नवजात शिशु या छोटे बच्चों के साथ कई ऐसी स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं जिनके बारे में वो ठीक से समझा या बता नहीं पाते ऐसे में आपको लक्षण व अन्य तरीकों से उनकी हेल्थ पर नजर रखना जरूरी होती है, ऐसी ही एक समस्या है आंख में इंफेक्शन। बच्चों की आंख में इंफेक्शन का मुख्य कारण फंगल या बैक्टीरियल इंफेक्शन हो सकता है जो आगे चलकर उनके लिए बड़ी समस्या न बन जाए इसलिए आपको पहले ही लक्षण को पहचानकर और बचाव के तरीके अपनाकर बच्चों की आंख को इंफेक्शन से बचाना चाहिए। इस लेख में हम छोटे बच्चों की आंख में इंफेक्शन है या नहीं इसे चेक करने का तरीका जानेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के डफरिन अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ सलमान खान से बात की।
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बच्चे की आंख में इंफेक्शन है या नहीं ये कैसे चेक करें? (How to check eye infection in babies)
- अगर बच्चा आंख को बार-बार झपकाए तो उस पर ध्यान दें।
- अगर बच्चे की आंख लाल हो तो ये इंफेक्शन के लक्षण (symptoms of infection in hindi) हो सकते हैं।
- बच्चे में चिड़चिड़ापन नजर आए या वो रोए तो उसे आंख से जुड़ी समस्या हो सकती है।
- बच्चे का हाथ बार-बार आंख पर जाए तो भी हो सकता है उसे जलन या खुजली हो रही है।
- बच्चे की आंख के आसपास सूजन या रेडनेस नजर आए तो उसका चेकअप जरूर करवाएं।
- जब आप बच्चे को नहलाएं तब चेक करें कि उसकी आंख ठीक से खुल रही है या नहीं, अगर बच्चे की आंख में कचरा है तो उसे कॉटन कपड़े की मदद से क्लीन कर दें।
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बच्चे की आंख में इंफेक्शन नजर आने पर क्या करें? (How to deal with baby's eye infection)
अगर आपको बच्चे की आंख में रेडनेस, सूजन या डिस्चार्ज नजर आए तो इन बातों का ख्याल रखें-
- बच्चे की आंख में बिना डॉक्टर की सलाह के किसी तरह की आई ड्रॉप न डालें, छोटे बच्चों की आंखें बेहद नाजुक होती हैं।
- बच्चे की आंख में हाथ लगाने से बचें और बच्चे के हाथ को भी आंख न जाने दें, इससे समस्या बढ़ सकती है।
- हाथों को अच्छी तरह से क्लीन करके एक साफ कॉटन वाइप्स की मदद से बच्चे की आंख के बाहरी सतह को क्लीन करें।
छोटे बच्चे की आंख में इंफेक्शन के कारण (Causes of infection in baby's eye)
- फंगल इंफेक्शन के कारण (causes of fungal infection in hindi) छोटे बच्चे की आंख में इंफेक्शन हो सकता है।
- कंजक्टिवाइटिस के कारण भी छोटे बच्चे की आंख लाल हो सकती है।
- जन्म के समय बर्थ कैनाल में बैक्टीरिया की मौजूदगी के कारण भी बच्चे की आंख में इंफेक्शन हो सकता है।
बच्चे की आंख का चेकअप कब करवाएं? (When to go for baby's eye checkup)
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आपको बच्चे की आंखों का चेकअप साल में कम से कम दो बार करवाना चाहिए। नवजात शिशु की आंख का चेकअप तो जन्म के कुछ दिन बाद ही करवा लेना चाहिए ताकि ये सुनिश्चित हो सके कि बच्चे को किसी तरह की जन्मजात बीमारी तो नहीं है। उसके बाद आपको बच्चे की आंख का चेकअप दूसरे और छठे महीने फिर एक साल में करवाना चाहिए। इसके बार आपको हर साल दो बार चेकअप करवाते रहना है।
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क्लीनिकल एग्जामिनेशन करवाएं (Clinical examination of baby's eye)
डॉक्टर के मुताबिक अगर आप समय पर बच्चे की आंख का इलाज करवा लें तो उसे आगे चलकर परेशानी नहीं होती, आंखें कमजोर होने से बच जाती हैं और आंख से जुड़ी बीमारियों का सामना भी नहीं करना पड़ता। कई माता-पिता बच्चे की आंख को फैमिली डॉक्टर को दिखा देते हैं और ऊपर सतह ठीक नजर आने पर उन्हें यकीन हो जाता है कि आंखों में किसी तरह की परेशानी नहीं है जबकि आंखों से जुड़ी बीमारी का पता केवल क्लीनिकल एग्जामिनेशन की मदद से ही लगाया जा सकता है इसलिए आपको प्रशिक्षित आई स्पेशलिस्ट से चेकअप करवाना चाहिए।
आंख में इंफेक्शन का इलाज डॉक्टर अलग-अलग तरीकों से कर सकते हैं जैसे अगर बैक्टीरियल या फंगल इंफेक्शन है तो डॉक्टर बच्चे की आंख में डालने के लिए आई ड्रॉप दे सकते हैं।
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