
शादी को खुशहाल जीवन का फॉर्मूला माना जाता है, यह एकाकीपन दूर कर दो लोगों को एक साथ रहने और एक-दूसरे के सुख-दुख को अपनाने का बंधन माना जाता है। शादी के बाद संबंधों में थोड़ी नोकझोंक चलती है, लेकिन अगर शादी के बाद रिश्ते ज्यादातर खराब रहते हैं। पति-पत्नी एक दूसरे को पसंद नहीं करते हैं तो इसे खराब शादी कहा जाता है और इसका सीधा असर दिल पर पड़ता है। यानी अगर शादी के बाद आपके संबंध खराब रहते हैं तो आपका दिल कमजोर हो सकता है। इस लेख में जानिये खराब शादी का दिल पर कैसे प्रभाव पड़ता है। 
शोध के अनुसार
एक शोध में यह बात सामने आयी है कि खराब शादी दिल को कमजोर बनाती है। यह शोध 'हेल्थ और सोशल बिहैवियर' नामक पत्रिका में छपा। इसके लिए शोधकर्ताओं ने 1200 जोड़ों को चुना जिनकी उम्र 57 से 85 के बीच थी। इन शादीशुदा जोड़ों के व्यवहार पर शोधकर्ताओं ने 5 साल तक अध्ययन किया। इस शोध में यह बात सामने आयी कि जो लोग शादी के बाद खुश नहीं रहते हैं उनमें दिल की बीमारियों के होने की संभावना अधिक रहती है।
मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी द्वारा किये गये इस शोध में यह बात भी सामने आयी कि उम्र बढ़ने के साथ दिल और कमजोर होता जाता है, और इसका अधिक असर पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक दिखता है।
इसके कारण रहता है तनाव
शादी के बाद अगर संबंध अच्छे नहीं हैं तो तनाव की समस्या अधिक देखी जाती है। एक-दूसरे की बात न मानना, एक दूसरे का निरादर करना, एक-दूजे को न समझना आदि कई ऐसे मामले हैं जो खराब शादी में रोज देखे जाते हैं। इसके कारण जोड़े के बीच नोकझोंक भी होती है, यही तनाव का कारण बनता है। इससे पति-पत्नी तनावग्रस्त रहने लगते हैं और इसका असर दिल पर पड़ता है। 
रक्त संचार प्रभावित होता है
तनाव के कारण रक्त संचार प्रभावित होता है और इससे दिल कमजोर होता है। शादी के बाद खराब संबंधों के कारण दंपत्ति अपने शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं देते जिसके कारण शरीर में रक्त संचार सुचारु तरीके से नहीं हो पाता है। इसके कारण दिल कमजोर होता है।
शादी का बंधन जीवनभर के लिए होता है, अगर शादी के बाद संबंध अच्छे नहीं तो इसका असर पति-पत्नी की दिनचर्या के साथ उनके पूरे जीवन पर पड़ेगा, इसे बेहतर बनाने रखने के लिए शादी के बाद संबंधों को बेहतर बनाना जरूरी है।
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