आधुनिक जीवन शैली में ऑफिस के काम का दबाव और बॉस की फटकार के साथ ही कई अन्य कारण लोगों में अवसाद का कारण बन रहे हैं। डिप्रेशन से राहत पाने के लिए कुछ लोग दवाओं का सेवन करते हैं तो कुछ काउंसलिंग का भी सहारा लेते हैं।
हाल ही में हुए एक नए शोध से साफ हुआ है कि एक्युपंक्चर भी डिप्रेशन में उतना ही आराम देती है जितना कि काउंसलिंग। शोधकर्ताओं ने पाया कि तीन महीने तक एक्युपंक्चर से उपचार कराने या काउंसलिंग लेने वाला प्रत्येक तीन में से एक अवसाद ग्रस्त व्यक्ति लंबे समय तक डिप्रेशन का शिकार नहीं रहता।
शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग डिप्रेशन से राहत पाने के लिए किसी भी उपचार का सहारा नहीं लेते, ऐसे हर पांच में से एक व्यक्ति लंबे समय तक अवसाद में रहता है। अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता हग मेगफ्रेसन ने बताया कि डिप्रेशन के उपचार में काउंसलिंग और एक्युपंक्चर के अलावा भी कई प्रकार की चिकित्सा पद्धति कारगर हैं।
अध्ययन के लिए मेगफ्रेसन और उनके साथियों ने अवसाद से गुजर रहें 755 लोगों पर नजर रखीं। शोधकर्ताओं ने इन सभी को तीन समूहों में बांटा, पहले समूह के 302 लोगों को 12 हफ्तों तक एक्युपंक्चर सेशन से गुजारा गया, दूसरे समूह के 302 लोगों की काउंसलिंग की गई और तीसरे समूह के 151 लोगों का मामूली चिकित्सा से उपचार किया गया।
शोधकर्ताओं ने तीन महीने बाद तीनों समूहों के लोगों में अवसाद के स्तर की जांच की। एक्युपंक्चर से उपचार कराने वालों में डिप्रेशन का औसत स्तर 9 पाया गया, काउंसलिंग लेने वाले दूसरे समूह के लोगों में डिप्रेशन का औसत स्तर 11 और तीसरे यानी मामूली उपचार लेने वाले 151 लोगों का डिप्रेशन लेवल 13 था। इससे साफ हुआ कि एक्युपंक्चर डिप्रेशन से दूर रखने में मददगार है।
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