इन 6 तरह के लोगों को ज्यादा होता है अस्थमा होने का खतरा, जानें कैसे करें बचाव

Asthma in Hindi: अस्थमा होने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन कुछ ऐसी स्थितियां होती हैं जो अस्थमा के जोखिम को बढ़ाते हैं। जानिए, अस्थमा के रिस्क फैक्टर्स- 
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इन 6 तरह के लोगों को ज्यादा होता है अस्थमा होने का खतरा, जानें कैसे करें बचाव

Asthma Risk Factors in Hindi: अस्थमा फेफड़ों से जुड़ी एक बीमारी है। यह वायुमार्ग में सूजन पैदा करता है, इसे संकीर्ण बनाता है। इस स्थिति में सांस लेने में मुश्किल होती है। अस्थमा रोजमर्रा के काम को भी प्रभावित कर सकता है। किसी भी व्यक्ति में अस्थमा के लक्षण तब देखने को मिलते हैं, जब वायुमार्ग कड़ा हो जाता है। इसमें सूजन आ जाती है या फिर बलगम भर जाता है। खांसी, घरघराहट, सांस की कमी, सीने में दर्द या दबाव अस्थमा के लक्षण (Asthma Symptoms in Hindi) माने जाते हैं। अस्थमा की बीमारी कई कारणों से हो सकती है। लेकिन प्रदूषित हवा और धू्म्रपान अस्थमा (Asthma in Hindi) के मुख्य कारण माने जाते हैं। इसके अलावा कुछ ऐसे कारक भी है, जिन्हें अस्थमा होने का खतरा अधिक बना रहता है। चलिए आज के इस लेख में विस्तार से जानते हैं किन-किन लोगों को अस्थमा का जोखिम अधिक रहता है।  

1. परिवार का इतिहास

अगर आपके माता-पिता को अस्थमा है, तो आपको अस्थमा होने की संभावना उन लोगों में अधिक होती है, जिनके माता-पिता को अस्थमा नहीं है। इसलिए अगर आपके घर पर किसी को अस्थमा है, तो अपने फेफड़ों को स्वस्थ करने के लिए खान-पान और जीवनशैली की आदतों में अच्छे बदलाव करें।

2. बच्चों में अस्थमा

बचपन में अस्थमा होने की संभावना अधिक रहती है। बचपन में श्वसन संबंधी समस्याएं घरघराहट का कारण बन सकती हैं। जो बच्चे वायरल श्वसन संक्रमण का अनुभव करते हैं, उन्हें क्रोनिक अस्थमा होने का जोखिम बना रहता है। बचपन में लड़कियों की तुलनों में लड़कों को अस्थमा होने का खतरा अधिक रहता है।  

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3. एलर्जी की स्थिति

जिन लोगों को बार-बार एलर्जिक रिएक्शन का सामना करना पड़ता है, उन्हें अस्थमा होने का जोखिम अधिक रहता है। एटोपी एक्जिमा (एटोपिक जिल्द की सूजन) और एलर्जिक राइनाइटिस अस्थमा के विकास के जोखिम के मुख्य कारक माने जते हैं। 

4. धूल-मिट्टी के संपर्क में आना

धूल, मिट्टी, रासायनिक धुआं या वाष्प अस्थमा के विकसित होने का कारण बन सकता है। जिन लोगों को धूल मिट्टी आदि से एलर्जी होती है, उनमें अस्थमा होने का जोखिम अधिक बना रहता है।

5. धूम्रपान करने वाले लोग

धूम्रपान करने वाले लोगों में अस्थमा होने का जोखिम अधिक रहता है। सिगरेट का धुआं वायुमार्ग को परेशान करता है। इससे अस्थमा के लक्षणों में भी वृद्धि होती है। गर्भावस्था के दौरान सिगरेट पीना अस्थमा के जोखिम को कई गुना बढ़ा देता है। इसलिए अस्थमा से बचाव के लिए आपको धूम्रपान बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

6. वायु प्रदूषण

वायु प्रदूषण अस्थमा विकसित करने का मुख्य कारण होता है। प्रदूषित वातावरण में रहने से अस्थमा का जोखिम अधिक बना रहता है। जो लोग शहरी क्षेत्रों में रहते हैं, उन्हें अस्थमा होने का खतरा अधिक होता है।

अस्थमा होने के अनेक कारण हो सकते हैं, लेकिन ये कुछ कारण ऐसे हैं जो अस्थमा विकसित होने के जोखिम को बढ़ाते हैं। अस्थमा से बचाव के लिए सही खान-पान, जीवनशैली अपनाना बहुत जरूरी होता है।

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अस्थमा से बचने के उपाय

  • सांस लेने की समस्या का कारण बनने वाले रसायनों और उत्पादों से दूर बनाएं। 
  • धूल, मिट्टी या प्रदूषित वातावर से दूरी बनाकर रखं। 
  • एलर्जी पैदा करने वाली दवाइयों, आहार से दूरी बनाएं। 
  • ठंडी तासीर वाली चीजों से पूरी तरह से दूरी बनाकर रखें। 

अस्थमा एक गंभीर बीमारी हो सकती है, इसलिए सही जीवनशैली अपनाकर इसके लक्षणों में कमी की जा सकती है। अगर आपको अस्थमा का कोई भी लक्षण नजर आता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। 

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