बैक्टीरियल और वायरल डायरिया में अंतर कैसे पहचानें? डॉक्टर से जानें

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बैक्टीरियल और वायरल डायरिया में अंतर कैसे पहचानें? डॉक्टर से जानें

दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद समेत पूरे उत्तर भारत में सर्दियों ने दस्तक दे दी है। सर्दियों का मौसम शुरू होते ही शिशुओं और बच्चों में संक्रमण से जुड़ी बीमारियों का खतरा देखा जा रहा है। इन दिनों शिशु में सर्दी, बुखार के साथ-साथ बैक्टीरियल इंफेक्शन और डायरिया के मामले भी तेजी से बढ़ते हैं। सर्दी, बुखार की समस्या को आसानी से समझा जा सकता है, लेकिन बैक्टीरियल इंफेक्शन और डायरिया में अंतर समझना कभी-कभी कठिन हो सकता है, क्योंकि दोनों स्थितियों के लक्षण एक जैसे ही दिख सकते हैं।

अगर आप शिशुओं में होने वाले बैक्टीरियल इंफेक्शन और डायरिया को लेकर कंफ्यूजन में हैं, तो आज इस लेख के माध्यम से हम आपको इन दोनों ही परेशानियों में अंतर कैसे पहचाना जा सकता है, इस बारे में बताएंगे। इस विषय पर शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. छाया शाह ने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर किया है। आइए जानते हैं इसके बारे में...

1. बैक्टीरियल इन्फेक्शन क्या है?

डॉ. छाया शाह के अनुसार, बैक्टीरियल इंफेक्शन एक ऐसा संक्रमण है, जो हानिकारक बैक्टीरिया के कारण पैदा होता है। दूषित पानी, खाना या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा ज्यादा होता है। बैक्टीरिया द्वारा उत्पन्न बीमारियां कई तरह की होती हैं, जैसे फूड पॉइजनिंग, यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI), निमोनिया और स्किन इंफेक्शन। बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा घर के अंदर रहने वाले शिशुओं से ज्यादा स्कूल जाने वाले बच्चों में देखा जाता है।

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बैक्टीरियल इन्फेक्शन के लक्षण क्या हैं?

शिशु रोग विशेषज्ञ की मानें, तो बैक्टीरियल इंफेक्शन होने पर शिशु और बच्चों को एक नहीं बल्कि कई लक्षण एक साथ नजर आ सकते हैं।

  • तेज बुखार
  • उल्टी और बार-बार मितली आना
  • पेट के निचले हिस्से में लगातार दर्द रहना
  • बुखार के साथ दस्त होना

डायरिया क्या है?

हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, डायरिया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें प्रभावित व्यक्ति को बार-बार पानी जैसे दस्त होते हैं। डायरिया गलत खानपान और ज्यादा मात्रा में दवाओं का सेवन करने की वजह से हो सकता है। आमतौर पर डायरिया दो प्रकार के होते हैं। एक्यूट डायरिया इससे प्रभावित व्यक्ति को अचानक से दस्त लग जाते हैं और यह एक से दो दिन में खुद से ही ठीक हो जाता है। वहीं, क्रोनिक डायरिया 2 से 3 सप्ताह तक चल सकता है।

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डायरिया के लक्षण

  • पानी जैसा मल बार-बार आना
  • पेट में दर्द और ऐंठन की समस्या
  • खाना खाते समय परेशानी

बैक्टीरियल इंफेक्शन और डायरिया में अंतर कैसे पहचानें?

1. बुखार

बैक्टीरियल इंफेक्शन में बुखार आमतौर पर तेज होता है और इसमें पेट से जुड़ी समस्याएं भी रहती हैं। वहीं, डायरिया की बात करें, तो इसमें बुखार की समस्या नहीं होती है।

2. दस्त

बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होने वाले दस्त में म्यूकस या खून आ सकता है, खासकर अगर पेट में किसी प्रकार का घाव हुआ हो। वहीं, आम डायरिया में मल के साथ ज्यादा मात्रा में पानी निकलता है। बैक्टीरियल इंफेक्शन के मल में सपॉट देखें जा सकते हैं। लेकिन डायरिया के मल में सपॉट नहीं होता है।

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3. पेट में दर्द

बैक्टीरियल इंफेक्शन होने पर प्रभावित व्यक्ति को लंबे समय तक पेट में दर्द हो सकता है। डायरिया के दौरान होने वाला दर्द सिर्फ मल त्याग के दौरान ही होता है।

कब करें डॉक्टर से संपर्क

अगर आपके शिशु एक दिन में 3 से 4 बार मल त्याग हो रहा है। दस्त के साथ शिशु को बुखार और शरीर में जकड़न की समस्या हो रही है, तो इस विषय पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डायरिया को ठीक करने के लिए सिर्फ जिंक सप्लीमेंट और ओआरएस की जरूरत होती है। जबकि बैक्टीरियल डायरिया को ठीक करने के लिए एंटीबायोटिक की जरूरत होती है। 

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निष्कर्ष

बैक्टीरियल इंफेक्शन और डायरिया में अंतर को समझने के लिए इसके लक्षणों पर ध्यान देने की जरूरत होती है। हर डायरिया बैक्टीरियल इंफेक्शन का संकेत नहीं होता है। इसलिए वक्त रहते दोनों के बीच अंतर को पहचानें और डॉक्टर की सलाह पर इलाज शुरू करवाएं।

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