
हृदय रोग, कैंसर, उच्च रक्तचाप या स्ट्रोक जैसी सभी बीमारियों का कारण कहीं न कहीं हमारा खानपान होता है। अपने आहार के पैटर्न को सिर्फ बदल लेने से इन सब बीमारियों को कम करने में मदद मिल सकती है और स्वस्थ जीवन जीने की संभावना बढ़ती है। अब आप सोच रहे होंगे कि किया जाए और किस प्रकार का खाना खाना खाए या किस प्रकार की डाइट प्लान करें, आदि आदि। असल में ज्यादा कुछ नहीं बस आपको खाने के पैटर्न में थोड़ा सा बदलाव करना होगा जैसे कि अपनी डाइट में प्रोटीन इनटेक को बढ़ा कर फैट्स को कम करना होगा। प्रोटीन किसी भी व्यक्ति के विकास के लिए व डेमेज हुई सेल्स को रिपेयर करने के लिए आवश्यक होता है। यह हम सभी जानते हैं की मीट व नॉन वेज खाने वाले लोगों को शाकाहारी व प्लांट पर निर्भर रहने वाले भोजन के मुकाबले ज्यादा प्रोटीन व पोषण मिलता है। इसलिए आप फलियां- बीन्स और मटर और कम वसा वाले, नॉनफैट या स्किम्ड, दूध उत्पादों की सेवन करने की आवश्यकता है। आप निम्न खाद्यों को भी शामिल कर प्रोटीन प्राप्त कर सकते हैं।
1. स्पिरुलिना (Spirulina)
यह खाद्य पदार्थ पूरे विश्व भर में प्रचलित है और इसे इसके पोषण व एंटी ऑक्सीडेंट्स के कारण जाना जाता है। हालांकि बहुत कम लोग यह जानते हैं की यह फूड एलगी परिवार से संबंधित है और इसमें हाई प्रोटीन पाया जाता है। इसमें 55-60% प्रोटीन पाया जाता है जो अन्य सब्जियों के मुकाबले बहुत ज्यादा है।
2. न्यूट्रीशनल सप्लीमेंट (Nutritional Suppliment)
वेजिटेरियन डाइट में बहुत सारे पोषण की कमी पाई जाती है जिसे आप सप्लीमेंट के माध्यम से पूरा कर सकते हैं। आज कल बहुत से ऐसे सप्लीमेंट मार्केट में उपलब्ध हैं जिनमें प्रोटीन की अच्छी खासी मात्रा उपलब्ध होती है। ब्राउन राइस व पी प्रोटीन प्लांट बेस्ड प्रोटीन का एक अच्छा ऑप्शन है। इसमें आपको प्रोटिन के साथ साथ अमीनो एसिड की भी मात्रा मिलती है।
3. मसूर की दाल (Lentils)
एक भारतीय होने के नाते हम सभी के घर में सबसे ज्यादा बार बनने वाली दाल है। ये दाल हर प्रकार की प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है और क्योंकि मसूर की दाल ग्लूटेन फ्री होती है इसलिए यह हर प्रकार की डाइट के लिए उपयुक्त भी रहती है। जब हम इस दाल को होल ग्रेन के साथ कंबाइन कर देते हैं तो इनमें होने वाली प्रोटीन की मात्रा मीट के बराबर हो जाती है। आज के समय में भारत मसूर की दाल का उत्पादन करने में पहले स्थान पर है। यह आपको किसी भी दुकान पर आसानी से मिल जाएगी।
4. मोरींगा (Moringa)
मोरिंगा के स्वास्थ्य लाभों को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। मोरींगा को भारतीय डाइट में अक्सर खाया जाता है। इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं। आप इसे एक सब्जी की तरह या सांभर में मिक्स करके खा सकते हैं। यह हमारे लीवर को प्रोटेक्ट करता है और हमारी इम्युनिटी को बढ़ाता है। यह हमारे मस्तिष्क के लिए भी लाभदायक होता है और इसमें दही के मुकाबले दोगुना प्रोटीन होता है। आप इसकी पत्तियों को भी खा सकते हैं, पाउडर फॉर्म में भी आप इसका सेवन कर सकते हैं और आप इसका सप्लीमेंट भी ले सकते हैं।
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5. चिया सीड्स (Chia seeds)
चिया सीड्स, साल्विया हेपैनिका पौधे से मिलने वाले छोटे काले बीज हैं। शोध के मुताबिक लगभग 28 ग्राम चिया सीड्स के सेवन से कम से कम 4.5 ग्राम प्रोटीन मिल सकता है। सुबह के समय के नाश्ते में दलिया या स्मूदी में चिया सीड्स मिलाकर सेवन करना फायदेमंद है।
6. ओट्स (Oats)
ओट्स को सभी अनाजों के मुकाबले सबसे अधिक हेल्दी और प्रोटीन युक्त डाइट माना जाता है। लगभग 1 कप ओट्स 10 ग्राम से अधिक प्रोटीन प्रदान करता है। ओटमील के अलावा आप ग्रेनोला या ओट्स बार भी बना सकते हैं। अगर आपको एक्स्ट्रा प्रोटीन की जरूरत है तो आप नट्स या सीड्स के साथ इस का सेवन करें या फिर दही में मिलाकर खाएं।
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7. चने या हम्मस (Chickpeas/Hummus)
चने का आटा या मोटा बेसन विशेष रूप से प्रोटीन से भरपूर होता है। कम से कम 1 कप चने के आटे में 20 ग्राम से कुछ अधिक प्रोटीन होता है और यदि हम हम्मस का प्रयोग करें तो 1 चम्मच हमस में लगभग 1 ग्राम प्रोटीन होता है जिसको किसी भी सलाद, गाजर या किसी अन्य खाने के साथ डिप के रूप में प्रयोग किया जा सकता है।
यदि आप शाकाहारी हैं और प्रोटीन की मात्रा का सेवन अपनी डाइट में बढ़ाना चाहते हैं तो आपके पास आज ढेरों ऑप्शन उपलब्ध हैं जिन्हे आप ट्राई कर सकते हैं। इनमें डाइट ऑप्शंस के साथ साथ कुछ सप्लीमेंट भी शामिल हैं। जो आसानी से उपलब्ध हैं, इसलिए इन्हें आप ट्राई कर सकते हैं।
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