हर्निया का आयुर्वेदिक इलाज: आयुर्वेदिक डॉक्टर से जानें हर्निया को ठीक करने के 3 आयुर्वेदिक नुस्खे

हर्निया का आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट, हर्निया हर्बल डाइट, हर्निया हर्बल ट्रीटमेंट, हर्निया हर्बल थेरेपी के बारे में एक्सपर्ट की राय जानने के लिए पढ़ें।
  • SHARE
  • FOLLOW
हर्निया का आयुर्वेदिक इलाज: आयुर्वेदिक डॉक्टर से जानें हर्निया को ठीक करने के 3 आयुर्वेदिक नुस्खे

हर्निया का सही समय पर इलाज न किया जाए व लाइफस्टाइल में एहतियात बरतकर ठीक न किया जाए तो ऑपरेशन की नौबत आती है। आइए इस आर्टिकल में हम हर्निया के आयुर्वेदिक इलाज के बारे में जानते हैं, जिसमें जमशेदपुर के सिदगोड़ा में रहने वाले आयुर्वेदिक डॉक्टर प्रताप चौहान से बात कर बीमारी से बचाव के आयुर्वेदिक इलाज, ट्रीटमेंट और थेरेपी के बारे में जानते हैं। आइए इस आर्टिकल में हम हर्निया हर्बल ट्रीटमेंट, हर्निया हर्बल डाइट, हर्निया हर्बल थेरेपी के बारे में एक्सपर्ट से विस्तारपूर्वक बात करते हैं।

हर्निया बीमारी होने का कारण

इस बीमारी के होने से मरीज को कई प्रकार की समस्याएं होती हैं। आयुर्वेदिक डॉक्टर बताते हैं कि कई बार आपने देखा होगा कि शरीर के पेट में कुछ बाहर की ओर निकल जाता है। हमारे शरीर के अंदर के अंग में आसपास कोई कमजोर मांसपेशी मिल जाती है तो उसमें अंग प्रवेश कर जाता है। इस कारण शरीर में बाहर से दिखने पर अंग दिखता है। जैसे नाभि के ऊपर हर्निया होता है तो नाभि बाहर (हाइटल हर्निया) की ओर आ जाता है। कुल मिलाकर कहे तो ऑर्गन एक जगह से दूसरे कमजोर अंग में प्रवेश कर जाता है। आयुर्वेद में इसे अंग की वृद्धि रोग कहा जाता है। 

इन मुख्य कारणों से हो सकता है हर्निया 

  • पेट साफ न होने की वजह से
  • पेट में पानी आ जाने के कारण 
  • जो ज्यादा वजन उठाते हैं, एक्सरसाइज करने वाले लोग ज्यादा भारी वेट उठाने के कारण
  • आपको लंबे समय से खांसी हुई हो, आप दिनभर खांसते रहेते हैं
  • प्रेग्नेंसी के समय में पेट में एक जगह काफी प्रेशर पड़ने की वजह से 
  • टॉलेट जाते हैं तो कुछ लोगों की आदत होती है कि वो पेशाब व मल त्यागने वक्त जोर लगाते हैं

इन तमाम कारणों से यह बीमारी हो सकती है। जितना हो सके शरीर को नेचुरल तरीके से रखने का प्रयास करना चाहिए। शरीर पर एक्सट्रा बोझ नहीं डालना चाहिए। ऐसा कर बीमारियों से बचाव कर सकते हैं। 

Hernia Ayurveda treatment

हर्निया हो गया है तो क्या करें व क्या नहीं

आयुर्वेदिक डॉ. बताते हैं कि यदि हर्निया आपको हो चुका है तो इन आदतों को लाइफस्टाइल में अपना सकते हैं, जैसे; 

  • वैसा कोई भी काम नहीं करना चाहिए जिससे पेट पर ज्यादा प्रेशर बने। 
  • पेट पर प्रेशर न बने इसके लिए ज्यादा पानी नहीं पीना चाहिए
  • एक बार में जरूरत से ज्यादा भोजन का सेवन नहीं करना है। ऐसा नहीं है कि आप एकदम भी खाना न खाएं या बिल्कुल कम खाना खाएं। मरीज की कोशिश यही होनी चाहिए कि वो थोड़ी-थोड़ी मात्रा में कर टाइम गैप लेकर कई बार भोजन करें। 
  • पेट साफ रखने का प्रयास करें
  • मैदा युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने की बजाय फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ व फलों का सेवन करें, इससे मोशन क्लीयर होना

