मौजूदा वक्त में किसी भी प्रकार के फल और सब्जियों को कच्चा खाने का चलन है। वे लोग, जो वजन घटाना चाहते हैं या फिट रहने का प्रयास करते हैं वे हमेशा फलों और कुछ सब्जियों को कच्चा खाना पसंद करते हैं। उनका मानना है कि कच्चे फल पोषक तत्वों से भरे होते हैं, उनमें कैलोरी कम और फाइबर ज्यादा होता है। दरअसल ऐसा माना है कि इन्हें पकाने से इसमें मौजूद पोषक तत्व और प्राकृतिक एंजाइम नष्ट हो जाते हैं, जो हमारे पाचन तंत्र के लिए नुकसानदेह साबित हो सकते हैं और यह हमें क्रॉनिक डिजिज की ओर ले जा सकते हैं। लेकिन आयुर्वेद का नजरिए इसके प्रति कुछ और है।
क्या कहता है आयुर्वेद
आयुर्वेद के मुताबिक, सभी खाद्य पदार्थों को कच्चा खाना आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं होता। आपको केवल फल, नट्स और सलाद को ही कच्चा खाना चाहिए लेकिन इन सब चीजों के अलावा आपको सभी चीजें पकाकर खानी चाहिए। प्राचीन चिकित्सा पद्धति का मानना है कि पका खाना हमारी दो तरीके से मदद करता है।
पहलाः गर्म भोजन आपके आंत में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है और पाचन प्रक्रिया में सुधार करता है।
दूसराः पका हुआ भोजन पेट में आसानी से टूट जाता है और पोषक तत्व शरीर द्वारा ठीक से अवशोषित हो जाते हैं।
इसे भी पढ़ेंः शरीर पर उभरी हुई गांठ (Lipoma) को दूर करने में कारगर है ये 2 आयुर्वेदिक तरीके, जानें गांठ को हटाने का तरीका
टॉप स्टोरीज़
क्या कहता है विज्ञान
न केवल आयुर्वेद बल्कि विज्ञान भी इस दावे का समर्थन कर चुका है। ऐसे कई शोध हैं, जिनमें स्पष्ट तौर पर यह बताया गया है कि पका हुआ भोजन, कच्चे भोजन से कितना ज्यादा फायदेमंद है। एक अध्ययन के मुताबिक, पानी में पकाए गए भोजन में अधिक एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। इसके अलावा कच्ची सब्जियों को पचाना बहुत मुश्किल होता है, जिसके कारण इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (आंतों का रोग है, इसमें पेट में दर्द, बेचैनी व मल करने में परेशानी होती है) जैसी समस्या हो सकती है।
इसे भी पढ़ेंः खून में यूरिया बढ़ने से हो सकते हैं कई नुकसान, इन 5 आयुर्वेदिक तरीकों से कम करें खून में यूरिया
कच्चा या पका कौन सा भोजन बेहतर
इसका मतलब ये नहीं है कि आप पूरी तरह से कच्चे खाद्य पदार्थों या सलाद खाना छोड़ दें। बस आपको थोड़ा ध्यान रखने की जरूरत है। आपके लिए अच्छा होगा कि आप सलाद लेने से पहले उसे हल्का सा गर्म कर लें, विशेष रूप से सर्दियों में। दरअसल सर्दियों में हमारा पाचन तंत्र गर्मियों के मुकाबले थोड़ा कमजोर हो जाता है। इसके अलावा कभी भी मानसून में कच्ची सब्जियां और फल नहीं खानी चाहिए क्योंकि इस वक्त बैक्टीरिया और वायरल संक्रमण अपने चरम पर होते हैं। सब्जियों को धोने और पकाने से बैक्टीरिया मर जाते हैं और ये हमें कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचाते हैं।
Read more articles on Ayurveda in Hindi