टीवी एक्ट्रेस देबीना बनर्जी दोबारा (Actress Debina Bonnerjee) मां बनने वाली हैं। एक्ट्रेस ने अपने इंस्टाग्राम पर दोबारा मां बनने की गुड न्यूज़ को शेयर किया है। एक्ट्रेस के पोस्ट में उनके पति और एक्टर गुरमीत चौधरी भी नजर आ रहे हैं और उनके हाथ में सोनोग्राफी रिपोर्ट दिखाई दे रही है। फोटो में देखा जा सकता है कि गुरमीत ने गोद में बेटी लियाना को लिया हुआ है। दोबारा मां बनने की खुशखबरी शेयर करते हुए एक्ट्रेस ने लिखा, 'कुछ फैसले सही समय पर होते हैं और उन्हें कोई नहीं बदल सकता है...यह एक ऐसा आशीर्वाद है..हमें पूरा करने के लिए जल्द ही आ रहा है बेबी नंबर 2।' मालूम हो कि यह कपल चार महीने पहले ही पहली बार पेरेंट्स बना था। दोनों शादी के 11 साल बाद पहली बार माता- पिता बने थे। बेटी के जन्म के बाद देबीना का दूसरी बार मां बनने की खबर ने सबको चौंका दिया है। एक्ट्रेस की प्रेगनेंसी खबर आने के बाद अब सवाल उठ रहा है कि आखिरकार दो बच्चों की उम्र में कितना गैप (2 bacho me kitna age gap hona chahiye) होना चाहिए?
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दो बच्चों के बीच कितना गैप जरूरी?- What Is The Ideal Age Gap Between Two Kids
रायबरेली के जिला अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर निकिता गुप्ता का कहना है कि पहला बच्चा होने के कुछ महीने बाद ही अगर महिला दोबारा बच्चे को कंसीव कर लेती है, तो इस स्थिति में मां और बच्चे दोनों को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। डॉक्टर का कहना है पहले बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं को कुछ वक्त तक आराम करना चाहिए। क्योंकि बच्चे की डिलीवरी के बाद महिला का शरीर कमजोर पड़ चुका होता और रिकवर करने में वक्त लगता है। इसलिए कपल को इस मामले में सजग होना बहुत जरूरी है।
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दूसरा बच्चा प्लान करने के लिए कितना वक्त लें?
डॉक्टर का कहना है कि पहले बच्चे के होने के बाद कम से कम डेढ़ साल के बाद ही दूसरे बच्चे को कंसीव करना चाहिए। दूसरा बच्चा बिल्कुल नॉर्मल तरीके से हो इसके लिए पहली और दूसरी प्रेगनेंसी के बीच तीन साल का अंतर होना चाहिए। डॉक्टर का मानना है कि पहले बच्चे के जन्म के बाद महिला के शरीर को पूरी तरह से रिकवर होने में कम से कम 3 साल का वक्त लगता है। अगर कोई महिला 3 साल के गैप के बीच दूसरे बच्चे की प्लानिंग करती है, तो कॉम्प्लिकेशंस का रिस्क काफी कम हो जाता है।
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कम समय में बच्चा कंसीव करने से क्या दिक्कत हो सकती है?
एक्सपर्ट की मानें तो अगर कोई महिला पहले बच्चे के कुछ महीनों बाद ही दूसरा बच्चा कंसीव करती है, तो प्रेगनेंसी में कई बार मिसकैरेज, प्रीमैच्योर डिलीवरी और बच्चे का वजन अत्यधिक कम होने का खतरा बढ़ सकता है। इतना ही नहीं कम समय में बच्चा कंसीव करने से महिला को गर्भाशय में इंफेक्शन, एनीमिया और ब्लड प्रेशर का खतरा भी हो सकता है।