तनावग्रस्‍त व्‍यक्ति से कभी न कहें ये 5 बातें

तनाव एक तरह की मानसिक स्थिति है जिसमें दुख और निराशा होती है, इसका सामना करने और इससे उबरने में आसपास मौजूद लोगों का अहम योगदान होता है, ऐसे में आपके पास कोई तनावग्रस्‍त व्‍यक्ति है तो उससे इस तरह की बातें बिलकुल न बोलें।
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तनावग्रस्‍त व्‍यक्ति से कभी न कहें ये 5 बातें


डिप्रेशन यानी तनाव ऐसी स्थिति है जिसमें व्‍यक्ति अकेला और दुखी महसूस करता है। वर्तमान में तनाव का सामना सभी कर रहे हैं, क्‍योंकि हमारी दिनचर्या ऐसी हो गई है। ऐसे में तनाव ग्रस्‍त व्‍यक्ति के साथ अगर किसी की सहानुभूति हो तो वह व्‍यक्ति इस समस्‍या का सामना भी आसानी से कर सकता है साथ ही इस समस्‍या से आसानी से उबर भी सकता है। ऐसे में अगर आपके आसपास कोई तनावग्रस्‍त इनसान है तो उससे इन बातों को बिलकुल भी न बोलें, नहीं तो उसे और दुख हो सकता है।
Depressed Person in Hindi

सभी को होता है

तनाव का सामना सभी करते हैं, उसमें आप भी हो सकते हैं। ऐसे में अगर आपके आसपास कोई इनसान है तो उसे ये बात बिलकुल न बोलें कि तनाव सभी को होता है। क्‍योंकि यह खराब दिनचर्या के साथ हो सकता है या फिर किसी भी बात को लेकर व्‍यक्ति को तनाव हो सकता है, इसमें इस बात को बोलने से तनाव बढ़ सकता है।

दुआ नहीं दवा चाहिए

तनाव एक तरह का मानसिक विकार है, इससे उबरने के लिए लोगों की सहानुभूति चाहिए न कि दुनियाभर की दवा। क्‍योंकि तनाव से बचाने वाली दवायें फायदा कम नुकसान अधिक करती हैं। ऐसे में किसी तनावग्रस्‍त व्‍यक्ति से यह न बोलें कि उसे दुआ नहीं दवा चाहिए।


आप कुछ नहीं कर सकते

किसी इनसान की प्रतिभा का मूल्‍यांकन कोई नहीं कर सकता है, हां कुछ समय के लिए उसकी प्रतिभा दब सकती है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह कुछ भी करने के योग्‍य नहीं, और अगर कोई तनावग्रस्‍त है तो वह किसी तरह का रचनाशील काम नहीं कर सकता है। ऐसे में उसे यह नहीं बोलना चाहिए कि आप क्रिएटिव वर्क नहीं कर सकते हैं।

खुशियां इच्‍छा से मिलती हैं

कोई ऐसा इनसान नहीं है जो खुश नहीं रहना चाहता, सभी चाहते हैं कि उसके जीवन में खुशियां ही खुशियां हों, दुख और दर्द बिलकूल न हो। लेकिन जब डिप्रेशन होता है तब खुशियां दूर चली जाती हैं, दुख और दर्द रह जाता है। ऐसे में किसी तनावग्रस्‍त इनसान से ये बिलकुल न बोलें कि उसके हिस्‍से में खुशियां नहीं हैं।

Depressed in Hindi
कहीं ड्रामा तो नहीं

'दुनिया एक रंगमंच है और हम इसके कलाकार' शेक्‍सपीयर ने सार्वभौमिक सत्‍य बोला था। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि जीवन में सभी लोग ड्रामेबाज हैं, और खुशियां, गम, भावनायें, ईर्ष्‍या सब दिखावा है। अगर कोई आपके पास ऐसा इनसान है जो तनाव में है तो उससे यह न कहें कि आप ड्रामा कर रहे हैं।

तनाव से बचना बहुत बड़ा काम नहीं है। लेकिन इसका सामना करने में और इससे उबरने में सबसे अधिक सहयोग आपके आसपास के माहौल का होता है।

 

Image Source- Getty

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