हम भारतीयों की शुरुआत सुबह एक कप चाय और उसके बाद टॉयलेट जाने से शुरू होती है। आजकल अक्सर लोग मोबाइल फोन लेकर टॉयलेट जाते हैं और घंटों तक सीट पर बैठकर फोन पर सोशल मीडिया को स्क्रॉल करते रहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं टॉयलेट सीट पर बैठकर लंबा समय बिताने के कारण आपको बीमारियां घेर सकती हैं। दिल्ली की एम्स की न्यूरोलॉजिस्ट और हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. प्रियंका शेरावत का कहना है कि टॉयलेट की सीट के हर एक इंच पर 50 से ज्यादा बैक्टीरिया पाए जाते हैं। आप जितना लंबा समय टॉयलेट सीट पर बिताते हैं, उतने ही ज्यादा कीटाणु आपके संपर्क में आते हैं और बीमारियों का कारण बनते हैं। डॉ. प्रियंका ने हालही में इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है और बताया है कि कैसे आप टॉयलेट सीट के कीटाणुओं को खत्म कर सकते हैं और बीमारियों से बचाव कर सकते हैं।
टॉयलेट सीट पर कौन-कौन से बैक्टीरिया होते हैं?
डॉक्टर के अनुसार, टॉयलेट सीट पर छोटे सूक्ष्मजीव, बैक्टीरिया और वायरस ढेरों की मात्रा में होते हैं। जैसे कि स्टाफीलोकोकस, कैम्पिलोबैक्टर, एंटिरोकोकस, एस्केरेशिया कॉली, साल्मोनेला, शिगेला, स्ट्रीप्टोकोकस और येर्सिनिया बैक्टीरिया टॉयलेट सीट पर पाए जाते हैं। जब यह बैक्टीरिया इंसान के शरीर से संपर्क बनाते हैं, तो कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ के अनुसार, टॉयलेट सीट पर मौजूद बैक्टीरिया हवा से संपर्क बनाते हैं और घर के अन्य लोगों को भी बीमार कर सकते हैं।
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टॉयलेट सीट पर मौजूद बैक्टीरिया से कैसे बचें?
डॉ. प्रियंका शेरावत का कहना है कि टॉयलेट सीट पर मौजूद बैक्टीरिया के संपर्क में न आने के लिए 3 रूल्स को फॉलो करना चाहिए। आइए आगे जानते हैं इसके बारे में...
1. टॉयलेट को ढककर फ्लश करें
अक्सर देखा जाता है कि लोग टॉयलेट का इस्तेमाल करने के बाद फ्लश को खुले में ही चलाते हैं। डॉक्टर के अनुसार, टॉयलेट में फ्लश को हमेशा ढककर ही चलाना चाहिए। ऐसा करने से बैक्टीरिया हवा में नहीं फैलते हैं और बीमारियों का खतरा कम होता है। वहीं, जो लोग टॉयलेट सीट पर बैठकर ही फ्लश चलाते हैं, उन्हें भी ऐसा करने से बचना चाहिए। दरअसल, जब आप टॉयलेट सीट पर बैठकर फ्लश चलाते हैं, तो बैक्टीरिया हवा, आसपास के वातावरण और शरीर से भी संपर्क बना लेते हैं और आपको स्किन व स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं।
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2. नियमित तौर पर टॉयलेट की सफाई करें
अक्सर घर की महिलाएं टॉयलेट की सफाई के लिए साबुन और सर्फ का इस्तेमाल करती हैं। साबुन और सर्फ के इस्तेमाल से टॉयलेट और बाथरूम की ऊपरी परत तो साफ नजर आती है, लेकिन यह बैक्टीरिया को नहीं खत्म कर पाते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, टॉयलेट की सफाई के लिए साबुन या सर्फ की बजाय विनेगर का इस्तेमाल करना चाहिए। विनेगर का इस्तेमाल करने से टॉयलेट सीट पर मौजूद पैथोजन और बैक्टीरिया की संख्या काफी कम हो जाती है। साथ ही, विनेगर टॉयलेट की बदबू को भी दूर करता है। एक्सपर्ट बताते हैं कि यूं तो रोजाना ही टॉयलेट और बाथरूम को सही तरीके से साफ करना चाहिए, लेकिन यह संभव नहीं है तो सप्ताह में 3 बार टॉयलेट की नियमित तौर पर सफाई जरूर करें।
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3. महिलाएं पी सेफ का करें इस्तेमाल
टॉयलेट के बैक्टीरिया और गंदगी आपसे संपर्क न बनाएं इसके लिए महिलाओं को पी-सेफ का इस्तेमाल करना चाहिए। डॉ. प्रियंका शेरावत के अनुसार, पी-सेफ का इस्तेमाल करने यूटीआई का खतरा कम होता है।
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