सीवियर डेंगू बच्चों और बड़ों दोनों को हो सकता है मगर आमतौर पर इसका खतरा बच्चों को ज्यादा होता है। इस तरह के डेंगू का अगर सही समय पर इलाज न किया जाए, तो मरीज की जान भी जा सकती है।
डेंगू एक सामान्य बीमारी है जिससे आसानी से बचाव संभव है मगर जानकारी के अभाव में हर साल हजारों लोग इसकी चपेट में आते हैं। इसी वजह से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया। इसका उद्देश्य डेंगू के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाना और डेंगू की रोकथाम के लिए पहल करना है। डेंगू मच्छर के काटने से फैलने वाला एक वायरल रोग है। डेंगू का सामान्य बुखार थोड़े इलाज और थोड़ी सावधानी से ठीक किया जा सकता है मगर कई बार डेंगू का बुखार खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है। डेंगू हैमरहेजिक फीवर और डेंगू शॉक सिंड्रोम को सीवियर या डेंगू माना जाता है। इस तरह के डेंगू का अगर सही समय पर इलाज न किया जाए, तो मरीज की जान भी जा सकती है।
सीवियर डेंगू बच्चों और बड़ों दोनों को हो सकता है मगर आमतौर पर इसका खतरा बच्चों को ज्यादा होता है। सही समय पर सही इलाज के द्वारा सीवियर डेंगू के मरीजों को बचाया जा सकता है।
सीवियर डेंगू की शुरुआत से पहले मरीज में डेंगू के सामान्य लक्षण दिखाई देते हैं जैसै बुखार, तेज सिरदर्द, जोड़ों और शरीर में दर्द, भूख न लगना, जी मिचलाना, त्वचा पर लाल-गुलाबी चकत्ते और शरीर में प्लेटलेट्स की कमी आदि। इस दौरान मरीज के खून की जांच करने पर भी डेंगू की ही पुष्टि होती है।
मगर 3 से 7 दिन के बाद मरीज में सीवियर डेंगू के लक्षण दिखाई देना शुरू हो जाते हैं। सीवियर डेंगू का सबसे आम लक्षण है शरीर का ठंडा पड़ जाना (38 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान)। इसके अलावा सीवियर डेंगू के अन्य लक्षण इस प्रकार हैं।
सीवियर डेंगू के इन लक्षणों के दिखाई देने पर जितनी जल्दी हो सके चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
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सीवियर डेंगू खतरनाक होता है क्योंकि इसके होने पर मरीज के शरीर के कई हिस्सों से खून निकलने लगता है और इस खून के माध्यम से ब्लड प्लाजमा शरीर से बाहर आने लगता है। सीवियर डेंगू का बुखार लिवर, फेफड़ों और यहां तक कि दिल को भी डैमेज कर सकता है। कई मामलों में मरीज का ब्लड प्रेशर इतना कम हो जाता है कि उसकी मौत हो जाती है। सीवियर डेंगू के अन्य लक्षण इस प्रकार हैं।
सीवियर डेंगू के इन लक्षणों के साथ-साथ जिन मरीजों के शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या भी तेजी से गिरती जाती है, उनके शरीर के अंग काम करना बंद कर सकते हैं और उनकी मौत हो सकती है।
डेंगू से बचाव ही इसका इलाज है। सामान्य डेंगू को आराम करके, अधिक मात्रा में तरल पदार्थ लेकर और अपने आस-पास साफ-सफाई रखकर आसानी से ठीक किया जा सकता है। मगर सीवियर डेंगू का अभी तक कोई पुख्ता इलाज नहीं खोजा गया है। आमतौर पर सीवियर डेंगू के मरीज को अगर जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलकर आईसीयू में भर्ती करवा दिया जाए, तो मरीज के बचने की संभावना होती है। इलाज के दौरान मरीज को ये ट्रीटमेंट दिए जाते हैं।
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ध्यान रहे कि डेंगू का मच्छर दिन के समय ही काटता है, इसलिए दिन में खुद को मच्छरों से बचाएं, मच्छरों से बचाने वाली क्रीम लगाएं और पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें। खासतौर पर बरसात के समय फुल बाहों वाली कमाज और चप्पलों की जगह जूते जरूर पहनें। घर में कूलर, गमलों व परिंदों के पानी के लिये रखे बर्तनों आदि का पानी साफ करें। अपने घर के आसपास के गड्ढों में लार्वाभक्षी मछलियां डालें। ये मछलियां मलेरिया कार्यालय में निःशुल्क उपलब्ध होती हैं। घर में पानी की टंकियों को अच्छी तरह से ढक कर रखें।
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