देश-दुनिया में गाड़ियों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिसके चलते लोगों में बीमारियों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। ट्रैफिक की आवाज से लोगों को न केवल चिड़चिड़ानपन बल्कि बीमारियां होने का भी जोखिम रहता है। हाल ही में जर्मनी स्थित यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर मेंज में प्रकाशित स्टडी के मुताबिक ट्रैफिक के शोर में रहने या फिर सुनने से हार्ट से जुड़ी बीमारियां होने का जोखिम अधिक रहता है। यही नहीं शोधकर्ताओं की मानें तो इस तरह की दिनटर्या में रहने से आपको डायबिटीज का भी जोखिम रहता है।
हो सकता है हार्ट अटैक
सुनने में भले ही थोड़ा अजीब लगे लेकिन, शहरों में होना वाला ट्रैफिक का शोर लोगों में हार्ट अटैक का कारण भी बन सकता है। ट्रैफिक के ज्यादा संपर्क में रहने से आपको कार्डियोवैस्कुलर डिजीज होने का खतरा रहता है, जिसमें हार्ट बीट तेज, हाई ब्लड प्रेशर, सोने में कठिनाई होने और शरीर में सूजन होने जैसी समस्या हो सकती हैं। जो धीरे-धीरे हार्ट अटैक होने के जोखिम को बढ़ाता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक ट्रैफिक के कारण 10 डेसिबल की दर से शरीर में डायबिटीज और हार्ट से जुड़ी समस्याओं के का खतरा बढ़ता है।
3.2 गुना बढ़ता है खतरा
स्टडी के लीड ऑथर और प्रेफेसर थोमस मुंजेल, यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल सेंटर मेंज, जर्मनी के मुताबिक इस बात का अब पक्का सुबूत हो चुका है कि शहरों में होने वाले ट्रैफिक के शोक के कारण लोगों में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज हो रही हैं। इसके चलते डायबिटीज और स्ट्रोक होने के जोखिम में भी 3.2 की दर से बढ़त देखी गई है। घनी आबादी वाले इलाकों में व्यस्त सड़कों के कारण यह समस्या ज्यादा हो रही है।
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ट्रैफिक के शोर से होने वाली अन्य समस्याएं
- ट्रैफिक का शोर शरीर में अन्य समस्याओं का भी कारण बनता है।
- इससे सुनने की क्षमता कम होने के साथ ही हाइपरटेंशन भी हो सकता है।
- इससे चिड़चिड़ापन होने के साथ ही साथ स्ट्रेस की भी समस्या हो सकती है।
- इससे मायोकर्डियल इंफ्रैक्शन होने की भी आशंका बनी रहती है।