शिशु को कपड़े में लपेटना होता है फायदेमंद, क्या आपको इसका सही तरीका पता है?

गर्भ में बच्चे को मां के शरीर की गर्मी का एहसास होता है जबकि बाहर के तापमान के तापमान में खुद को एडजस्ट करने में उसे समय लगता है। दुनिया में आने के बाद भी शिशुओं को सुरक्षा की भावना का एहसास दिलाना जरूरी होता है।
  • SHARE
  • FOLLOW
शिशु को कपड़े में लपेटना होता है फायदेमंद, क्या आपको इसका सही तरीका पता है?


बच्चा जब छोटा होता है तब वो पूरी तरह अपने गार्जियन पर निर्भर होता है। ज्यादातर मां ही बच्चे का खयाल रखती है और वही उसकी जरूरतों को समझ पाती है। शिशु जब मां के गर्भ में होता है तो वो सुरक्षित महसूस करता है। शिशु को कपड़े में लपेटने के कई फायदे हैं जिसके बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते हैं और बहुत से लोग शिशुओं को लपेटने का सही तरीका भी नहीं जानते हैं इसलिए हम आपको बता रहे हैं शिशुओं को लपेटने का महत्व और सही तरीका।

क्यों लपेटा जाता है शिशु को

शिशु जब मां के गर्भ में होता है तो अपने शरीर की हर क्रिया के लिए मां पर निर्भर करता है इसलिए उसे गर्भ में सुरक्षा का एहसास होता है जबकि दुनिया में आने के बाद शिशु को सांस लेने और भोजन के लिए बाहर से स्वयं प्रयास करना पड़ता है। इसी तरह गर्भ में बच्चे को मां के शरीर की गर्मी का एहसास होता है जबकि बाहर के तापमान के तापमान में खुद को एडजस्ट करने में उसे समय लगता है। दुनिया में आने के बाद भी शिशुओं को सुरक्षा की भावना का एहसास दिलाना जरूरी होता है। इसके लिए मां की गोद शिशु को सुरक्षित महसूस होती है क्योंकि एक तो गोद में उसे गर्माहट का एहसास होता है और दूसरा शिशु पैदा होने के साथ ही सबसे ज्यादा मां को देखता है इसलिए मां से उसकी पहचान सबसे ज्यादा होती है। बच्चों को गर्भ जैसी सुरक्षा का एहसास करवाने के लिए ही छोटे बच्चों को पुराने समय से ही कपड़े में लपेटने की प्रथा है।

इसे भी पढ़ें:- जानिये किस उम्र में कौन सा सप्लीमेंट आपके शिशु के लिए है जरूरी

शिशु को लपेटने का तरीका

शिशु के शरीर के अंग बहुत ज्यादा नाजुक होते हैं इसलिए उसे ऐसे ही किसी कपड़े में लपेटना ठीक नहीं है। इसके अलावा अपनी असुविधा शिशु आपसे नहीं बता सकता और न ही वो अपनी असुविधा को खुद दूर करने में सक्षम है इसलिए शिशु को लपेटने का सही तरीका पता होना जरूरी है। इसके लिए सबसे पहले ध्यान दें कि शिशु को जिस कपड़े में लपेट रहे हैं वो अच्छी तरह साफ हो और नर्म हो। इसके लिए मुलायम टॉवेल और सूती कपड़ा उपयुक्त होता है। ऐसा ही एक कपड़ा ले कर किसी समतल जगह पर बिछा लें। अब कपड़े के ऊपरी दाहिने छोर को लगभग 15 सेन्टीमीटर मोड़ कर उसकी एक तह लगा लें। अब अपने शिशु को पीठ के सहारे लिटाकर उसका सिर उस तह पर रख दें। अपने शिशु के बायें हाथ के निकट के छोर को उसके शरीर के ऊपर से ले जाकर उसके दाहिने हाथ और पीठ के नीचे भी तह लगा लें। अब नीचे के छोर को खींच लें और शिशु की ठोढी के नीचे तह लगा दें। फिर दाहिने छोर को खींच कर उसके बायीं ओर नीचे एक और तह लगाएं। कुछ शिशु अपनी भुजायें खुली रखना पसंद करते हैं, इसलिए आप अपने शिशु को उसकी भुजाओं के नीचे लपेटें ताकि वह अपने हाथों और अंगुलियों को खुला रख सके।

इसे भी पढ़ें:- दूध के दांत निकलते समय बच्चों को हो सकती हैं ये 6 परेशानियां

शिशु को लपेटते समय इन बातों का ध्यान रखें

  • लपेटने से पहले जांच लें कि कहीं शिशु ने कपड़े गीले तो नहीं किये हैं या वो भूखा तो नहीं है।
  • शिशु का चेहरा या सिर न ढकें क्योंकि इससेउसे सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।
  • सिर को लपेटने से शिशु के शरीर का तापमान ज़रुरत से अधिक बढ़ सकता है।
  • सर्दियों के अलावा शिशु को लपेटने के बाद सामान्यत: उसे कम्बल या चादर की आवश्यकता नहीं होती है।
  • शिशु जब एक महीने का हो जाये तो उसे लपेटना बंद कर दें।
  • एक माह के बाद शिशु को अपने हाथ-पैर हिलाने की सहूलियत दें नहीं तो उनके अंगों को नुकसान पहुंच सकता है।
  • अगर शिशु बार-बार कपड़ा हटा रहा है तो समझें कि उसे लपेटा जाना पसंद नहीं है।
  • कमरे का तापमान ज्यादा होने पर शिशु को कपड़े में नहीं लपेटना चाहिए।
  • अगर लपेटे जाने के बाद शिशु को सांस लेने में तकलीफ हो तो कपड़ा तुरंत हटा दें।
  • शिशु अगर लपेटे जाने के बाद रोता है तो इसका मतलब है कि उसे बाहर का तापमान ही ज्यादा पसंद आ रहा है।

ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप

Read More Articles On New Born Care In Hindi

Read Next

जानिये किस उम्र में कौन सा सप्लीमेंट आपके शिशु के लिए है जरूरी

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version