
शिशु का जन्म माता-पिता के लिए खास होता है, उनके मन में बच्चे को लेकर कई तरह के सवाल होते हैं। आपके मन में ये भी सवाल हो सकता है कि बच्चे किस उम्र में देखना शुरू करते हैं। वैसे तो जन्म लेते ही बच्चों में देखने की क्षमता आ जाती है पर इसे पूरी तरह से विकसित होने में समय लगता है। इस लेख में जानेंगे कि बच्चे की आंख की दृष्टि का विकास कैसे होता है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
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बच्चा कब देखना शुरू करता है? (When baby start to see)
जन्म के बाद बच्चे देख सकते हैं पर इस दौरान वो पूरी तरह से साफ नहीं देख पाते। जन्म के तुरंत बाद वो हर रंग को नहीं देख पाते हैं। बच्चे की आंख की दृष्टि का विकास करीब 20/400 से शुरू होता है और 3 से 5 साल की आयु तक ये 20/20 हो जाता है। वहीं रंग की बात की जाए तो बच्चे पांच महीने के होने पर अलग-अलग रंगों को देखने की क्षमता रखते हैं।
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जन्म के दौरान बच्चे की दृष्टि कैसी होती है? (Baby eye sight development)
जन्म के दौरान बच्चे 8 से 10 इंच दूर रखी चीजों को देखने में सक्षम हो जाते हैं। इस चरण में बच्चे आंख को घुमाकर एक चीज से दूसरी चीज को देखने में सक्षम नहीं होते हैं। इस दौरान बच्चे के दिमाग और आंख की नसें विकसित हो रही होती हैं और काला और सफेद व ग्रे रंग बच्चे आसानी से देख पाते हैं। जैसे-जैसे बच्चे की आंख का रेटिना बनता है वैसे-वैसे बच्चे की आंख की रौशनी तेज होती जाती है।
जन्म से 2 महीने तक
इस चरण में बच्चे को धुंधला नजर आता है। आप बच्चे का ध्यान अपनी ओर लाने के लिए ब्राइट चीजों का इस्तेमाल न करें। जन्म के कुछ हफ्ते बाद आप नोटिस करेंगे कि बच्चे की आंख पूरी तरह से खुलने लगी है। इस दौरान बच्चे की आंख का प्यूपिल विकसित हो रहा होता है और आंख में ज्यादा लाइट जाती है।
2 से 4 महीने की उम्र
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इस उम्र में बच्चे कई रंग देखने और उसमें अंतर करने लगता है। बच्चों में रंग को देखने की क्षमता धीरे-धीरे बढ़ने लगता है। बच्चा इस स्टेज में चीजों पर ध्यान केंद्रित करता है, और उसकी आंख और दिमाग में कॉर्डिनेशन बेहतर होता है। इस उम्र में बच्चे चीजों की दूरी और नजदीकी को समझने में सक्षम हो जाते हैं।
4 से 8 महीने की उम्र
इस समय तक बच्चे की आंख में रंग देखने की क्षमता बन जाती है। बच्चा घर की चीजों और चेहरे को पहचानने लगता है। इस दौरान अगर आप बच्चे की आंख के सामने से कोई चीज हटाएंगे तो उसे समझ आ जाएगा। इस महीने में बच्चे की आंख की दृष्टि एक व्यस्क की तरह हो जाती है।
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9 से 12 महीने की उम्र
इस उम्र में बच्चे की आंख का रंग जैसा होगा वैसे ही उसे अपने आसपास के रंग नजर आएंगे। बच्चा इस स्टेज में गहराई से देखने और रंग को समझने लगता है। इस स्टेज में बच्चे आंख और मसल्स में बेहतर कॉर्डिनेशन बनाते हैं। इस आयु में बच्चे की दृष्टि अच्छी होती है। इस स्टेज में बच्चे दूर की चीजों को देखने लगेगा और दूर की चीजों में अंतर समझने लगेगा।
1 से 2 साल की उम्र
1 से 2 साल के बीच में बच्चे की आंख और हाथ का तालमेल बनता है। इस स्टेज में बच्चा अलग-अलग चीजों को देखता है, समझने की कोशिश करता है और आपकी बात भी ध्यान से सुनेगा। अगर बच्चा 1 से 2 साल के बीच है तो आपको उसकी आंखों का चेकअप करवाना चाहिए और कोई समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
जन्म के बाद आप बच्चों की आंखों का ख्याल रखें और आंख से जुड़ी कोई भी परेशानी होने पर नेत्र रोग विशेषज्ञ से मिलें।
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