युवाओं में क्‍यों बढ़ रहा है हार्ट अटैक का खतरा? बता रहे हैं कॉडियोलॉजिस्‍ट डॉ. संतोष कुमार डोरा

एशियन हार्ट इंस्‍टीट्यूट, मुंबई के सीनियर कॉडियोलॉजिस्‍ट डॉक्‍टर संतोष कुमार डोरा बता रहे हैं युवाओं में हार्ट अटैक बढ़ने का कारण और बचाव। 
  • SHARE
  • FOLLOW
युवाओं में क्‍यों बढ़ रहा है हार्ट अटैक का खतरा? बता रहे हैं कॉडियोलॉजिस्‍ट डॉ. संतोष कुमार डोरा


हार्ट अटैक की समस्या आमतौर पर बड़ी उम्र के लोगों होती है। हालांकि पिछले कुछ दशकों में विशेष रूप से भारत के युवाओं में हार्ट अटैक की समस्या देखने को मिल रही है। एक शोध से पता चलता है कि टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों को हृदय रोग होने का खतरा अधिक होता है। खून में मौजूद शुगर की उच्च मात्रा समय के साथ आपकी रक्त वाहिकाओं और नसों को हृदय परिसंचरण प्रणाली (Blood Vessels) को नुकसान पहुंचा सकती है। यह आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत ही नुकसानदायक साबित हो सकता है। जानें युवाओं में हृदय संबंधी रोग की बढ़ती घटनाओं के लिए जिम्मेदार महत्वपूर्ण कारकों के बारे में-

हाई ब्लडप्रेशर

हाई ब्लड प्रेशर को साइलेंट किलर कहा जाता है। व्यायाम की कमी, ट्रांस वसा और नमक से भरपूर आहार, मोटापा, तनाव का स्तर बढ़ जाना, धूम्रपान और शराब का सेवन जैसी आदतें युवा वयस्कों में हाई ब्लडप्रेशर की उच्च घटनाओं के कुछ मुख्य कारण हैं। अगर ब्लडप्रेशर का स्तर लगाता उच्च होने की वजह से स्ट्रोक, हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर, किडनी फेल्योर और आंखे कमजोर होने जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

heart

हाई कोलेस्ट्रोल

कोलेस्ट्रॉल एक शरीर के लिए बहुत ही आवश्यक जैविक तत्व है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होने की वजह से हृदय संबंधी रोग होते हैं। आपके शरीर की मौजूद रक्त वाहिकाएं जिनमें हृदय की धमनियां भी शामिल हैं। उनमें कोलेस्ट्रॉल जमा होने का खतरा होता है। इन धमनियों में कोलेस्ट्रॉल अधिक मात्रा में जमा होने की वजह से रक्त के प्रवाह में कमी हो सकती है। जिसके परिणामस्वरूप एन्जाइना या मायोकार्डियल इंफेक्शन (myocardial infarction) हो सकता है।

स्मोकिंग

धूम्रपान करने वाले लोगों को हृदय संबंधी रोग होने का खतरा होने की संभावना अधिक होती है। साथ ही धूम्रपान करने से अन्य लोग भी इसकी चपेट में आ जाते हैं खासतौर पर बच्चे। अच्छे स्वास्थ्य और हृदय संबंधी रोगों के होने की संभावना को कम करने के लिए हर मायने में धूम्रपान से दूर रहना चाहिए।

परिवारिक इतिहास

वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के अनुसार यदि परिवार में मौजूद कि भी सदस्य को पहले से कोई हृदय संबंधी समसम्या हो चुकी है तो ऐसे में उसे हृदय संबंधी समस्या होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। उदाहरण के लिए यदि आपके परिवार में से किसी को 55 साल की उम्र से पहले हार्ट अटैक की समस्या हो चुकी है तो ऐसे में उस सदस्य को हृदय संबंधी समस्याएं होने की संभावना 50 प्रतिशत अधिक होती है।

इसे भी पढ़ेंः सर्दियों में हार्ट फेल्‍योर का कारण बन सकता है हाई बीपी और ये 3 वजह, एक्‍सपर्ट से जानिए बचाव के तरीके

मोटापा

मोटापा हृदय संबंधी रोग होने के खतरे को अधिक बढ़ा देता है। वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के अनुसार अधिक वजन वाले व्यक्ति में हाई ब्लड प्रेशर, टाइप -2 डायबिटीज और मस्कुलोस्केलेटल विकार (musculoskeletal disorder) होने का खतरा अधिक होता है।

hear

वायु प्रदूषण

व्यापक शोध से पता चलता है कि पर्यावरण के कारण भी आपके ब्लडप्रेशर के स्तर में परिवर्तन हो सकता है। वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ रही विभिन्न हृदय संबंधी समस्याएं जैसे हार्ट अटैक, हार्ट फैलियर, स्ट्रोक एरिथिमिया आदि के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक माना जाता है। स्टडी के अनुसार प्रदूषित हवा के संपर्क में आने से हार्ट अटैक जैसी समस्याएँ होने का खतरा दोगुना हो जाता है।

इसे भी पढ़ेंः दिल का दौरा पड़ने के कुछ घंटों के भीतर इलाज से फायदा पहुंच सकता है, जानें उपचार का तरीका

हृदय स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए उपाय

  • अपने पारिवारिक इतिहास के बारे में जरूर जान लें। यह जानना जरूरी है कि आपके भाई-बहन, माता-पिता या दादा-दादी को हृदय रोग था और जब उन्हें यह समस्याएं हुई तो उस समय उनकी उम्र कितनी थी।
  • अपने लिपिड प्रोफाइल, ब्लड शुगर के स्तर और ब्लड प्रेशर की नियमित जांच करवाएं। साल में कम से कम एक बार पूरे शरीर की जांच कराना उचित है।
  • हर हफ्ते कम से कम 150 मिनट एरोबिक एक्सरसाइज करना जरूरी है।
  • धूम्रपान न करें। साथ ही दूसरों द्वारा किए गए धूम्रपान के धुएं से बचें। अपने डॉक्टर से धूम्रपान छोड़ने के लिए इलाज और कारगर दवाइयों के लिए परामर्श जरूर लें।
  • साबुत अनाज फाइबर, दुबला प्रोटीन, रंगीन फल और सब्जियों, फलियां और दालें, कम फैट युक्त आहार जैसे मछली और मुर्गी का सेवन करें। तत्काल और पैकेज्ड फूड, जंक फूड, चीनी और नमक के अधिक सेवन से बचें।
  • अपने परिवार और दोस्तों के लिए समय निकालें। कोशिश करें कि घर में ऑफिस का काम न करें। समय-समय पर परिवार के लिए छुट्टियां लें। अपने विश्वसनीय दोस्तों और जीवनसाथी के साथ अपने तनाव के कारण के बारे में बात कर सकते हैं। मनोचिकित्सक से भी सलाह लें।

इनपुट्स: डॉक्‍टर संतोष कुमार डोरा, सीनियर कॉडियोलॉजिस्‍ट, एशियन हार्ट इंस्‍टीट्यूट, मुंबई।  

Read More Articles on Heart Health In Hindi

Read Next

अपने हृदय को स्‍वस्‍थ कैसे रखें? बता रहे हैं सीनियर कॉडियोलॉजिस्‍ट डॉ. नरेश त्रेहान

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version