बवासीर एक बहुत ही दुखदायी और तकलीफ देने वाला रोग है जिसमें मरीज को कहीं पर भी बैठने में काफी परेशानी होती है। इसमें मरीज के गुदा द्वार में मस्से हो जाते हैं जिनमें निरंतर खून बहने और अत्यधिक दर्द होने के कारण मरीज काफी कमजोर और दुखी हो जाता है। इस स्थिति में ध्यान न दिया जाए तो मस्से फूल जाते हैं और एक-एक मस्से का आकार मटर के दाने या चने बराबर हो जाता है। ऐसी स्थिति में मल विसर्जन करते समय तो भारी पीड़ा होती है। अनियमित दिनचर्या और गलत खान-पान के चलते आज अधिकतर लोग इस समस्या से ग्रस्त है। बवासीर में होने वाला दर्द असहनीय होता है। बवासीर मलाशय के आसपास की नसों की सूजन के कारण विकसित होता है। बवासीर होने पर कुछ आहारों का सेवन आपकी तकलीफें बढ़ा सकता है इसलिए इनका सेवन न करें।
हरी या लाल मिर्च
बवासीर के रोगी को हरी मिर्च नहीं खाना चाहिए क्योंकि हरी मिर्च का सेवन मरीज के दर्द और जलन की समस्या को बढ़ा सकता है। मिर्च पाईल्स के जख्म को दोबारा सक्रिय कर देती है। लाल मिर्च के प्रयोग में भी सावधानी बरतें और बहुत ही सीमित मात्रा में इसका प्रयोग करें। कई बार पाईल्स ठीक होने के बाद मिर्च के सेवन से ये दोबारा सक्रिय हो जाती है। इसके अलावा गर्म मसाले, चटपटा खाने से बचें। गर्म मसाला, चटपटा, तीखा खाना गुदा के संक्रमण को और ज्यादा बढ़ा देता है।
धूम्रपान और गुटखा
बवासीर होने पर नशीले पदार्थों का सेवन पूरी तरह बंद कर देना चाहिए। सुपारी, गुटखा, पान मसाला, सिगरेट आधि का सेवन आपकी तकलीफ को बढ़ा सकता है। हर तरह की सुपारी युक्त चीजें खाने से बचें। सुपारी बवासीर के जख्म को दोबारा सक्रिय कर सकती है।
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बासी खाना खाने बचें
बवासीर होने का प्रमुख कारण है लम्बे समय तक कठोर कब्ज बना रहना है। इस कारण इस रोग में ऐसी चीजें ही खानी चाहिए जो आसानी से पच सके और स्वास्थ्य के लिहाज से बेहतर हो। बवासीर में बासी भोजन, उरद की दाल, मांस, मछली, अंडा, चना, खटाई आदि का सेवन न करें।
बाहर का खाना
बवासीर होने पर बाहर का खाना खाने से परहेज करना चाहिए क्योंकि बाहर के खाने में नमक, मिर्च और साफ सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता है जबकि घरों में खाना सफाई से बनाया जाता है और मसालों का कम इस्तेमाल किया जाता है। अस्वस्थ खाने से पाइल्स का संक्रमण बढ़ सकता है और दर्द भी बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।
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फाइबरयुक्त आहार खाएं
कब्ज पाइल्स की सबसे प्रमुख वजह है। इससे बचने के लिए फाइबर से भरपूर चीजों का सेवन करना चाहिए। फाइबर की मात्रा हरी और रेशेदार सब्जियों, दालों, ताजे फलों और मेवों में खूब होती है। फाइबर आंतों की गंदगी को साफ करता है और मल के कड़ेपन को दूर करता है इसलिए इनके सेवन से मलत्याग के समय आपको तकलीफ नहीं होती है। इसके अलावा ध्यान रखें कि खूब पानी पिएं।
ये भी याद रखें
बवासीर के दौरान सॉफ्ट और नमी वाले टॉयलेट पेपर का प्रयोग करें और पोंछने की बजाय पेपर से थपथपाएं। इसके अलावा ढीले अंडरवियर पहनें। टाइट अंडरवियर की वजह से पाइल्स पर रगड़ आ सकती है, जिससे दिक्कत होगी।
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