महिलाओं में हड्डी की कमजोरी और ऑस्टियोपोरोसिस का क्या है इलाज? जानें जरूरी बातें

World Osteoporosis Day 2021: ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या महिलाओं को ज्यादा होती है। जानें इसके कारण, खतरे और बचाव के उपाय।

Written by: Anurag Anubhav Updated at: 2021-10-18 15:33

हड्डियां कमजोर होना कई मायनों में खतरनाक है। हड्डियों के कमजोर होने पर छोटा-मोटा झटका या चोट लगने पर इसके टूटने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा ऑस्टियोपोरोसिस और ऑस्टियोपीनिया जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं। भारतीय महिलाओं में हड्डियों की कमजोरी की समस्या काफी देखी जाती है। इसका कारण यह है कि ज्यादातर महिलाएं घर-परिवार की जिम्मेदारियों के बीच अपने खानपान और सेहत का ठीक से ख्याल नहीं रख पाती हैं। इस बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 20 अक्टूबर को विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस (World Osteoporosis Day) मनाया जाता है। हड्डियों की कमजोरी और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याएं किसी भी उम्र में हो सकती हैं। आइए आपको बताते हैं इससे बचाव के लिए आपको क्या करना चाहिए और कैसे होती है इन रोगों की जांच।

कम उम्र में हड्डियों की कमजोरी

हड्डियां कमजोर होने की समस्या आमतौर पर बड़ी उम्र की समस्या समझी जाती है। मगर आजकल 20-30 साल में भी इस तरह की समस्याएं सामने आने लगी हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि लोगों का खानपान बदल गया है। युवा लड़के-लड़कियां सेहतमंद चीजें और घर का बना खाना खाने के बजाय जंक फूड्स, फास्ट फूड्स, कोल्ड ड्रिंक्स और हाई फैट फूड्स का सेवन कर रहे हैं। हड्डियों की कमजोरी आगे चलकर ऑस्ट‍ियोपोरोसिस होने की आशंका को बढ़ा देती है।

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कई अनजान कारणों से भी होती हैं हड्डियां कमजोर

कई बार किसी बीमारी  या दवा के दुष्प्रभाव के कारण भी अस्थ‍ि घनत्व कम हो सकता है। जिससे जवान महिलाओं को भी ऑस्ट‍ियोपोरोसिस हो सकता है। इस प्रकार के ऑस्ट‍ियोपोरोसिस को सेकेण्डरी ऑस्ट‍ियोपोरोसिस कहा जाता है। कई बार अनजान कारणों से भी जवान महिलाओं को ऑस्ट‍ियोपोरोसिस हो जाता है। इसे इडियोपेथिक ऑस्ट‍ियोपोरोसिस कहा जाता है।

मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति) के बाद बढ़ जाता है खतरा

मेनोपॉज के कारण महिलाओं में एस्ट्रोजन के स्तर में गिरावट होने लगती है, जिससे अस्थियां कमजोर होने लगती हैं। कुछ महिलाओं में अस्थियों को यह नुकसान दूसरी महिलाओं की तुलना जल्दी होता है। और ऑस्ट‍ियोपोरोसिस होने के दो महत्त्वपूर्ण कारक होते हैं।

मेनोपोज के दौरान बोन डेंसिटी यानी अस्थि घनत्व का कम होना: मेनोपॉज शुरू हो आप उससे पहले ही अपनी हड्डियों  का खयाल रखना शुरू कर दें। इससे आपको ऑस्ट‍ियोपोरोसिस होने की आशंका कम होगी।

मेनोपॉज तक पहुंचने के बाद हड्‍ड‍ियां कमजोर होना: कुछ महिलाओं की अस्थियां दूसरी महिलाओं की अपेक्षा जल्दी कमजोर होने लगती हैं। दरअसल, मेनोपॉज के पहले पांच से सात बरसों में ही महिलाओं का अस्थि घनत्व 20 फीसदी तक कम हो जाता है। जिन महिलाओं में अस्थ‍ि घनत्व तेजी से कम होता है, उन्हें ऑस्ट‍ियोपोरोसिस होने का खतरा अध‍िक होता है।

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कैसे की जाता है ऑस्टियोपोरोसिस की जांच

बोन डेंसिटी टेस्ट डीएक्सए मशीन पर किया जाता है। डीएक्सए का अर्थ है ड्युअल एक्स-रे एबसोरपटियोमेट्री। इसकी जांच के नतीजों में एक जेड स्कोर आता है और एक टी स्कोर। टी स्कोर मेनोपॉज हासिल कर चुकी महिलाओं और 50 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों के निदान के बारे में जानकारी देता है। लेकिन इसमें मेनोपॉज से पहले की महिलाओं के बारे में कोई जानकारी नहीं होती। वहीं जेड स्कोर आपकी उम्र में सामान्य बोन डेंसिटी क्या होनी चाहिये के बारे में जानकारी देता है।

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