कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसके लक्षणों को यदि समय पर पहचान लिया जाए या समय पर इलाज शुरू कर दिया जाए तो इसका इलाज संभव है। लेकिन अगर जरा भी देरी हो गई या पीड़ित ने इलाज में लापरवाही बरत दी तो स्थिति मुश्किल हो जाती है। देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने हाल ही में इस बारे में कहा है कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के लिए आयुर्वेदिक इलाज होना चाहिए।
नायडू ने हाल ही में मेडिकल से जुड़े पेशेवरों व शोधकर्ताओं से कैंसर की रोकथाम व उपचार के लिए वैकल्पिक समाधन के लिए आयुर्वेद जैसी भारतीय प्रणाली में अनुसंधान करने को कहा है। नायडू ने उनसे पथप्रदर्शक खोज करने का आह्वान किया। उन्होंने देसी और लागत प्रभावी विकल्प तलाशने की आवश्यकता पर बल दिया, जो कैंसर के उपचार के लिए उपयोगी और खर्च वहन योग्य भी हो।
टाटा मेमोरियल सेंटर के दीक्षांत समारोह में अपने संबोधन में उप राष्ट्रपति ने कैंसर के प्रति जागरूकता जताते हुए कहा कि कैंसर के बारे में हर किसी को विस्तार से जानने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लोगों को विभिन्न तरह के कैंसर के लिए उपलब्ध इलाज की जानकारी होनी चाहिए।
नायडू ने कहा किभारत में कैंसर को लेकर लोगों में बड़ी चिंता है और यह मौत का दसवां सबसे बड़ा कारण बन गया है। इसका इलाज भी महंगा है। उन्होंने लोगों को जांच करवाने की सलाह दी जिससे आरंभिक अवस्था में कैंसर के बारे में पता चल सके। उन्होंने कहा कि लोगों को खासतौर से अपने रहन-सहन और सोच में अपने मूल की तरफ जाना चाहिए। एक अनुमान के आधार पर भारत का खतरा बढ़ सकता है और 2012 में सामने आए करीब 10 लाख मामलों के मुकाबले 2035 में 17 लाख मरीज कैंसर से पीड़ित हो सकते हैं। टीएमसीएच में पंजीकृत मामलों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
कैंसर के पांच बडे लक्षण
- पेशाब और शौच के समय आने वाला खून।
- खून की कमी जिससे एनीमिया हो जाता है, थकान और कमजोरी महसूस करना, तेज बुखार आना और बुखार का ठीक न होना।
- खांसी के दौरान खून का आना, लंबे समय तक कफ आना, कफ के साथ म्यूकस आना।
- स्तन में गांठ, माहवारी के दौरान अधिक स्राव होना।
- कुछ निगलने में दिक्कत होना, गले में किसी प्रकार का गांठ होना, शरीर के किसी भी भाग में गांठ या सूजन होना।