इन तमाम चीजों से करें परहेज

  • यदि वजन उठाने का आपका काम है तो उसे न करें
  • धूम्रपान व तंबाकू युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं तो उसे नहीं करना चाहिए
  • खाने में जंक फूड से परहेज करने के साथ तेल व मसालेयुक्त भोजन से बचाव करना चाहिए, यह खाना पचने में काफी समय लगता है। यह पचेगा नहीं तो गैस बनेगा जिससे आपको कई दिक्कतें होंगी, पेट पर प्रेशर बढ़ेगा
  • मिठाईयों का सेवन कम से कम करें
  • आप जो भी खाना खा रहे हैं उसकी मात्रा पर खास ध्यान देना चाहिए, भूख से थोड़ा कम ही खाएं ताकि अपच की समस्या से बच सकें
Hernia treatment

इफस्टाइल में क्या कुछ करें बदलाव

डॉ. प्रताप बताते हैं कि यह बीमारी हमारे वजन से जुड़ी हुई भी है। लोगों की कोशिश यही होनी चाहिए कि वजन न बढ़े। बीमारी का बड़ा कारण ओबेसिटी भी है। इसलिए उम्र व लंबाई के हिसाब से वजन होना चाहिए। 

इसके अलावा आयुर्वेद में यह लिखा भी है कि हमारे शरीर में जितना बल है उसकी आधी ऊर्जा को ही एक्सरसाइज में लगाना है। आप योग, स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज, प्राणायाम आदि को कर स्वस्थ्य रह सकते हैं। शरीर में जो रोग होते हैं, उसका कारण सूक्ष्म होता है। इसलिए योग को अपनाकर बीमारी से बचाव कर सकते हैं। 

इसे भी पढ़ें : क्या खाने (सॉलिड फूड्स) के साथ लिक्विड वाली चीजें लेना नुकसानदायक है? जानें क्या कहता है आयुर्वेद

आयुर्वेद में हर्निया का ट्रीटमेंट

डॉ. प्रताप बताते हैं कि आयुर्वेद में इस रोग का वर्णन है, इसके कारण, लक्षण, चिकित्सा आदि का भी जिक्र है। जरूरी है कि मरीज शुरुआती अवस्था में ही आयुर्वेदिक चिकित्सक के पास जाए। कुछ खाने वाली दवा, पेट पर लगाने वाले तेल आदि दिए जाते हैं। कई केस में अरहड़ का तेल व पत्ता सीधे लगाने के लिए दिया जाता है। पेट साफ रखने की औषधी दी जाती है। अग्निकर्म व दाहकर्म कर इलाज किया जाता है। इसके अलावा डॉक्टर मरीज से बात कर उनके लक्षण के अनुसार इलाज करते हैं। तनाव व डिप्रेशन एसिडिटी को बढ़ाता है। 

Hernia Diet

मूली के साथ क्या खाना हो सकता है खतरनाक

मूली के साथ अक्सर लोग कुछ मिलाकर सेवन करते हैं। इससे खाना स्वादिष्ट हो जाता है। डॉक्टर बताते हैं कि हमें स्वाद तक ही सीमित नहीं रहना है। शरीर के अंदर जाकर विकार पैदा करते हैं। लोगों को समझ ही नहीं आता कि उन्हें बीमारी क्यों होती है। संभव है कि सही से न खाने के कारण उन्हें यह बीमारी हो।

  • मूली संतरे के साथ नहीं खाना चाहिए, मूली खाने के बाद संतरा न खाएं
  • करेले के साथ मूली का सेवन नहीं करना चाहिए
  • दूध के साथ मूली न खाएं
  • दही के साथ मूली न खाएं
  • शहद के साथ मूली न खाएं

बीमारी होने पर डॉक्टर से संपर्क

बीमारी यदि किसी को भी हो जाए तो इसे नजरअंदाज करने की बजाय डॉक्टरी सलाह लेना चाहिए। कई बार लोग सोचते हैं कि इससे किसी प्रकार की समस्या तो हो नहीं रही है तो उसे नजरअंदाज करते हैं। आयुर्वेदिक डॉक्टर बताते हैं कि शरीर में किसी भी प्रकार का बदलाव होने पर डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। 

Read More Articles On Ayurveda

Read Next

बुखार, अनिद्रा जैसी इन 7 समस्याओं को दूर करे सहदेवी, आयुर्वेदाचार्य से जानें इस्तेमाल करने का तरीका

Disclaimer