Are Depression and Anxiety Hereditary : आजकल के समय में लोग फिजिकल के साथ मेंटल हेल्थ पर भी ध्यान देने लगे हैं। यही वजह है कि डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी समस्याओं के लिए लोग अनुभवी थेरेपिस्ट और डॉक्टर की मदद लेते हैं। आमतौर पर लोग मानते हैं कि कोई भी व्यक्ति समय और स्थिति के हिसाब से डिप्रेशन का शिकार होता है, लेकिन क्या यह समस्या जेनेटिक भी हो सकती है? अगर आपके मन में भी यह सवाल उठा है, तो आज का यह आर्टिकल आपके लिए है। दरअसल, यहां हम डॉ. निहारिका जयसवाल, सलाहकार - मनोचिकित्सक, मेट्रो अस्पताल, नोएडा (Dr. Neeharika Jaiswal, Consultant - Psychiatrist, Metro Hospital, Noida) से जानेंगे कि क्या सच में डिप्रेशन और एंग्जायटी की समस्या परिवार में पीढ़ियों के साथ आगे बढ़ सकती है या यूं कहें कि जेनेटिक हो सकती है?
क्या डिप्रेशन और एंग्जायटी जेनेटिक हो सकते हैं?- Can Depression and Anxiety be Genetic
आज के समय में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ रही है। लोग डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी समस्याओं को गंभीरता से लेने लगे हैं। लेकिन एक सवाल जो अक्सर लोगों के मन में आता है कि क्या डिप्रेशन और एंग्जायटी जेनेटिक हो सकते हैं? क्या यह माता-पिता से संतान में ट्रांसफर हो सकते हैं या यह सिर्फ बाहरी परिस्थितियों के कारण ही होते हैं? आइए इस विषय को वैज्ञानिक आधार पर समझते हैं:
क्या डिप्रेशन और एंग्जायटी जेनेटिक हैं?
कई शोध बताते हैं कि डिप्रेशन और एंग्जायटी आंशिक रूप से अनुवांशिक (Hereditary) हो सकते हैं। अगर परिवार के किसी सदस्य को यह समस्या है, तो अगली पीढ़ी में इसके होने की संभावना बढ़ जाती है। शोध के मुताबिक, डिप्रेशन लगभग 40% और एंग्जायटी 30-50% तक अनुवांशिक हो सकती है। हालांकि, यह निश्चित नहीं होता कि अगर माता-पिता को यह समस्या है, तो संतान में यह स्थिति जरूर होगी।
जेनेटिक्स के अलावा कौन-कौन से कारक महत्वपूर्ण हैं?- What Factors Other than Genetics are Important
डिप्रेशन और एंग्जायटी के लिए जेनेटिक्स एक जरूरी भूमिका निभाते है, लेकिन यह स्थितियां केवल जीन की वजह से नहीं होती हैं। कई अन्य कारक भी इन मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को ट्रिगर कर सकते हैं:
- बचपन के अनुभव : अगर बचपन में मानसिक आघात (Trauma) हुआ हो, जैसे कि माता-पिता का तलाक, शारीरिक या मानसिक शोषण, तो डिप्रेशन और एंग्जायटी की संभावना बढ़ सकती है।
- पर्यावरणीय परिस्थितियां : ज्यादा तनाव, नौकरी का दबाव, आर्थिक समस्याएं या रिश्तों में समस्याएं मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं।
- लाइफस्टाइल और आदतें : असंतुलित आहार, व्यायाम की कमी, नींद की समस्या और नशीले पदार्थों का सेवन भी डिप्रेशन और एंग्जायटी के विकास में भूमिका निभाते हैं।
- न्यूरोकेमिकल असंतुलन : ब्रेन के न्यूरोट्रांसमीटर जैसे सेरोटोनिन, डोपामिन और नोरएपिनेफ्रीन के असंतुलन से भी ये समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
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परिवार में डिप्रेशन या एंग्जायटी का इतिहास है या नहीं कैसे पहचानें?- How to Identify if there is a History ofDepression or Anxiety in the Family
अगर आपके परिवार में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं रही हैं, तो यह समझना जरूरी है कि आप कितने जोखिम में हैं। यहां हम कुछ संकेत जानेंगे, जो बताते हैं कि यह समस्या जेनेटिक हो सकती है:
- शुरुआती उम्र में लक्षण दिखना : अगर किसी व्यक्ति को 20 साल की उम्र से पहले डिप्रेशन या एंग्जायटी के लक्षण दिखाई देते हैं, तो पारिवारिक इतिहास का असर ज्यादा हो सकता है।
- परिवार में बार-बार मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का आना : अगर माता-पिता, भाई-बहन या अन्य करीबी रिश्तेदारों में डिप्रेशन और एंग्जायटी की समस्या रही है, तो यह संकेत हो सकता है कि यह समस्या अनुवांशिक हो।
- एक से ज्यादा पीढ़ियों में यह समस्या होना : अगर दादा-दादी या नाना-नानी को भी ये समस्याएं रही हैं, तो अगली पीढ़ियों में इसके होने की संभावना बढ़ जाती है।
डिप्रेशन और एंग्जायटी के चेतावनी संकेत-Symptoms Of Depression and Anxiety
आइए डिप्रेशन और एंग्जायटी के कारण शरीर में दिखने वाले लक्षणों के बारे में जान लेते हैं:
डिप्रेशन के लक्षण क्या हैं? Symptoms Of Depression
- निराशा और उदासी महसूस करना
- किसी भी चीज में रुचि न होना
- एनर्जी की कमी और थकान
- चिड़चिड़ापन या गुस्सा आना
- नींद की समस्या या ज्यादा सोना
- वजन में अचानक बदलाव
- आत्महत्या के विचार आना (गंभीर स्थिति)
एंग्जायटी के लक्षण क्या हैं?- Symptoms Of Anxiety
- ज्यादा घबराहट और बेचैनी
- तेज दिल की धड़कन और पसीना आना
- जरूरत से ज्यादा सोचना (Overthinking)
- नींद में परेशानी
- पेट की समस्या (IBS जैसी स्थिति)
- लोगों से घुलने-मिलने में परेशानी (Social Withdrawal)
क्या किया जाए अगर पारिवारिक इतिहास हो?- What to Do if there is a Family History
अगर आपके परिवार में डिप्रेशन या एंग्जायटी का इतिहास है, तो इसका मतलब यह नहीं कि आपको यह समस्या जरूर होगी। आप कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाकर इसे रोक सकते हैं या नियंत्रित कर सकते हैं:
- मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें : अपनी भावनाओं को पहचानें और मानसिक स्वास्थ्य को सही रखने की कोशिश करें।
- स्वस्थ लाइफस्टाइल अपनाएं : संतुलित आहार, रोजाना एक्सरसाइज और अच्छी नींद मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।
- माइंडफुलनेस और मेडिटेशन : यह तकनीकें स्ट्रेस को कम करने और मेंटल हेल्थ को सुधारने में मदद कर सकती है।
- पेशेवर मदद लें : अगर आप लगातार उदासी, चिंता या मानसिक अस्थिरता महसूस कर रहे हैं, तो किसी मनोचिकित्सक (Psychiatrist) या थेरेपिस्ट से संपर्क करें।
- सपोर्ट सिस्टम बनाएं : परिवार और दोस्तों के साथ अपने विचार साझा करें, क्योंकि एक मजबूत सामाजिक नेटवर्क मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
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डिप्रेशन और एंग्जायटी के पीछे जेनेटिक्स का योगदान होता है, लेकिन यह इस स्थिति का एकमात्र कारण नहीं है। यह मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं आनुवंशिक, पर्यावरणीय परिस्थितियों और व्यक्तिगत अनुभवों के कारण उत्पन्न होती हैं। अगर आपके परिवार में इनका इतिहास है, तो सतर्क रहना और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना जरूरी है। अगर आपको या आपके किसी करीबी को डिप्रेशन या एंग्जायटी की समस्या हो रही है, तो बिना देर किए पेशेवर मदद लें। ध्यान रखें कि मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि शारीरिक स्वास्थ्य।