डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो एक बार अगर हो जाए तो फिर उम्र भर इससे पीछा नहीं छूटता। लेकिन, अब इस बीमारी से घबराने की जरूरत नहीं है। डायबिटीज रोगियों के लिए खुशखबरी है। अब वैज्ञानिक इस बीमारी से बचने की राह तलाशने के काफी करीब पहुंच गए हैं। वैज्ञानिकों को पता चला है कि टाइप 2 डायबिटीज, जिसमें शरीर इंसुलिन का सही इस्तेमाल नहीं कर पाता है, की असल वजह एक प्रोटीन होता है। इससे पहले यह प्रोटीन नहीं खोजा गया था।
कनाडा स्थित, सेंट जस्टिन यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल रिसर्च सेंटर के डॉक्टर एलेक्सी शेजेस्टकी का कहना है कि हमनें न्यू (Neu1) प्रोटीन खोजा है। इसका पूरा नाम 'न्यूरामिनिडेज 1' (neuraminidase) है। यह प्रोटीन शरीर में शर्करा के अवशोषण की प्रक्रिया को शुरू और बंद करने का काम करता है। डॉक्टर शेजेस्टकी उस रिसर्च टीम का हिस्सा हैं जिसने इस प्रोटीन को खोजने और डायबिटीज के साथ उसके संबंध के बारे में पता लगाया है।
वैज्ञानिक अब इस प्रोटीन की मात्रा को नियंत्रित कर डायबिटीज पर इसके असर को और गहरायी से जांचने में जुटे हैं। उन्हें यकीन है कि कोशिकाओं से सिएलिक एसिड को हटाने से इनसुलिन हार्मोन बेहतर तरीके से काम कर सकेगा। और रक्त में शर्करा की मात्रा को सही प्रकार से अवशोषित कर सकेगा। डॉक्टर शेजेस्टकी के मुताबिक इससे इनसुलिन थेरेपी पर निर्भरता में भी कमी आएगी। यह स्टडी जर्नल डायबिटीज में प्रकाशित हुई है।
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