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सर्दियों में बढ़ता है फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों का जोखिम, इन्हें मजबूत बनाने के लिए अपनाएं ये आयुर्वेदिक उपाय

सर्दियों में फेफड़ों को हेल्दी और मजबूत बनाए रखने के लिए सावधानियों का पालन करना बेहद जरूरी है। यहां जानिए, फेफड़ों को मजबूत बनाने के आयुर्वेदिक तरीके क्या हैं?
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सर्दियों में बढ़ता है फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों का जोखिम, इन्हें मजबूत बनाने के लिए अपनाएं ये आयुर्वेदिक उपाय

सर्दियों में ठंडी हवा, धूल और प्रदूषण के कारण फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं बढ़ जाती हैं। इसके अलावा यह मौसम उन लोगों के लिए कठिन होता है जिन्हें पहले से ही अस्थमा, ब्रोंकाइटिस या सांस से जुड़ी अन्य समस्याएं हैं। ठंडी हवा के संपर्क में आने से फेफड़ों की नलियां संकुचित हो जाती हैं, जिससे सांस लेना मुश्किल हो सकता है और सीने में जकड़न महसूस होती है। इसके अलावा, सर्दियों में वायरस और बैक्टीरिया तेजी से फैलते हैं, जिससे रेस्पिरेटरी सिस्टम में इंफेक्शन होने का खतरा भी बढ़ जाता है। कमजोर फेफड़े हमें जल्दी बीमार कर सकते हैं और सांस से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं। ऐसे में आयुर्वेद के कुछ खास उपायों को अपनाकर हम फेफड़ों को मजबूत बना सकते हैं। इस लेख में आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा से जानिए कि कैसे फेफड़ों को मजबूत बना सकते हैं।

फेफड़ों को मजबूत बनाने के आयुर्वेदिक तरीके

1. गाय के दूध में छोटी इलायची का सेवन

गाय के दूध में छोटी इलायची डालकर पीने से फेफड़ों को मजबूती मिलती है। यह एक एंटी-एलर्जिक ड्रिंक है और जनरल टॉनिक की तरह काम करती है। इसमें मौजूद पोषक तत्व फेफड़ों की सफाई करते हैं और ठंड से होने वाले संक्रमण को रोकने में मदद करते हैं।

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2. शहद और अदरक का मिश्रण

शहद और अदरक का मिक्स सभी प्रकृति वाले लोग ले सकते हैं। यह मिश्रण फेफड़ों को संक्रमण से बचाने में मदद करता है और साथ ही रेस्पिरेटरी सिस्टम को भी मजबूत बनाता है। शहद में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और अदरक के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण ठंड के कारण होने वाली सूजन और जलन को कम करते हैं।

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3. पिपली और शहद का सेवन

जिन लोगों की प्रकृति ठंडी होती है या जिन्हें कफ की समस्या रहती है, उनके लिए पिपली और शहद का सेवन फायदेमंद होता है। पिपली का सेवन रेस्पिरेटरी सिस्टम को मजबूत बनाता है और फेफड़ों से बलगम को पतला करके बाहर निकालता है। इसे भोजन के आधे घंटे बाद लेना चाहिए। ध्यान रखें कि पिपली की मात्रा आधा ग्राम से दो ग्राम के बीच ही होनी चाहिए।

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4. सुहागा और शहद का मिश्रण

खांसी और दमे की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए सुहागा और शहद का मिश्रण लाभकारी हो सकता है। यह बलगम को पतला करने में मदद करता है जिससे सांस लेने में राहत मिलती है। सर्दियों में ठंडी हवा से बचाव के लिए इसे एक बार सेवन किया जा सकता है, लेकिन अपने आयुर्वेदिक डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

5. खट्टे फलों का सेवन न करें

आयुर्वेद में खट्टे फलों का सेवन सर्दियों में शाम के वक्त नहीं करने की सलाह दी जाती है। खट्टे फल फेफड़ों की समस्याओं को बढ़ा सकते हैं, खासकर ठंड के मौसम में। इसके अलावा, यह बलगम को भी बढ़ाने का काम करता है जो रेस्पिरेटरी सिस्टम के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

निष्कर्ष

सर्दियों में ठंड के कारण फेफड़े ज्यादा सेंसिटिव हो जाते हैं, इस दौरान गहरी सांस लेने वाले योगासनों का अभ्यास करें जैसे कि प्राणायाम। यह फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने में मदद करता है और साथ ही रक्त संचार को सुधारता है। वहीं आयुर्वेद के इन उपायों को अपने डेली रूटीन में शामिल करके आप अपने फेफड़ों को हेल्दी और मजबूत बना सकते हैं। प्राकृतिक उपायों के जरिए न केवल फेफड़े बल्कि पूरे रेस्पिरेटरी सिस्टम को लाभ मिलता है।

All Images Credit- Freepik

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