खसरे को मेजल्स के नाम से भी जानते हैं। यह बच्चों में होने वाली बीमारी है। यह एक प्रकार का संक्रमण है जो एक बच्चे से दूसरे बच्चे को हो सकता है। इसके लक्षण तुरंत नजर नहीं आते हैं। जिन बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता काफी कम होती है वे बच्चे जल्द ही इसकी चपेट में आ जाते हैं। खसरे से ग्रस्त लोगों को खुले और हवादार कमरे में रखना चाहिए। कमरे में जलने वाली लाइट उनकी आंखों पर काफी विपरीत असर डालती हैं। इसलिए उन्हें किसी ऐसे कमरे में रखें जहां प्राकृतिक रुप से रोशनी आए जिससे लाइट जलाने की जरूरत ही ना पड़ें। तो आइए जानें प्राकृतिक उपायों की मदद से इसका इलाज कैसे कर सकते हैं।
फलों का रस
खसरा से उपचार के लिए रोगी को सबसे पहले ताजे फलों का जूस देना चाहिए। हर थोड़ी-थोड़ी देर में जूस पीने से खसरे के लक्षण में कमी देखी जा सकती है। खसरे के दौरान बच्चों को भूख नहीं लगती है। ऐसे में खाने की जगह उन्हें जूस पीलाते रहना चाहिए। इससे उनका शरीर में पानी की कमी भी नहीं होगी।
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गर्म पानी पिलाएं
अक्सर खसरा होने पर शरीर से टॉक्सिन जमा हो जाते हैं। ऐसे में हल्के गर्म पानी का सेवन करना काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। इससे शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ आसानी से बाहर निकल जाते हैं जिससे खसरे के लक्षणों में कमी देखी जा सकती है।
मड पैक
खसरे से ग्रस्त रोगी में बुखार की समस्या भी होती है इसलिए रोगी के पेट पर दिन में दो बार मड पैक लगाएं। इससे रोगी के बुखार में कमी देखने को मिलेगी। इस प्रक्रिया को तब तक अपनाएं जब तक रोगी का बुखार पूरी तरह से ठीक ना हो जाए।
नीम की पत्तियां
खसरे में रोगी के शरीर में खुजली की समस्या आम है। कई बार खुजली से त्वचा क्षतिग्रस्त भी हो जाती है। इसके लिए नीम के पत्तों को गर्म पानी में डालकर कुछ देर छोड़ दें। उसके बाद उसी पानी से रोगी को स्नान कराएं। इससे खुजली की समस्या अपनेआप दूर हो जाएगी।
नींबू
नींबू का सेवन काफी रोगों से निजात दिलाने के लिए जाना जाता है। क्या आप जानते हैं खसरे से ग्रस्त रोगी के लिए भी नींबू बहुत फायदेमंद है। जब भी रोगी को प्यास का अहसास हो तो उसे नींबू पानी ही पीने को दें। यह रोगी में पानी पीने की इच्छा को और बढ़ाता है।
संतरे का जूस
खसरे में संतरे का जूस पीना बहुत फायदेमंद है। इससे रोगी की पाचन शक्ति बढ़ती है जिससे उसे भूख का एहसास होता है। आप चाहें तो संतरे के जूस पीने की जगह संतरा खा भी सकते हैं। यह शरीर में पानी की मात्रा को बनाए रखता है और रोगी के हाइड्रेट रहता है।
हल्दी
खसरे में हल्दी का सेवन बहुत असरकारी हो सकता है। सूखी हल्दी की जड़ों को धूप में सूखा लें और उसका बारीक पीस लें। पीसी हुई हल्दी की जड़ को केरेले के जूस में मिलाएं और उसमें दो बूंद शहद मिला कर रोगी को खिलाएं। इससे खसरे के लक्षण धीरे-धीरे खत्म होने लगेंगे।
जौ
खसरे से ग्रस्त रोगी को कफ की समस्या होने पर जौ का पानी देना फायदेमंद है। जौ के पानी में मौजूद तत्व कफ की समस्या से तुरंत निजात दिलाते हैं। जौ के पानी में ताजे बादाम के तेल की कुछ बूंदे भी डाल लें। इससे यह पानी आपको थोड़ा मीठ लग सकता है। इस पानी का सेवन तब तक करें जब तक समस्या पूरी तरह ठीक ना हो जाए।
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आराम करें
खसरे की समस्या से जूझ रहे व्यक्ति को आराम की बहुत जरूरत होती है। इसके अलावा उसे साफ सफाई का भी खास खयाल रखना चाहिए तभी वो जल्दी ठीक हो पाएगा। संक्रामक बीमारी होने के कारण रोगी ठीक होने से पहले घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।
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