कैसी भी हो दस्त ये 5 जड़ी-बूटियां आपके दिलाएंगी फौरन राहत, बस छोड़ दे इन फूड का सेवन

दस्त के कारण पेट में हल्का-हल्का दर्द रहता है और पेट फूलने की समस्या होती है। इससे राहत देने में ये 5 जड़ी-बूटियां बहुत फायदेमंद है।
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कैसी भी हो दस्त ये 5 जड़ी-बूटियां आपके दिलाएंगी फौरन राहत, बस छोड़ दे इन फूड का सेवन

दस्त पाचन संबंधी एक ऐसी समस्या है, जिसके कारण लोगों को बार-बार पानी जैसा शौच आता है, पेट में हल्का-हल्का दर्द रहता है और पेट फूलने की समस्या होती है। ऐसा तब होता है जब आपकी जठरांत्र प्रणाली (gastrointestinal system) में दिक्कत होने लगती है। दस्त के लक्षण आपको कुछ घंटों या दिनों बाद दिखाई देने शुरू होते हैं। कुछ मामलों में ऐसा और लंबा वक्त शामिल हो सकता है। दस्त लगने के पीछे कोई एक वजह नहीं है ब्लकि आप कई कारणों से दस्त जैसी समस्या का शिकार हो सकते हैं।

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वायरल या बैक्टीरिया संक्रमण, फूड प्वाइजनिंग, हाल ही में किया गया एंटी-बायोटिक का सेवन और गंदा पानी पीने से भी किसी व्यक्ति को दस्त जैसी समस्या हो सकती है। आपको इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है कि जब भी आपको दस्त लगे तो खुद को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है। बच्चों और बुजुर्गों में डिहाइड्रेशन से हुए दस्त गंभीर समस्या का कारण बन सकते हैं। दस्त की समस्या होने पर आपको इन चीजों से बचना चाहिए जैसे

  • दूध
  • शराब
  • सोड़ा 
  • कार्बोनेटेड ड्रिंक
  • कैफीन युक्त ड्रिंक

इन चीजों का सेवन दस्त की परेशानी को और बढ़ाने में मदद कर सकता है। दस्त जैसी समस्या से निपटने के लिए आयुर्वेद में मौजूद नुस्खों को भी फौरी राहत के तौर पर देखा जाता है। कुछ जड़ी बूटियों को दस्त के लक्षणों से राहत देने में प्रभावी पाया गया है। इस लेख में हम आपको ऐसे ही कुछ जड़ी बूटियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपको दस्त जैसी समस्या से निपटने में मदद कर सकते हैं और राहत दिला सकते हैं। हम आपको 5 जड़ी बूटियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपके लिए इस समस्या को दूर करने में मदद कर सकती हैं। 

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दस्त से राहत दिलाने वाली 5 जड़ी बूटियां

कैरब (Carob)

कैरब में टैनिन (वृक्ष की छाल से प्राप्त क्षार) की प्रचुर मात्रा पाई जाती है, जो हमारी आंत्र के श्लेष्मा झिल्ली पर एक बाध्यकारी प्रभाव डालता है। कैरब पॉड शरीर में पानी की कमी को पूरा करने में मदद करता है और पानी जैसे दस्त को रोकने का काम करता है।

बारबेरी

बारबेरी में मौजूद बेरबेरिन और पाल्मेटिन दोनों के ही एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। बेरबेरिन में एंटी-प्रोटोजोइक गुण भी होते हैं।  जिआर्डिएसिस, पेचिश, कैंडिडा और कोलेरा विब्रियो जैसी प्रोटोजोइक बीमारियां दस्त का कारण हो सकता है। 

एकिनेसिया

एकिनेसिया में मौजूद सक्रिय सामग्री पॉलीसैक्कराइड (Polysaccharides) और अल्कामाइड शरीर की इम्यून प्रतिक्रिया को आसान बनाते हैं। इसमें पॉलीसैप्टिलीन (polyacetylenes) भी होता है,  जिसके एंटी-फंगल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी वायरल गुण भी होते हैं।

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गोल्डनसील (Goldenseal)

गोल्डनसील को हिंदी भाषा में पीत कंद भी बोलते हैं। इस जड़ी बूटी में बेरबेरिन की मात्रा बहुत अधिक पाई जाती है, जो मैक्रोफेज की गतिविधियों को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। मैक्रोफेज बैक्टीरिया और वायरस को पचाने का काम करता है। इतना ही नहीं ये इम्यून सिस्टम को दुरुस्त बनाने में भी मदद करता है।

इसबगोल (Psyllium)

इस जड़ी बूटी में लासा और फाइबर की बहुत ज्यादा मात्रा पाई जाती है, जो दस्त और कब्ज से राहत दिलाने के लिए सबसे अच्छे प्राकृतिक नुस्खों में से एक है। बीजों के भूसी पानी को सोख कर फूल जाती है, जिसके कार मल भारी हो जाती है और शौच करना आसान हो जाता है।

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