Benefits of Gudmar for PCOD: इन दिनों खानपान, जीवनशैली, लंबे समय तक बैठकर काम करने और तनाव के कारण महिलाओं में कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं देखी जा रही हैं। पीसीओडी महिलाओं को होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। यूनिसेफ द्वारा किए गए एक सर्वे के अनुसार, भारत में 22 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं पीसीओडी (What is PCOD) से पीड़ित हैं। पीसीओडी के कारण बाल झड़ना, जननांग पर ज्यादा बाल उगना, पीरियड्स के दौरान तेज दर्द और इनरेगुलर पीरियड्स की परेशानी देखी जाती है।
पीसीओडी से जूझने वाली महिलाएं इससे राहत पाने के लिए कई प्रकार की दवाएं, थेरेपी का सहारा लेती हैं। लेकिन आयुर्वेद में कई जड़ी-बूटियों को पीसीओडी (Benefits of Gudmar for PCOD) के समाधान के रूप में देखा गया है, जिनमें से गुड़मार (Gymnema Sylvestre) सबसे पहले स्थान पर आता है।
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गुड़मार क्या है?- What is Gudmar
दिल्ली स्थित आशा आयुर्वेदा की डायरेक्टर और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. चंचल शर्मा (Dr Chanchal Sharma, MD Ayurveda, Director of Aasha Ayurveda) के अनुसार, गुड़मार का पेड़ भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका जैसे अन्य देशों में भी पाया जाता है। वैज्ञानिक रूप से इसे जिमनामा सिल्वेस्टर के नाम से जाना जाता है। आयुर्वेद में गुड़मार के पत्तों का इस्तेमाल कई प्रकार की बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है। इसमें पीसीओडी भी शामिल है।
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पीसीओडी के लिए गुड़मार के फायदे- Benefits of Gudmar for PCOD
1. हार्मोन को करता है संतुलित- Gudmar balace women hormones
डॉ. चंचल शर्मा का कहना है कि पीसीओडी का मुख्य कारण हार्मोन असंतुलन और खराब जीवनशैली को माना जाता है। ऐसे में गुड़मार का सेवन काफी लाभकारी होता है। गुड़मार में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन को संतुलित करते हैं। इससे इनरेगुलर पीरियड्स और ओवुलेशन के दौरान होने वाली परेशानियां कम होती हैं।
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2. वजन को करें मैनेज- Manage your weight with Gudmar
पीसीओडी की समस्या में मोटापा और वजन बढ़ना काफी आम है। पीसीओडी में होने वाली वजन संबंधी परेशानियों को भी गुड़मार दूर करता है। गुड़मार के पत्ते में एंटी ऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं, जो आपके अंदर से कार्बोहाइड्रेट खाने की इच्छा को कम करते हैं। इससे आपका वजन नहीं बढ़ता है। गुड़मार मेटाबॉलिज्म को भी बूस्ट करता है, जिससे पीसीओडी के कारण बढ़ने वाला वजन भी नियंत्रित रहता है।
3. सूजन को करें कम- Gudmar reduces inflammation
हार्मोन असंतुलन के कारण पीसीओडी से पीड़ित महिलाओं के शरीर में सूजन की समस्या होती है। शारीरिक सूजन को कम करने में भी गुड़मार काफी फायदेमंद होता है। इसके पोषक तत्व शरीर की सूजन को कम करते हैं।
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4. ओवरी सिस्ट को करता है ठीक- Gudmar cures ovary cyst
डॉ. चंचल शर्मा की मानें तो पीसीओडी में महिलाओं की ओवरी में सिस्ट बन जाते हैं। सिस्ट की वजह से पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं और दर्द भी बहुत ज्यादा होता है। इन सिस्ट के साइज को बढ़ने से रोकने में भी गुड़मार सहायक होता है। पीसीओडी के कारण महिलाओं में होने वाले बांझपन की परेशानी को दूर करने में भी गुड़मार फायदेमंद है।
5. मुंहासों को करता है ठीक- Gudmar cures acne
गुड़मार में एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो पीसीओडी के कारण होने वाले मुहांसों से बचाते हैं और आपकी त्वचा को साफ सुथरा बनाए रखने में मदद करते हैं। नियमित तौर पर गुड़मार का सेवन एक सीमित मात्रा में किया जाए, तो यह पीसीओडी के कारण होने वाली सभी त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करते हैं।
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6. इंसुलिन रेजिस्टेंस में सुधार
पीसीओडी की जड़ अक्सर इंसुलिन रेजिस्टेंस होता है। जिससे शरीर में इंसुलिन का प्रभाव कम हो जाता है और ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने लगता है। गुड़मार ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है।
पीसीओडी में गुड़मार का सेवन कैसे करें?
स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. चंचल शर्मा के अनुसार, पीसीओडी की समस्या में गुड़मार की सूखी पत्तियों का पाउडर सुबह-शाम गुनगुने पानी के साथ खाना चाहिए। अगर आपको सूखे पत्ते चबाने में किसी प्रकार की परेशानी आ रही है, तो आप गुड़मार के पत्तों को पानी में उबालकर इसका काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं।
निष्कर्ष
गुड़मार पीसीओडी के कई लक्षणों को कम करने में एक प्रभावी और आयुर्वेदिक उपाय है। गुड़मार का सेवन करने से पीसीओडी के दौरान होने वाले हार्मोनल असंतुलन, वजन बढ़ना और ओवुलेशन संबंधी परेशानियों से बचा जा सकता है। लेकिन जो महिलाएं पीसीओडी के लिए किसी प्रकार की आयुर्वेदिक या कोई अन्य दवा ले रही हैं, तो उन्हें गुड़मार का सेवन एक्सपर्ट की सलाह पर ही करना चाहिए।
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