स्वस्थ व बीमारीमुक्त रहने के लिए सबसे पहले पर्सनल हाईजीन की बात आती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पर्सनल हाईजीन से जुड़े उत्पादों हैंड सैनिटाइजर, साबुन और टूथपेस्ट जैसे उत्पादों मे पाया जाने वाला रसायन ऑस्टियोपोरोसिस यानि हड्डियों के रोग के खत...
आजकल हर चीज में मिलावट है, कुछ भी सुरक्षित नहीं है। यह बातें अक्सर आपको अपने आस—पास सुनने को मिलती होंगी। ऐसे में शुद्ध चीजें मिलना बहुत मुश्किल है। हर चीज में होने वाली अंधाधुंध मिलावट आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती है। यदि महिलाओं के स्वास्थ्य पर विचार किया जाए, तो हाल में हुए एक नये शोध में पाया गया है कि साबुन, हैंड सैनिटाइज़र और टूथपेस्ट जैसे पर्सनल केयर उत्पादों में पाए जाने वाले रसायन महिलाओं में हड्डी रोग के खतरे ऑस्टियोपोरोसिस से जुड़ा है। चीनी वैज्ञानिकों ने अमेरिकी प्रश्नावली की जानकारी का उपयोग कर शरीर में अस्थि द्रव्यमान के घनत्व और रासायनिक ट्राइक्लोसन के बारे में गहन विश्लेषण किया। जिसमें पाया गया कि ट्राइक्लोसन से बोन मिनरल डेंसिटी पर बेहद खराब असर डालता है।
अध्ययन के अनुसार, 1,848 महिलाओं से जुड़े डाटा का विश्लेषण किया गया। जिन महिलाओं में ट्राइक्लोसन का स्तर ज्यादा था, उनमें हड्डियों से जुड़ी समस्याएं ज्यादा देखी गयी। कुछ अध्ययनों मे यह भी सामने आया कि ट्राइक्लोसन थायरॉइड और रिप्रोडक्टिव सिस्टम को भी प्रभावित करता है। ट्राइक्लोसन ऑस्टोयपोरोसिस यानि हड़िडयों के रोग, जिसमें कि हड़िडयों के कमजोर और फ्रैक्चर की संभावना बढ़ जाती है।
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ट्राइक्लोसन एक रसायन है जिसका इस्तेमाल सैनिटाइज़र, जैल और माउथवॉश में किया जाता है। यह टूथपेस्ट और माउथवॉश की विभिन्न किस्मों में भी पाया जाता है। यह रसायन एंटी-बैक्टीरियल है। हालांकि, इस रसायन को महिलाओं के हार्मोन (एस्ट्रोजन) के स्तर के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। जो हार्मोन का स्राव करने वाली ग्रंथियों को प्रभावित करता है। विभिन्न उत्पादों में एंटी-बैक्टीरिया के रूप में इसका इस्तेमाल किया जाता है।
अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कम ट्राइक्लोसन स्तर की महिलाओं की तुलना उच्च ट्राइक्लोसन स्तर वाली महिलाओं में कमजोर हड्डियां व ऑस्टोयपोरोसिस की समस्या अधिक थीं। परिणाम की गणना निचली रीढ़ से जांघ सहित प्रत्येक बिंदु पर की गई थी। वैसे ऑस्टोयपोरोसिस यानि हड़िडयों के रोग की संभावना महिलाओं में अधिक रहती है।
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