माता पिता बच्चों की कुछ गलतियों को या उनके बर्ताव को बचपना समझ कर माफ कर देते हैं या इग्नोर कर देते हैं। कभी-कभी बच्चे की एक्टिविटी उनके अंदर की मनोदशा को दर्शाती है, जिसे माता पिता का फर्ज समझना। आज के समय में तनाव से केवल बड़े ही नहीं बल्कि बच्चे भी परेशान हैं। बच्चे अपना तनाव सही से जाहीर नहीं कर पाते। लेकिन तनाव अंदर ही अंदर बच्चे के मन को जकड़ लेता है। इसका प्रभाव उसके मानसिक औक शारीरिक विकास पर हो सकता है। ऐसे में आर्ट थेरेपी की मदद से तनाव को दूर किया जा सकता है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि किन बच्चों को आर्ट थेरेपी की जरूरत है और आर्ट थेरेपी कैसे बच्चों की मदद कर सकता है। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। इसके लिए हमने गेटवे ऑफ हीलिंग साइकोथेरेपिस्ट डॉ. चांदनी (Dr. Chandni Tugnait, M.D (A.M.) Psychotherapist, Lifestyle Coach & Healer) से भी बात की है। पढ़ते हैं आगे...
बच्चों के लिए आर्ट थेरेपी क्या है?
इसमें बच्चे अपनी भावनाओं को कला के जरिए व्यक्त कर सकते हैं। ये थेरेपी पेंटिंग, ड्राइंग, कलरिंग आदि से की जाती है। आर्ट थेरेपी से ना केवल बच्चे का मानसिक स्वास्थ्य सही होता है बल्कि बच्चे जो चीजें माता पिता या किसी से नहीं बोल पाते वे इस कला के माध्यम से व्यक्त कर सकते हैं।
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आर्ट थेरेपी किन बच्चों के लिए है?
1 - जैसे कि हमने पहले भी बताया, जिन बच्चों को तनाव होता है, उनके लिए आर्ट थेरेपी होती है।
2 - जो बच्चे हर वक्त अकेला महसूस करते हैं या अकेलेपन के कारण वे उदास हो जाते हैं तो उनके लिए आर्ट थेरेपी होती है।
3 - जो बच्चे भावनात्मक रूप से खुद को अकेला मानते हैं, उनके लिए आर्ट थेरेपी होती है।
4 - जिन बच्चों का मूड स्विंग होता है उनके लिए आर्ट थेरेपी होती है।
5 - जो बच्चे किसी फोबिया से ग्रस्त हो जाते हैं तो उन बच्चों के लिए आर्ट थेरेपी बेहद मददगार है।
6 - जिन बच्चों में आत्मविश्वास की कमी हो जाती है या जिनका मनोबल कमजोर होने लगता है उन्हें आर्ट थेरेपी दी जा सकती है।
7 - जो बच्चे अपनों के साथ होकर भी खुद को गैर मान बैठते हैं। या उन्हें लगता है कि उनसे कोई प्यार नहीं करता, उनके लिए आर्ट थेरेपी होती है।
8 - जिन बच्चों के माता-पिता लड़ाई करते हैं या हर वक्त झगड़ते रहते हैं या जिन बच्चों के माता-पिता अलग हो चुके हैं तो उन बच्चों को आर्ट थेरेपी दे सकते हैं।
9 - जिन बच्चों के आसपास का माहौल तनाव ग्रस्त होता है उन बच्चों को आर्ट थेरेपी दी जा सकती है।
बच्चों के लिए आर्ट थेरेपी के फायदे
1 - आर्ट थेरेपी के माध्यम से बच्चे रचनात्मक बनते हैं। उनके मन में नए-नए क्रिएटिव आइडियाज आते हैं।
2 - आर्ट थेरेपी के जरिए बच्चे के तनाव से आसानी से निकल पाते हैं।
3 - आर्ट थेरेपी से बच्चों का दायरा बढ़ता है। उदाहरण के तौर पर बच्चे नए नए लोगों से मिलना जुलना शुरू कर देते हैं।
4 - आर्ट थेरेपी के बच्चों में भावनात्मक बदलाव और उनके विचारों का विकास होता है।
5 - यदि किसी बच्चे ने कोई दर्दनाक अनुभव किया है तो वो थेरेपी के माध्यम से अपने इस अनुभव से आसानी से डील कर सकता है।
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कैसे होती है आर्ट थेरेपी
बता दें कि आर्ट थेरेपी में बच्चे आमतौर पर लाल, पीले, नीले, हरे आदि रंगों का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में वे इन रंगों के माध्यम से अपने अंदर के विचारों को व्यक्त करते हैं कि उनके मन में क्या चल रहा है। रंग के माध्यम से बच्चों की मानसिक स्थिति का भी पता लगाया जाता है। कुछ लोग आर्ट थेरेपी को ही आ्ट क्लास समझ लेते हैं। पर ऐसा नहीं है आर्ट थेरेपी औऱ क्लास में फर्क होता है। आर्ट क्लास में पेंटिंग, कलर्स के माध्यम से होती है। बच्चों को जो चित्र बोला जाता है वे उस चित्र को बनाने की कोशिश कोशिश करते हैं। जबकि आर्ट थेरेपी सेक्शन में बच्चों से उन उन विचारों को पेपर में उतारने की सलाह दी जाती है जो उनके मन में आ रहे हैं।
नोट - ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि आर्ट थेरेपी बच्चों के लिए बेहद जरूरी है। खासकर उन बच्चों के लिए जो तनाव से ग्रस्त हैं। आर्ट थेरेपी के माध्यम से बच्चे न केवल अपनी मनोदशा को समझते हैं बल्कि उसे आसानी से डील भी कर सकते हैं।
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