
सर्दी के मौसम का आपके के हृदय पर क्या प्रभाव पड़ता है, इसे समझना बेहद ज़रूरी है। सर्दी के मौसम में हृदय को अधिक परिश्रम करना पड़ता है ताक़ि शरीर गर्म रहे और इसीलिए उसे अधिक मात्रा में ऑक्सीजन की ज़रूरत पड़ती है। सर्द मौसम से रक्त का संचार प्रभावित हो सकता है, रक्त का संचार सीमित हो सकता है, इससे रक्त धमनियां सीमित हो सकती हैं और इससे हृदय में कम मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचती है। इन सभी कारकों के चलते हार्ट अटैक आने की संभावना बढ़ जाती हैं। रिसर्च से यह भी पता चलता है कि सर्दी से खून के थक्कों के जमने की आशंका बढ़ जाती है, जिससे हार्ट अटैक आ सकता है और लकवा भी मार सकता है। आइए मुंबई के एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. संतोष कुमार डोरा से जानते हैं कि सर्दी का मौसम हार्ट के मरीजों के लिए क्यों संवेदनशील होता है और इस दौरान उन्हें कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए।
सर्दी में खुद को गर्म रखने के लिए क्या कर सकते हैं?
सर्दी के मौसम में खुद को गर्म महसूस कराते हुए अपने हृदय की प्रतिरक्षा करना बेहद जरूरी है।
- जितना भी संभव हो सके बाहर न निकलें।
- गर्म कपड़े पहनें।
- ठंडा खाना और ठंडे पेय पदार्थों का सेवन न करें। गर्म खाने को तवज्जो दें। स्वस्थ तरह के खाने को प्राथमिकता दें। खान-पान की स्वस्थ आदतें अपनाएं, ख़ासकर सर्दी में, छट्टी का मौसम होने के नाते लोग अक्सर अस्वस्थ तरह के भोजन का सेवन करते हैं, शराब पीते हैं और धूम्रपान करते हैं और ऐसे में लोग अपना वज़न बढ़ा लेते हैं।

सर्दियों सबसे ज्यादा हृदय रोगों का खतरा किसे होता है?
अगर आपको पहले से ही हृदय संबंधी बीमारी है, तो आपको सर्दी के मौसम में और भी सतर्क रहने की ज़रूरत है। इसके अतिरिक्त, अगर आपके हृदय को पहले से ही ज़्यादा ख़तरा (उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज़) है, तो ऐसे लोगों को भी अधिक सावधानी बरते जाने की ज़रूरत है। बुज़ुर्ग लोगों ख़ासकर 65 साल से अधिक उम्र के लोगों को सर्दी के मौसम में अपना ज़्यादा ख़्याल रखने की ज़रूरत है।
सर्दी के मौसम में अपने हृदय को कैसे स्वस्थ रख सकते हैं?
हेल्दी डायट और नियमित व्यायाम से सर्दी में उच्च रक्तचाप से बचा जा सकता है। जिन्हें पहले से उच्च रक्तचाप की शिकायत है, उन्हें रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए नियमित रूप से एंटी हायपरटेंसिव ड्रग्स लेना चाहिए।
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क्या फ्लू होने पर भी हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है?
फ़्लू से बुखार जैसे लक्षण हो सकते हैं जिससे हृदय की धड़कन तेज़ हो जाती है। इससे ऑक्सीजन युक्त रक्त की मांग बढ़ जाती है। फ़्लू से डिहाइड्रेशन भी हो सकता है, जिससे रक्तचाप कम होने की संभावना कम हो जाती है। इन बदलावों से हार्ट अटैक आने का ख़तरा बढ़ जाता है। जिन लोगों को पहले से हार्ट अटैक आने का ख़तरा होता है, इन बदलावों से उन्हें हार्ट अटैक आने की आशंका बढ़ जाती है।
हाल ही में जारी किये गये रिपोर्ट्स से साबित होता है कि इंफ्लूएंजा A (HINI) की वजह से गंभीर किस्म का मायोकार्डिटिस और कार्डियोमैयोपैथी हो सकता है। ऐसे में हृदय को रक्त संचारित करने की प्रक्रिया में अवरोध पैदा होता है, जिससे हार्ट फ़ेल्योर की आशंका बढ़ जाती है।
इंफ़्लूएंज़ा से बचने के लिए हर साल फ्लू का एक इंजेक्शन लीजिए। अगर आप में फ्लू के लक्षण नजर आएं, तो ख़ूब आराम करें और भारी मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन करें। अगर हालत में सुधार न आये, तो चिकित्सीय इलाज की अवहेलना न करें। डायबिटीज और डिस्लिपिडेमिया जैसी गंभीर बीमारी का उचित इलाज कराएं।
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सर्दी के मौसम में आपके द्वारा उठाये गये छोटे-छोटे कदमों से फ्लू से बचा जा सकता है:
- फ्लू का इंजेक्शन लगवा लें।
- साबुन और पानी से अपने हाथों को समय समय पर धोते रहें।
- अगर आपको फ्लू से संबंधी बुखार, खांसी और बदन में दर्द की शिकायत हो, तो मेडिकल सहायता लेने में देरी न करें।
- ख़ुद को डिहाइड्रेड होने से बचाएं और भारी मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन करें।
इनपुट्स: डॉ. संतोष कुमार डोरा, वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट, एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट, मुम्बई