
Heart Rate in Hindi: हृदय यानी दिल हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग होता है। जब हमारा हृदय स्वस्थ रहता है, तो हम भी स्वस्थ महसूस करते हैं। हृदय स्वस्थ है या नहीं इसका पता उसकी गति से लगाया जा सकता है। जी हां, जब हृदय स्वस्थ रहता है तो इसकी गति सामान्य रहती है, जबकि असामान्य हृदय गति किसी न किसी समस्या का संकेत देता है। इसलिए अगर आपको भी कभी अपनी हृदय गति असामान्य लगे तो, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। चलिए मणिपाल अस्पताल, हेब्बल के सलाहकार - इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी डॉक्टर सुनील कुमार (Dr Sunil Kumar, Consultant-Interventional Cardiology Manipal Hospital Hebbal) से विस्तार से जानते हैं असामान्य हृदय गति के कारण और नॉर्मल हार्ट रेट कितना होना चाहिए?
नॉर्मल हार्ट रेट कितना होना चाहिए? (Normal Heart Rate)
डॉक्टर सुनील कुमार बताते हैं कि वयस्कों में सामान्य हृदय गति की दर प्रति मिनट 60 से 100 के बीच होनी चाहिए। अगर हृदय गति की दर प्रति मिनट 60 से कम और 100 से अधिक होती है, तो इस स्थिति को असामान्य हृदय गति कहा जाता है। किसी भी व्यक्ति में हृदय गति की दर प्रति मिनट 150 से अधिक होना, हृदय रोग पैदा होने संकेत हो सकता है।
असामान्य हृदय गति के कारण (Abnormal Heart Rate Causes)
जब हृदय गति यानी हार्ट रेट प्रति मिनट 60 से कम होता है, तो इसे ब्राडीकार्डिया कहा जाता है। इसके विपरीत जब हमारा दिल तेजी से धड़कने लगता है, तो इस स्थिति को टाचिकार्डिया कहा जाता है। टाचिकार्डिया में हृदय अपनी क्षमता से अधिक तेज धड़कता है, इसकी वजह से सीने में दर्द महसूस हो सकता है।
थकान, कमजोरी, बेहोशी, सांस लेने में दिक्कत, और चक्कर आना हृदय गति कम होने यानी ब्राडीकार्डिया के लक्षण हो सकते हैं। वही दिल का तेज धड़कना, सहन शक्ति का कम होना, चक्कर आना, आंखों के सामने अंधेरा आना और सीने में दर्द हृदय गति तेज होने यानी टाचिकार्डिया के लक्षण होते हैं। अगर आपको भी ये लक्षण नजर आए, तो बिल्कुलन भी नजरअंदाज न करें। चलिए जानते हैं असामान्य हृदय गति के कौन-कौन से कारण होते हैं-
1. ब्लड प्रेशर की दवाएं (Blood Pressure Medication)
जो लोग ब्लड प्रेशर की दवाएं खाते हैं, उनमें हृदय गति धीमी हो सकती है। यानी ब्लड प्रेशर की दवाएं धीमी हृदय गति का एक कारण हो सकता है। अगर आप ब्लड प्रेशर के रोगी है, इसकी दवाई खाते हैं तो हार्ट रेट कम होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें।
इसे भी पढ़ें - हार्ट की सेहत में गड़बड़ होने पर दिखते हैं ये 11 लक्षण, बिल्कुल न करें नजरअंदाज
2. हृदय रोग (Heart Diseases)
हृदय रोग से पीड़ित लोगों को असामान्य हृदय गति की समस्या का अधिक सामना करना पड़ता है। जिन लोगों को दिल से जुड़ी कोई बीमारी होती है, उनमें अक्सर हार्ट रेट कम देखने को मिलती है। खासकर बुजुर्गों में यह समस्या अधिक देखने को मिलती है।
3. बुखार या फीवर
बुखार या फीवर होने पर हृदय गति की दर प्रति मिनट 100 से अधिक हो सकती है। यह बुखार ठीक होने पर अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन अगर आपको लंबे समय से बुखार हो तो डॉक्टर से जरूर मिलें।
4. एनीमिया (Anemia in Hindi)
एनीमिया यानी शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी (Anemia Meaning)। यह समस्या महिलाओं में अधिक देखने को मिलती है। एनीमिया की समस्या होने पर भी हार्ट रेट अधिक हो सकता है। इस स्थिति में कमजोरी और थकान महसूस होती है।
इसे भी पढ़ें - सर्दी के मौसम में क्यों बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा? कार्डियोलॉजिस्ट से जानें कारण और बचाव
5. एंजायटी (Anxiety)
एंजायटी भी हृदय गति की दर को तेज करने का एक कारण हो सकता है। डिप्रेशन, तनाव और एंजायटी की स्थिति में कभी-कभी हार्ट रेट 100 से अधिक हो जाता है, ऐसे में आपको तनाव लेने से बचना चाहिए।
एंजायटी, सूजन, एनीमिया और फीवर हार्ट रेट को बढ़ाते हैं। जबकि ब्लड प्रेशर की दवाएं और हृदय रोग हार्ट रेट को कम करते हैं। हार्ट रेट का घटना और बढ़ना, दोनों ही स्थितियां गंभीर होती है। इसलिए आपको इन दोनों में से किसी भी स्थिति को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए।