह स्थ्िाति भी है।
लेटकर ब्रेस्टफीडिंग
वैसे कई महिलाओं को ऐसा लगता है कि लेटकर ब्रेस्टफीडिंग करने से बच्चा दब सकता है। लेकिन अगर आप अचेत या नशे में नहीं है और अगर आपको नींद आ जाती है तो ऐसा नहीं होने वाला। यानी आप लेटकर भी बच्चे को ब्रस्टफीडिंग करा सकती हैं। डिलीवरी के बाद यदि महिला को ठीक महसूस होने लगे और सीधे बैठने में दिक्कत न हो, तो ब्रेस्टफीडिंग के दौरान थोड़ा-सा टेक लगाकर या झुककर बैठें। इस तरह से बच्चे और माता के बीच में अधिक सम्पर्क होगा और महिला को दिक्कत भी नहीं होगी।
कुर्सी की जरूरत हो सकती है
यह सवाल आजकल महिलाओं के जेहन में है कि क्या ब्रेस्टफीडिंग के लिए विशेष कुर्सी या तकिए की आवश्यकता होती है? हालांकि आजकल बाज़ार में फीडिंग चेयर और नर्सिंग तकिए भी उपलब्ध हैं, लेकिन इनकी जरूरत माता की स्थिति के अनुसार पड़ती है। जैसे, अगर ब्रेस्टफीडिंग कराने में दिक्कत महसूस हो रही है या बच्चे को हड्डियों में कोई तकलीफ है, बच्चे के गले या मुंह में कोई समस्या हो या फिर आपको अधिक सपोर्ट की ज़रूरत हो, तो उन स्थितियों में इन उत्पादों को खरीदा जा सकता है। नर्सिंग तकिए से बच्चे को भी सपोर्ट और मदद मिलती है। हालांकि जिन बच्चों को ये समस्या नहीं है उनके लिए इन उत्पादों को खरीदने की कोई ज़रूरत नहीं होगी।
ब्रेस्फीडिंग कब और कैसे करायें, इसके बारे में एक बार चिकित्सक से सलाह जरूर लें।
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