बच्चा पालना कोई आसान काम नहीं होता है। उसे कब किस चीज की जरूरत पड़ जाए यह बात वह बोल कर नहीं बता सकता। लेकिन पेरेंट्स को खुद ही उसकी आवश्यकताओं के बारे में पता करना पड़ता है। इसी तरह बच्चे के बड़े होने के साथ-साथ उसे पालने से बेड पर कब सुलाना चाहिए जानने की जरूरत है। क्योंकि अक्सर माता पिता के मन में इस बात को लेकर दुविधा रहती है कि उन्हें कब से अपने बच्चे को पालने से बेड पर स्विच कर देना चाहिए। मदरहुड हॉस्पिटल में सीनियर आब्सट्रिशियन एंड गायनोकोलॉजिस्ट डॉ मनीषा रंजन बताती हैं कि वैसे तो बच्चा जब 18 महीने का हो जाए तब उसको बेड पर सुलाना शुरू कर देना चाहिए। हालांकि इस उम्र में कुछ बदलाव भी हो सकता है जो कि बच्चा कितना एक्टिव है उस पर निर्भर करता है। बेड पर सुलाना बच्चे के लिए अधिक आरामदायक रहता है और वह इसमें सुरक्षित महसूस भी करते है। इसके अलावा निम्न लक्षणों से भी पहचाना जा सकता है कि आपको अपने बच्चे को पालने से बेड पर सुलाना शुरू कर देना चाहिए।
1. वह पालने से नीचे उतरने में सफल हो रहे हैं :
अगर आपका बच्चा पालने से नीचे उतरने का प्रयास कर रहा है तो इसका मतलब है अब उसे एक बड़े स्पेस की जरूरत है। अगर बच्चे के लिए बेड तैयार करने में समय लग रहा है और तब तक कोई समाधान पाना चाहती हैं तो बच्चे के पालने के गद्दे को थोड़ा नीचे कर दें ताकि उसे बाहर निकलने में अब और अधिक परेशानी हो। इससे आपको उसका बेड तैयार करने का समय भी मिल जायेगा।
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2. वह आपकी देख रेख के बिना भी सही से रहते हैं
अगर आपका बच्चा आपको पता लगे बिना आधी रात में उठ जाता है और वह कुछ ऐसा नहीं करता है जिससे उसे नुकसान पहुंच सके। तो आप उसके लिए नया बेड ला सकते हैं। लेकिन ऐसा निश्चित महसूस करते हैं तो ही उनके लिए अलग बेड लाएं।
3. बच्चा अब पालने से बड़ा हो रहा है
अगर आपका बच्चा बड़ा हो रहा है और उसके लिए यह पालना अब छोटा पड़ रहा है तो अब समय है कि उसके सोने के लिए एक नया बेड लेकर आया जाए। अगर आपके बच्चे का सिर पालने के सिरहाने के बहुत पास है और उसके पैर भी पालने को टच हो रहे हैं तो उसे अब बेड पर शिफ्ट कर दें।
4. अगर आप उन्हें बाथरूम प्रयोग करना सिखा रहे हैं
हो सकता है रात में आपके बच्चे को पेशाब करने की जरूरत महसूस हो। तो अगर वह खुद से यह प्रयास करेंगे तो हो सकता है उन्हें चोट लग सकती है। इसलिए आप उन्हें इस जरूरत के महसूस होने पर या तो कोई इशारा या कोई संकेत सिखायें। साथ ही उसको बाथरूम प्रयोग करने की ट्रेनिंग भी दें। जब बच्चा इस बात को समझ जाता है तो मतलब उसे बेड पर शिफ्ट कर सकते हैं।
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5. उन्हें जगह की बाउंड्री के बारे में सिखाएं
अगर आपके बच्चे को यह पता होगा कि उसे किस सीमा के अंदर रहना है तो वह उससे बाहर निकल कर चोट खाने से बच सकेंगे। इसलिए उन्हें यह जरूर समझाएं कि उन्हें कितनी सीमा में रहना है और कहां से बाहर कदम रखने पर उन्हें खतरा पहुंच सकता है। उनके साथ इस प्रकार के एक दो गेम भी खेल सकती हैं ताकि यह पता लग सके कि अब वह बेड के लिए तैयार हैं या नहीं।
तो अगर आपको इन लक्षणों में से कोई भी एक लक्षण दिख रहा है तो इसका अर्थ है कि अब आप उसे बेड पर सुला सकते हैं। यह पूरी तरह से सुरक्षित भी होगा। लेकिन बेड पर स्विच करने के बाद भी उनका ध्यान जरूर रखें।
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