
महिलाओं के लिए हेल्थ चेकअप क्यों जरूरी है? 8 मार्च को पूरे विश्व में इंटरनैशनल वीमेंस डे मनाया जाता है। हम औरतों के लिए ये खास दिन इसलिए सेलिब्रेट करते हैं ताकि नारित्व को महत्व दिया जाए पर अक्सर ये देखा जाता है कि महिलाएं अपनी ही सेहत को लेकर लापरवाह होती हैं। जब तक बीमारी बहुत ज्यादा न परेशान करे महिलाएं अस्पताल जाने से भी कतराती हैं पर इसका बुरा असर उनकी सेहत पर पड़ सकता है। अगर समय रहते बीमारी का पता लग जाए तो उसे समय रहते दवाओं से ठीक किया जा सकता है। 30 की उम्र पार करते ही कई ऐसे हेल्थ चेकअप हैं जिनसे महिलाओं की अच्छी सेहत सुनिश्चित की जा सकती है। आपके आसपास भी कोई खास महिला है जिनकी सेहत का जिम्मा आप उठाना चाहते हैं तो इस महिला दिवस उन्हें हेल्थ चेकअप तोहफे में दें। ये चेकअप लगभग सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में किए जाते हैं। इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने लखनऊ के डफरिन अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षिका और गाइनोकोलॉजिस्ट डॉ सुधा वर्मा से बात की।
1. लिपिड पैनल टेस्ट (Lipid panel test for women)
30 पार होते ही महिलाओं के शरीर में कई बदलाव होते हैं। इस दौरान आपको लिपिड पैनल टेस्ट करवाना चाहिए। इससे बॉडी में कोलेस्टॉल लेवल का का पता चलता है। अगर कोलेस्ट्रॉल ज्यादा है तो हॉर्ट डिसीज का खतरा रहता है। वैसे तो ये एक कॉमन टेस्ट है जिसे कोई भी करवा सकता है पर इस उम्र में महिलाओं में प्रेगनेंसी भी होती है इसलिए सभी महिलाओं को समय-समय पर ये जांच करवा लेनी चाहिए।
2. विटामिन डी टेस्ट (Vitamin D test for women)
30 पार होते ही महिलाओं की हड्डियां कमजोर होने लगती है। इसका कारण कैल्शियम की कमी हो सकती है। महिलाओं को विटामिन डी टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। इससे खून में विटामिन डी की मात्रा का पता चलता है। विटामिन डी हमारी हड्डियों के लिए जरूरी है। टेस्ट के साथ-साथ महिलाओं को डॉक्टर से सलाह लेकर विटामिन डी रिच फूड का सेवन करना चाहिए। हर दिन महिलाओं को एक गिलास दूध जरूर पीना चाहिए।
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3. पैप-स्मीयर टेस्ट (PAP-smear test for women)
पैप-स्मीयर टेस्ट की मदद से सर्विकल कैंसर का पता लगाया जाता है। इस टेस्ट के जरिए डॉक्टर सर्विक्स में सेल्स की जांच करते हैं। ये एक तरह का कैंसर है जिसका पता अगर समय रहते चल जाए तो इसे ठीक किया जा सकता है। महिलाओं को हर 3 साल में पैप-स्मीयर टेस्ट करवाना चाहिए। जिन महिलाओं की उम्र 21 पार है वो सब ये टेस्ट करवा सकती हैं। अगर महिला को वजाइनल ब्लीडिंग, सिस्ट जैसे लक्षण लगते हैं तो उन्हें इस टेस्ट को जल्द से जल्द करवा लेना चाहिए।
4. मैमोग्राम (Mammogram test for women after 30s)
मैमोग्राम टेस्ट महिलाओं को 30 साल की उम्र पार करते ही जरूर करवाना चाहिए। इस टेस्ट से डॉक्टर ब्रेस्ट का टेस्ट करते हैं ये पता लगाने के लिए कि कहीं ब्रेस्ट में कैंसर तो नहीं। इस टेस्ट में सीनी पर 2 प्लेट रखी जाती है जिससे एक तरह का एक्स-रे किया जाता है। भारत में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर एक कॉमन बीमारी है इसलिए जितना जल्दी इस बीमारी का पता चलेगा इलाज भी उतना जल्दी शुरू किया जा सकेगा।
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5. थॉयराइड टेस्ट (Thyroid test for women after 30s)
30 पार होने के साथ महिलाओं को थॉयराइड टेस्ट करवा लेना चाहिए। इस उम्र में अनियमित पीरियड्स थॉयराइड का एक लक्षण हो सकता है। थॉयराइड एक ग्लैंड है जो गले में पाया जाता है इससे हॉर्मोन बनते हैं जो मेटाबॉलिज्म को रेगुलेट करते हैं। थॉयराइड टेस्ट से हॉर्मोन का लेवल चेक किया जाता है ताकि ये पता लगाया जा सके कि थॉयराइड ग्लैंड ठीक तरह से काम कर रहा है या नहीं। थॉयराइड का चेकअप ब्लड टेस्ट से किया जाता है।
महिलाओ के लिए ये सभी टेस्ट जरूरी है, अगर घर में रहने वाली महिला सेहतमंद होगी तो परिवार भी हेल्दी बनेगा इसलिए उनकी सेहत के प्रति लापरवाही न बरतें।
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