
आज के समय में हर कोई फिट और हेल्दी रहना चाहता है। स्वस्थ रहने के लिए अच्छे खानपान और योग करने की जरूरत है। योग से आपके मन को शांति और शरीर में ताजगी आती है। योग करने से पहले आप स्ट्रेचिंग जरूर करें। इससे शरीर में चोट लगने की संभावना कम हो जाती है। स्ट्रेचिंग के लिए आप कई योगासन की मदद भी ले सकते हैं। ऐसा ही एक योगासन है सुप्त पादांगुष्ठासन योग। इसकी मदद से आपको लोअर बैक, पैर-एड़ियां, हैमस्ट्रिंग, पेल्विक और क्वाड्रिसेपेस मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद मिलती है। इसके अलावा इससे हार्मोन्स को बैलेंस करने में मदद मिलती है। साथ ही प्रजनन अंगों को भी स्वस्थ रखने में मदद मिलती है।
सुप्त पादांगुष्ठासन योग के फायदे
1. इस योगासन से शरीर में चेतना का विकास, ब्लड प्रेशर, कब्ज और सिक्स पैक्स एब्स बनाने में मदद मिलती है।
2. क्वाड्रिसेप्स और हैमस्ट्रिंग मसल्स को मजबूत बनाने में मदद मिलती है।
3. पैरों को सुडौल बनाने में मदद मिलती है। साथ ही यह रनर्स के लिए भी अच्छी स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज है।
4. इस अभ्यास से साइटिका और वेरिकोज वेन्स की समस्या को दूर करने में सहायता मिलती है।
5. कोर मसल्स, हाथों और कंधों की मांसपेशियों में खिंचाव आता है।
6. प्रजनन अंगों में मजबूती आती है और शरीर में हार्मोन बैलेंस बनाए रखता है।
7. मूत्राशय और हाइड्रोशील की समस्या में भी राहत मिलती है।
8. शरीर में ब्लड सर्कुलेशन भी सही रहता है।
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सुप्त पादांगुष्ठासन करने का तरीका
1. योग मैट पर शवासन में लेट जाएं।
2. धीरे-धीरे पैरों और पंजों को स्ट्रेच करें और एड़ियों की मदद से पैरों को दबाएं।
3. सांस को छोड़ते हुए, दाएं घुटने को सीने तक लेकर जाएं।
4. दाएं तलवे की खाली जगह पर एक स्ट्रैप फंसा सकते हैं।
5. अगर आपको सहजता महसूस हो, तो पैर के अंगूठे को दो अंगुलियों से पकड़ लें।
6. अब दाएं पैर को छत की तरफ सीधा करने की कोशिश करें।
7. हाथों की सीधा रखें और कंधे की मदद से फर्श पर दबाव बनाने की कोशिश करें।
8. बाएं पैर को दबाव देकर आगे की तरफ फैलाएं।
9. बाईं जांघ के ऊपरी हिस्से को बाएं हाथ से दबा सकते हैं।
10. दाएं पैरों के खिंचाव से टांग के पिछले हिस्से पर ज्यादा जबाव न डालें।
11. अगर आप आसन को और कठिन तरीके से कर सकते हैं, तो पैर को दाईं तरफ झुका सकते हैं।
12. पैर को मोड़ने पर बाएं पैर से 90 डिग्री का कोण बनाने की कोशिश करें।
13. बायां हिप्स इस दौरान पूरी तरह से जमीन के संपर्क में रहना चाहिए।
14. 30 सेकेंड के बाद स्ट्रेप को ढीला करते हुए पैरों को जमीन पर ले आएं और शरीर को शवासन की मुद्रा में वापस ले आएं।
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सुप्त पादांगुष्ठासन करने के टिप्स
1. सुप्त पादांगुष्ठासन का अभ्यास सुबह के वक्त ही करने से ज्यादा लाभ होता है।
2. अगर शाम को आसन कर रहे हैं, तो भोजन करने से 4 से 6 घंटे पहले योगासन करें।
3. आसन अभ्यास के दौरान पेट एकदम खाली होना चाहिए और ढीले कपड़े पहनने की कोशिश करनी चाहिए।
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सावधानियां
1. हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों सुप्त पादांगुष्ठासन योग न करें।
2. अगर आपके गर्दन में दर्द या परेशानी हो, तो इस अभ्यास को न करें।
3. घुटनों की समस्या और गाठिया दर्द होने पर सुप्त पादांगुष्ठासन योग नहीं करना चाहिए।
4. डायरिया और पेट में दर्द होने पर ये योगासन न करें।
5. सुप्त पादांगुष्ठासन योग को हमेशा योगा ट्रेनर की मदद से ही करें।