International Yoga Day 2024: योग करो और निरोग रहो। योग हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना लाभदायक है, इसका महत्व पूरी दुनिया मान चुकी है। योग के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस भारत के लिए काफी खास है। क्योंकि सदियों से योग हमारी भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहा है। युगों पहले भगवान महादेव और ऋषि मुनि योगाभ्यास करते थे। लेकिन समय के साथ दुनिया के तमाम देशों ने योग कितना फायदेमंद इस बात को मान चुके हैं। हर साल 21 जून यानी की अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर विश्व के कई देश तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं और सामूहिक रूप से योगाभ्यास करते हैं। आधिकारिक तौर पर इस साल 21 जून को 10वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस दिवस मनाया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं इस दिन का इतिहास और थीम के बारे में।
क्या है अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का इतिहास- History of International Yoga Day 2024
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को मनाने का श्रेय भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है। उन्होंने 27 सितंबर 2014 में पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा के सामने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था। पीएम मोदी के प्रस्ताव के बाद दुनिया के 177 देशों ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का समर्थन किया और 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी। इसी के बाद से हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। यही वजह है कि हर साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रतिनिधित्व भारत ही करता है। इस दिन दिल्ली के राजपथ से लेकर कश्मीर तक लोग सामूहिक रूप से योगाभ्यास करते हैं।
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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम- International Yoga Day 2024 Theme
साल 2014 से ही हर साल एक खास थीम पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को मनाया जाता है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार, इस साल योग दिवस की थीम 'स्वयं और समाज के लिए योग' (Yoga for Self and Society)। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को योग के प्रति जागरूक करना है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि योग के जरिए ही जीवन को निरोग रखा जा सकता है।
21 जून को ही क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को लेकर अक्सर लोग यह सवाल पूछते हैं कि 21 जून को ही यह दिवस क्यों मनाया जाता है। दरअसल, 21 जून को पूरे साल का सबसे लंबा दिन माना जाता है। इस दिन सूर्य दक्षिणायन होने लगते हैं। इसे ग्रीष्म संक्रांति भी कहते हैं। ऐसा माना जाता है कि 21 जून से सूर्य दक्षिण दिशा की यात्रा पर निकर जाता है और ग्रीष्म यानी गर्मी का प्रकोप कम होने लगता है। इसलिए इस दिन योग और अध्यात्म करना मन और तन दोनों के लिए फायदेमंद है। यही वजह है कि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव पारित किया गया।
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