हाई ब्लड शुगर को कभी भी हल्के में न लें, क्योंकि अगर इसका इलाज न किया जाए, तो यह फ्यूचर में घातक साबित हो सकती है। वैसे, ग्लूकोज़ या शुगर से बॉडी सेल्स को ताकत मिलती है और एनर्जी लेवल नेचुरली बढ़ता है। लेकिन, अगर शरीर के किसी फंक्शन में दिक्कत आ जाए और सेल्स ग्लूकोज़ को अब्ज़ॉर्ब न कर पाएं, तो हाई ब्लड शुगर की समस्या शुरू हो जाती है। इसके कारण हमारी नर्व्स, ब्लड वेसल्स और ऑर्गन्स डैमेज हो सकते हैं। जब बल्ड में ज़रूरत से ज़्यादा शुगर इकट्ठी होने लगती है, तो डायबिटीज़ होने के चांस बहुत ज़्यादा बढ़ जाते हैं। जिन लोगों को टाइप 1 डायबिटीज़ होती है, उनकी बॉडी इन्सुलिन नहीं बना पाती।
डायबिटीज के मरीजों का ऐसा होना चाहिए ब्रेकफास्ट!
इन्सुलिन, एक ऐसा हार्मोन है, जो शुगर को ब्लड से सेल्स में पहुंचाता है। टाइप 2 डायबिटीज़ में मरीज़ की बॉडी इन्सुलिन का इस्तेमाल करने में सक्षम नहीं होती। इससे शरीर में या तो बहुत ज़्यादा इन्सुलिन हो जाती है या फिर बिल्कुल कम। ऐसे में बिना प्रॉपर ट्रीटमेंट के दोनों तरह की डायबिटीज़ ही नुकसानदायक हैं। इसलिए, ब्लड शुगर लेवल समय-समय पर चेक करवा लेना चाहिए, क्योंकि अगर शरीर में ग्लूकोज़ लेवल नॉर्मल रहेगा, तो डायबिटीज़ का रिस्क भी काफी कम होगा।
इन 7 तरीकों से हाई ब्लड शुगर आपकी बॉडी को अफेक्ट करती है
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1- आप पानी बहुत पीते हैं
हाई ब्लड शुगर का एक लक्षण यह है कि आप बहुत ज़्यादा पानी पीते हैं और बार-बार बाथरूम जाते हैं, क्योंकि आपके ब्लड में ज़रूरत से ज़्यादा शुगर है और बॉडी इससे निजात चाहती है। इसलिए, यूरिन के ज़रिए बॉडी शरीर से एक्स्ट्रा शुगर निकालती है। जब आपके शरीर से पानी निकलता है, तो आपको प्यास भी ज़्यादा लगती है। सिर्फ यही नहीं, कुछ लोगों को बहुत ज़्यादा भूख भी लगती है। कई केसिस में लोग वेट लूज़ कर लेते हैं, क्योंकि सेल्स को प्रॉपर शुगर या एनर्जी नहीं मिल पाती।
2- थकान होना
हाई ब्लड शुगर के मरीज़ों को सारा टाइम थकान महसूस होती है, क्योंकि उनकी बॉडी सेल्स को शुगर की फॉर्म में एनर्जी नहीं पहुंच पाती। सिर्फ यही नहीं, जब ब्लड में शुगर बढ़ जाती है, तो खून भी गाढ़ा होने लगता है। इसके चलते दिल को इसे पम्प करने के लिए एक्स्ट्रा मेहनत करनी पड़ती है। पूरी बॉडी में न्यूट्रिएंट्स बहुत धीरे-धीरे फैलते हैं।
3- ब्लड चिपचिपा हो जाता है
हाई ब्लड शुगर होने के कारण ब्ल्डस्ट्रीम में ज़्यादा शुगर हो जाती है। इससे खून न सिर्फ गाढ़ा हो जाता है, बल्कि यह चिपचिपा भी हो जाता है। यह गाढ़ा खून हमारी छोटी ब्लड वेसल्स में नहीं जा पाता। हमारे शरीर में आंखों, कानों, नर्व्स, किडनी और दिल में कई छोटी ब्लड वेसल्स होती हैं, जो सही तरीके से ब्लड सर्कुलेट न होने के चलते प्रभावित होती हैं।
4- आंखों की रोशनी प्रभावित
हाई ब्लड शुगर लेवल से आंखों की हेल्थ भी प्रभावित होती है। हमारी आंखों की छोटी ब्लड वेसल्स में पर्याप्त मात्रा में खून न पहुंच पाने के कारण धुंधला दिखाई देना शुरू हो सकता है। जब शुगर लेवल नॉर्मल हो जाती हैं, तब विज़न भी नॉर्मल हो जाता है। लेकिन, इसका सही समय पर ट्रीटमेंट न होने के चलते आंखों की रोशनी हमेशा के लिए भी जा सकती है।
5- बहुत ज़्यादा दर्द होना
हाई ब्लड शुगर के मरीज़ों के पैरों और हाथों में झुनझुनी होती है और कई बार उंगलियां सुन भी लगती हैं। ये तब होता है, जब हाई ब्लड शुगर की दिक्कत लंबे समय से चल रही हो। अमेरिकी एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी के मुताबिक, सबसे पहले शरीर के ये अंग ही प्रभावित होते हैं। इसके होने वाले अगले डैमेज से बचने के लिए ब्लड शुगर कंट्रोल करना बेहद ज़रूरी है।
6- किडनी प्रभावित होती है
दरअसल, किडनी में छोटी-छोटी ब्लड वेसल्स होती हैं, जो ब्लड से वेस्ट प्रोडक्ट फिल्टर करने में मदद करती हैं। जब ब्लड शुगर हाई होता है, तो फिल्टर सिस्टम को ब्लड से एक्स्ट्रा शुगर निकालने के लिए ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है। ऐसे में कुछ साल के बाद किडनीज़ ठीक से फंक्शन नहीं कर पातीं। यूरिन में प्रोटीन लेवल्स का बढ़ना भी इसकी निशानी है। इसिलए, किडनी फंक्शन को ठीक रखने के लिए ब्लड शुगर कंट्रोल करनी ज़रूरी है।
7- पैरों के इन्फेक्शन से बचकर रहें
हाई ब्लड शुगर के कारण शरीर पर कोई भी चोट लगने से वो जल्दी ठीक नहीं हो पाती। इसमें पैर काफी प्रभावित होते हैं। उनमें अल्सर हो सकता है, नाखूनों में इन्फेक्शन हो सकता है। कई बार इन्फेक्शन इतना फैल जाता है कि पैर या अंगूठा काटना भी पड़ जाता है। इसलिए अपनी शुगर लेवल को कंट्रोल में रखें।
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