वर्तमान समय में शारीरिक कमजोरी एक ऐसी समस्या है, जिससे कई लोग जूझ रहे हैं। दरअसल, तेजी से बदलती लाफस्टाइल और खानपान की आदतों के कारण ज्यादातर लोगों में शारीरिक कमजोरी जैसी समस्याएं हो रही हैं। शारीरिक कमजोरी को दूर करने के लिए बाजार में कई तरह की दवाएं और टॉनिक आते हैं, लेकिन इनका सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करना चाहिए। आयुर्वेद की बात करें तो इसमें शारीरिक कमजोरी और थकान को दूर करने के लिए कई प्रकार की औषधियों का वर्णन किया गया है, जिनमें से एक प्रमुख औषधि है शिरीष। शिरीष (Albizia lebbeck) एक प्रसिद्ध औषधीय पौधा है जिसका उपयोग आयुर्वेद में विभिन्न रोगों के उपचार के लिए किया जाता है। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) आयुर्वेद के अनुसार शिरीष के फायदे और उपयोग के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
शारीरिक कमजोरी में शिरीष का सेवन
आयुर्वेद के अनुसार शारीरिक कमजोरी का मुख्य कारण वात और पित्त दोष का असंतुलन होता है। ऐसे में शिरीष की तासीर ठंडी होती है, जो वात और पित्त को शांत करने में सहायक है। यह शरीर में एनर्जी लेवल को बढ़ाने और मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करने में मदद करता है। आयुर्वेदाचार्य की सलाह पर सीमित मात्रा में नियमित रूप से शिरीष का सेवन करने से शरीर में कमजोरी और थकान की समस्या को दूर किया जा सकता है। शिरीष का सेवन शरीर की ताकत को बढ़ाता है, मांसपेशियों को मजबूत करता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी को भी बढ़ाता है। यह कमजोरी और थकान को कम करता है और व्यक्ति को एनर्जेटिक महसूस होता है।
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शिरीष न केवल शारीरिक कमजोरी को दूर करने में सहायक है, बल्कि इसके अन्य भी कई स्वास्थ्य लाभ हैं। यह रक्तशोधक के रूप में काम करता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक हो सकता है। शिरीष का उपयोग त्वचा रोगों, श्वास रोगों और आंतों के विकारों के उपचार में भी किया जाता है।
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शिरीष का सेवन कैसे करें?
आयुर्वेद में शिरीष का उपयोग विभिन्न रूपों में किया जाता है। शारीरिक कमजोरी को दूर करने के लिए शिरीष का काढ़ा, पाउडर और टेबलेट के रूप में सेवन किया जा सकता है। शिरीष के पत्तों और छाल का उपयोग औषधीय रूप में किया जाता है।
1. काढ़ा
शिरीष की छाल का काढ़ा तैयार करके उसे दिन में दो बार सेवन करना फायदेमंद होता है। काढ़ा तैयार करने के लिए शिरीष की छाल को पानी में उबालकर उसका अर्क निकाला जाता है। हालांकि, इसका सेवन आयुर्वेदाचार्य की सलाह से ही करना चाहिए।
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2. पाउडर
शिरीष का पाउडर रोज सुबह खाली पेट पानी के साथ लेने से शारीरिक कमजोरी दूर हो सकती है। इसकी मात्रा के बारे में पहले आयुर्वेदाचार्य से सलाह लें, उसके बाद ही सेवन करें।
3. टेबलेट
शिरीष के टेबलेट का सेवन भी किया जा सकता है, जिसे आयुर्वेदाचार्य की सलाह पर लिया जा सकता है।
सावधानी
शिरीष का सेवन करते समय मात्रा और विधि का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आयुर्वेदाचार्य की सलाह के बिना इसका सेवन करने से बचना चाहिए। इसके अलावा, शिरीष का सेवन गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और छोटे बच्चों को बिना चिकित्सीय सलाह के नहीं करना चाहिए। यदि किसी व्यक्ति को शिरीष से एलर्जी है तो इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
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