अक्सर क्रिकेट में इस बात को लेकर काफी आकर्षण रहता है कि खिलाड़ी लेफ्ट हैंड से बैटिंग करेगा या राइट। दरअसल, लेफ्टी बैट्समैन और बॉलर की वजह से बाकी खिलाडि़यों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा स्कूल-कॉलेज के दौरान आपके आसपास कई ऐसे स्टूडेंट होंगे जो राइट हैंड के बजाए लेफ्ट हैंड से लिखते हैं। लेफ्ट और राइट हैंड का ये मसला काफी पुराना है, मगर ऐसा क्यों है ये बात आज तक किसी को पता नहीं चल पाया है।
आमतौर पर इस संबंध में लोगों की राय काफी हास्यास्पद होती हैं, क्योंकि लोग इसे वैज्ञानिक कारण न मानकर, दैवीय मानते हैं। हालांकि एक नए शोध में वैज्ञानिकों ने बहुत ही चौंकाने वाला खुलासा किया है। बच्चा लेफ्टी या राइटी क्यों होते हैं इसकी जानकारी के पढ़े ये स्वास्थ्य समाचार...
वैज्ञानिकों की राय
आप बायें हाथ से काम करने वाले (लेफ्टी) हैं या दायें हाथ से काम करने वाले (राइटी)? एक शोध में पता चला है कि बच्चे को स्तनपान का समयकाल उसके हाथ उपयोग करने पर असर डाल सकता है। यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन में हुए अध्ययन के अनुसार, जिन शिशुओं ने स्तनपान किया होता है, उनमें बाएं हाथ से काम करने वाले कम पाए गए हैं।
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बोतल से दूध पिलाने से होता है ऐसा?
इसमें पाया गया कि नौ माह से ज्यादा समय तक स्तनपान करने वाले शिशु दाएं हाथ से काम करते हैं। दूसरी तरफ पाया गया कि जिन शिशुओं ने बोतल से दूध पिया, उनमें बाएं हाथ से काम करने वाले अधिक मिले। इसका कारण यह हो सकता है कि हाथ पर नियंत्रण करने वाला दिमाग का हिस्सा दिमाग के एक हिस्से में स्थिर कर जाता है।
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स्तनपान है जिम्मेदार?
शोधकर्ताओं ने बताया कि संभव है कि स्तनपान से यह प्रक्रिया गति पकड़ लेती है जिससे शिशु के दाएं या बाएं हाथ से काम करने का निर्धारण होता है। अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 62,129 मां-बच्चे के जोड़ों को शामिल किया।
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