क्या आप नियमित रूप से योग करते हैं? योगा करने से स्वास्थ्य को बहुत सारे फायदे मिलते हैं। इसके नियमित अभ्यास से व्यक्ति बीमारियों से मुक्त रहता है। अगर आप भी योगा करते हैं, तो आज से अष्टवक्रासन को भी अपने अभ्यास में जोड़ सकते हैं। अष्टवक्रासन एक बेहद आसान और फायदेमंद योगासन है। आप इसे बहुत आसानी से घर पर ही कर सकते हैं। चलिए, योगा एक्सपर्ट डॉक्टर रमेश कुमार से जानते हैं इस आसन के फायदे-सावधानियां और करने का सही तरीका
अष्टवक्रासन करने से शरीर के आठ अंगों को फायदा मिलता है। यह तीन शब्द अष्ट, वक्र और आसन से मिलकर बना है। इसमें शरीर की आठ जगह से टेढ़ी रचना होता है। यानी कि इसका अभ्यास करते समय शरीर को आठ जगह से मोड़ा जाता है, इसलिए इसे अष्टवक्रासन (Astavakrasana) कहा जाता है।
अष्टवक्रासन करने का तरीका (How to do Astavakrasana)
अष्टवक्रासन देखने में भले ही काफी मुश्किल लगता है, लेकिन अगर इसकी सही विधि जान लेंगे तो आप भी इसे आसानी से कर सकते हैं। इस आसन को सही तरीके से करना बहुत जरूरी होता है, तभी आपको इसके पूरे फायदे मिल सकते हैं। जानें इस आसन को करने का सही तरीका-
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- अष्टवक्रासन करने के लिए सबसे पहले जमीन पर एक मैट बिछा लें।
- मैट पर पैरों को सीधा करके बैठ जाएं।
- दोनों पैरों को पंजों से इंटरलॉक कर लें।
- अब अपने दाएं हाथ को पैरों में बीच डालकर हथेली को जमीन पर रखें।
- बाएं हाथ की हथेली को कंधों के समानांतर जमीन पर मजबूती से रखें।
- अब धीरे-धीरे हाथों पर जोर देकर शरीर और पैरों को ऊपर उठाने की कोशिश करें।
- इस अवस्था में 2-3 बार लंबी गहरी सांस (Deep Breathing) लें और छोड़ें।
- इसके बाद आप अपनी प्रारंभिक अवस्था में आ सकते हैं।
- इस प्रक्रिया को 3-5 बार दोहराया जा सकता है।

अष्टवक्रासन के फायदे (Benefits of Astavakrasana)
सही विधि से अष्टवक्रासन करने से स्वास्थ्य को कई तरह से लाभ मिलते हैं। इसे नियमित रूप से करने से पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है, साथ ही यह आपकी मांसपेशियों को भी मजबूत बनाने में मदद करता है।
- 1. नियमित रूप से अष्टवक्रासन करने से एकाग्रता बढ़ती है। साथ ही इससे तनाव, चिंता और अवसाद भी दूर होता है।
- 2. अष्टवक्रासन पाचन तंत्र को मजबूत बनाकर पेट से संबंधी रोगों जैसे गैस, एसिडिटी, अपच और कब्ज को ठीक करने में मदद करता है।
- 3. इसके नियमित अभ्यास से शरीर में लचीलापन बढ़ता है। इससे बॉडी फ्लैक्सिबल रहती है।
- 4. इससे हाथ, पैर, पेट और पीठ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
- 5. इसमें हाथों पर पूरे शरीर का भार होता है, जिससे हथेलियां और बाजु मजबूत बनते हैं।
- 6. अगर आपको भूख नहीं लगती है, तो आप इस आसन को रोज कर सकते हैं। इससे आपकी भूख खुलेगी।
- 7. इसके रोजाना अभ्यास से शरीर में रक्त का संचार अच्छे से होता रहता है।
अष्टवक्रासन करते हुए सावधानियां (Astavakrasana Precautions)
किसी भी आसन को करने से पहले आपको उसके फायदों, करने का तरीका जानने के साथ ही उसकी सावधानियों के बारे में भी जरूर पता होना चाहिए। क्योंकि कई बार हम इसे गलत तरीके से कर देते हैं, जिससे हमें फायदों की जगह नुकसान मिल सकता है। ऐसे में आपको इसे करने से पहले इसकी सावधानियों के बारे में जरूर जान लेना चाहिए।
- शुरुआत में आपको इस आसन को किसी एक्सपर्ट की देख-रेख में ही करना चाहिए।
- अगर आप इस आसन को पहली बार कर रहे हैं, तो शुरुआत में इसके 1-2 सेट करें। लेकिन धीरे-धीरे नियमित अभ्यास के बाद आप इसे अपनी क्षमतानुसार बढ़ा सकते हैं।
- अगर आपके हाथ, कोहनी, हथेलियों में किसी तरह का कोई दर्द या चोट है तो इस आसन का अभ्यास करने से बचें।
- रोज सुबह खाली पेट इस आसन को करने से ज्यादा फायदे मिलते हैं। अगर आप इसे सुबह नहीं कर पा रहे हैं, तो ध्यान रखें कि इसे करने के दौरान आपने पिछले 3-4 घंटे से कुछ न खाया हो।
- इस आसन का अभ्यास करने से पहले आपको सूक्ष्म व्यायाम (Light Exercise) जरूर करना चाहिए। इसके साथ ही आप बद्धकोणासन, उत्तानासन भी कर सकते हैं।
इस आसन को सही तरीके से करने पर आपको ऊपर बताए गए सभी फायदे मिल सकते हैं। लेकिन शुरुआत में आपको इसे किसी एक्सपर्ट या योग गुरू की सलाह और देखरेख में ही करना चाहिए। साथ ही अगर किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, तो एक्सपर्ट की सलाह पर ही इसे करें। जिन लोगों का हाल ही में ऑपरेशन हुआ है, उन्हें इसका अभ्यास करने से बचना चाहिए।
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