बुधवार को अमरनाथ यात्रा के दौरान ऑक्सीजन की कमी से 15 श्रद्धालुओं की हालत बिगड़ गई। हालांकि मौके पर तैनात आईटीबीपी के जवानों ने ऑक्सीजन सिलिंडर की व्यवस्था करके इन श्रद्धालुओं की जान बचा ली है। जम्मू कश्मीर में इन दिनों पवित्र अमरनाथ गुफा के दर्शन के लिए 4600 से ज्यादा श्रद्धालुओं का नया जत्था पहुंचा हुआ है। अमरनाथ गुफा समुद्रतल से लगभग 14000 फीट की उंचाई पर है, इसलिए वहां हवा में ऑक्सीजन कम होती है। इस उंचाई पर जब मैदानी या निचले इलाकों में रहने वाले लोग पहुंचते हैं, तो ऑक्सीजन की कमी के कारण फेफड़ों में दबाव महसूस करते हैं। हालांकि लोगों की मदद के लिए अमरनाथ गुफा के रास्ते में स्वास्थ्य विभाग ने जगह-जगह कैंप लगाए हैं, फिर भी कुछ ऐसी बातें हैं जिन्हें पहाड़ों पर यात्रा करने वाले हर व्यक्ति को जानना चाहिए, ताकि यात्रा के दौरान वो सुरक्षित रह सकें।
किन लोगों को नहीं करनी चाहिए उंचे पहाड़ों की यात्रा?
आप जैसे-जैसे उंचाई पर जाते हैं, हवा में ऑक्सीजन का स्तर घटता जाता है। अमरनाथ गुफा बहुत अधिक उंचाई पर स्थित है। इतनी उंचाई पर जाना ऐसे लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है, जिनको कुछ विेशेष प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं हैं। अस्थमा, फेफड़ों के रोग, दिल की बीमारी (हृदय रोग), डायबिटीज आदि के मरीजों को इतनी उंचाई की यात्रा नहीं करनी चाहिए, या विशेष तैयारी के साथ ही करनी चाहिए।
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हृदय रोगियों को होता है हार्ट अटैक का खतरा
उंचे पहाड़ी इलाकों में जाने पर सबसे ज्यादा खतरा हृदय रोगियों (Heart Patients) को होता है। दरअसल उंचाई पर यात्रा के दौरान रक्त प्रवाह बनाए रखने के लिए हृदय को ज्यादा तेजी से खून को पंप करना होता है। उंचाई पर ठंड अधिक होने के कारण धमनियां सिकुड़ जाती हैं, जिससे हृदय तक पर्याप्त खून और ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता है। इससे यात्री को हार्ट अटैक आने का खतरा बढ़ जाता है। स्वस्थ लोगों को भी लापरवाही बरतने पर हार्ट अटैक हो सकता है, इसलिए ऐसा जरूरी नहीं है कि आप स्वस्थ हैं, तो आप उंचाई की यात्रा आसानी से कर सकते हैं।
अमरनाथ यात्रा या उंचे पहाड़ों की यात्रा के दौरान ध्यान रखें ये 10 बातें
- अगर आप पूरी तरह फिट हैं, तो भी डॉक्टर से एक बार जांच करवाने के बाद ही अमरनाथ यात्रा या किसी भी उंचे स्थान की यात्रा का प्लान बनाएं।
- यात्रा से थोड़े दिन पहले ही थोड़ी एक्सरसाइज, दौड़ और स्विमिंग करना शुरू कर दें, ताकि आपके फेफड़े और हृदय ऑक्सीजन के दवाब के लिए तैयार हो जाएं।
- यात्रा से थोड़े 4-5 दिन पहले ज्यादा पानी पीने की आदत डालें। दिन में कम से कम 4-6 लीटर पानी पिएं। उंचाई पर डिहाइड्रेशन एक बड़ी समस्या है, जो जानलेवा हो सकती है।
- शराब पीकर कभी भी उंचाई की यात्रा न करें।
- उंचाई पर पहुंचने पर हो सकता है आपको भूख कम लगे, मगर आप लगातार खाते-पीते रहें। दरअसल उंचाई पर आप ज्यादा कैलोरीज बर्न करते हैं, इसलिए आपको ज्यादा खाना खाना चाहिए।
- यात्रा के दौरान पैदल चल रहे हैं, तो हर 1-2 घंटे के बाद 15-20 मिनट आराम करें और खाएं-पिएं।
- पहाड़ी यात्रा के दौरान आपके शरीर को आराम के लिए ज्यादा नींद की जरूरत होती है, इसलिए कम से कम 8-9 घंटे जरूर सोएं।
- उंचे पहाड़ों पर जाने से पहले अपने साथ पर्याप्त गर्म कपड़े जरूर रखें, क्योंकि उंचाई पर ठंड होती है और शरीर को गर्म रखना बहुत जरूरी है। इसके अलावा रेन कोट, छाता, कान ढकने वाली चोटी, दास्ताने, स्लीपिंग बैग्स, टॉर्च, चलते समय सहारे के लिए छड़ी, वाटरप्रूफ जूते आदि सभी चीजें रखें। बैग में गैर जरूरी चीजें न रखें, ताकि बैग हल्का रहे।
- पहाड़ी यात्रा के दौरान पैदल चलना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए अपनी क्षमता से कम चलें। अगर आप सामान्यतः 4-5 किलोमीटर/घंटे चलते हैं, तो यहां आप 2.5-3 किलोमीटर की स्पीड से ही चलें।
- इमरजेंसी स्थिति के लिए साथ में थोड़े अतिरिक्त पैसे (कैश या एटीएम) जरूर रखें और साथ में घर का पता और इमरजेंसी मोबाइल नंबर लिखी हुई डायरी भी रखें।
- यात्रा के दौरान धूम्रपान (सिगरेट, बीड़ी, हुक्का, ई सिगरेट), शराब, तंबाकू आदि का सेवन न करें। ये आपकी जान ले सकते हैं।
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