सेहतमंद रहने के लिए बैलेंस लाइफस्टाइल और पौष्टिक खानपान को अपनाना बेहद जरूरी है। आजकल की दौड़ती-भागती जिंदगी में लोग अक्सर छोटी-छोटी बीमारियों के लिए भी दवाइयों का सहारा लेने लगते हैं, जबकि प्रकृति ने हमें कई ऐसे औषधीय पेड़-पौधे हैं जो बिना किसी साइड इफेक्ट के फायदे देते हैं। इन्हीं में से एक है करंज का पेड़। करंज के पत्तों का उपयोग कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में किया जाता है। करंज का पेड़ भारत के लगभग हर हिस्से में पाया जाता है और इसके पत्तों, फूलों, बीजों और तेल का उपयोग आयुर्वेदिक औषधियों में किया जाता है। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, करंज के पत्तों के फायदे और इस्तेमाल के तरीके क्या हैं?
करंज के पत्तों के फायदे - Benefits Of Karanj Leaves
1. वातिक पीड़ा और जोड़ों के दर्द में राहत
आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से करंज के पत्ते वात दोष को शांत करने में बहुत सहायक होते हैं। विशेष रूप से वातिक पीड़ा, जिसमें बहुत दर्द और इचिंग (खुजली) होती है, जैसे कि आमवात और संधिवात (arthritis), में करंज के पत्तों का उपयोग बेहद प्रभावी है। इन पत्तों को काढ़े के रूप में उबालकर सेंका जाता है और फिर इसका उपयोग जोड़ों पर किया जाता है। यह दर्द को शांत करने के साथ-साथ सूजन को भी कम करता है।
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2. पाचन और आंतों से जुड़ी समस्याओं में लाभकारी
करंज के पत्तों का उपयोग पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए भी किया जाता है। आयुर्वेद में इसे उदरेच्छ और अतिसार (diarrhea) में विशेष रूप से लाभकारी माना गया है। करंज के पत्ते पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं और आंतों की कार्यप्रणाली को सुधारते हैं। इसके अलावा, यह शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में भी मदद करता है। करंज के पत्तों का चूर्ण बना कर इसे पानी के साथ लिया जा सकता है। यह आंतों को साफ रखने में मदद करता है और पाचन को सही करता है।
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3. शीत पित्त में आराम
आयुर्वेद के अनुसार, करंज के पत्तों का स्वरस (juice) शीत पित्त की समस्या को दूर करने में कारगर होता है। इसे दही, नमक और काली मिर्च के साथ मिलाकर सेवन करने से शीत पित्त से राहत मिलती है।
4. बवासीर और शोथ में लाभ
करंज के पत्तों का उपयोग बवासीर और शोथ (inflammation) को शांत करने के लिए भी किया जाता है। बवासीर की समस्या में करंज के पत्तों के उपयोग से खून बहने की समस्या को कंट्रोल किया जा सकता है। इसके अलावा, करंज के पत्ते शरीर के भीतर सूजन (inflammation) को कम करने के लिए भी काम करते हैं।
5. त्वचा संबंधित समस्याओं में उपयोग
करंज के पत्ते त्वचा की कई समस्याओं, जैसे की कील-मुंहासे, फुंसी और खुजली में भी सहायक होते हैं। इसके एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण त्वचा की समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं।
निष्कर्ष
करंज के पत्ते न केवल शारीरिक दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं, बल्कि पाचन, त्वचा, श्वास और बवासीर जैसी समस्याओं में भी लाभकारी है। हालांकि, किसी भी औषधि का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है। विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं और बच्चों को किसी भी प्राकृतिक औषधि का सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए।
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