एसेंशियल ऑयल का प्रयोग सदियों से होता आ रहा है और इसके कई फायदों में से एक है ब्रेस्ट कैंसर को रोकना, जिसके बारे में लोग कम ही जानते हैं। शोध में भी खुलासा हो चुका है कि एसेंशियल ऑयल न केवल कैंसर को रोकने बल्कि कैंसर के उपचार व कष्ट देने वाले साइड इफेक्ट को दूर करने में भी फायदेमंद है। दरअसल ये पौधों से निकाले गए रस के तत्वों से बना होता है। ये तेल भाप और / या पानी के माध्यम से या फिर यांत्रिक तरीकों से प्राप्त होते हैं। इनका प्रयोग इत्र, कॉस्मेटिक, साबुन, घरेलू सफाई उत्पादों, भोजन और पेय के स्वाद के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा भारत में बनाई जाने वाली आयुर्वेदिक दवाओं में एसेंशियल ऑयल का प्रयोग बहुत होता है। एरोमाथेरेपी में एसेंशियल ऑयल का प्रयोग भी काफी प्रसिद्ध है और आयुर्वेद में कैंसर पर एसेंशियल ऑयल के प्रभाव भी साबित हो चुके हैं। इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं कि कौन से तेल कैंसर की रोकथाम और उसके उपचार में प्रभावी है।
3 तेल करते हैं कैंसर की रोकथाम
लोबान (Frankincense)
ये एसेंशियल ऑयल विभिन्न चिकित्सय उद्देशयों के लिए उपयोग किया जाता है। शोध से पता चलता है कि लोबान कैंसर कोशिकाओं को खत्म करता है और कीमोथेरेपी के विपरीत दूसरी गैर-कैंसर कोशिकाओं के स्वास्थ्य और उनके जीवन को बढ़ाने का काम करता है। दरअसल कीमोथेरेपी कैंसर और गैर-कैंसर कोशिकाओं दोनों को समान रूप से निशाना बनाती है।
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शोध में इस बात का भी खुलासा किया गया कि इस एसेंशियल ऑयल में एंटी-म्यूटाजेनिक और एपोप्टोटिक या प्रोग्राम्ड सेल डेथ क्षमताएं होती हैं। शोध में यह भी पाया गया है कि लोबान में न केवल एंटी-ट्यूमर गुण होते हैं बल्कि यह कीमोथेरेपी उपचार के दुष्प्रभावों को कम करने में भी मदद करता है।
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लैवेंडर (lavender)
ज्यादातर लोगों की पहली पसंद लैवेंडर के तेल में कैंसर की रोकथाम के प्रभाव पहले ही साबित हो चुके हैं। लैवेंडर को एक शक्तिशाली प्राकृतिक एंटी-ऑक्सीडेंट के रूप में माना जाता है और ये साबित हो चुका है कि ये मुक्त कणों द्वारा पहुंचाई गई क्षति को ठीक करने में लाभकारी है। मुक्त कणों से हुई क्षति लंबे समय तक बीमारी और कई प्रकार के कैंसर का कारण बन सकती है।
रोमानिया के शोधकर्ताओं ने पाया कि लैवेंडर में शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट क्षमताएं होती हैं, जिसे हमें रोजाना एक घंटे तक सूघना चाहिए। अध्ययन के मुताबिक, लैवेंडर एसेंशियल ऑयल में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटीएपोपटोटिक गुण चूहे के मस्तिष्क में तनाव को कम करने में बहुत फायदेमंद पाए गए हैं। मस्तिष्क में तनाव गंभीर बीमारी और कैंसर का कारण बन सकता है।
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लेमनग्रास (Lemongrass)
2009 में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि लेमनग्रास एसेंशियल ऑयल में कैंसर-रोधी गुण होते हैं। शोधकर्ताओं ने बताया कि अध्ययन के परिणाम काफी आशाजनक थे, क्योंकि शोधकर्ताओं ने ऐसे विभिन्न तंत्रों की खोज की, जो कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने में फायदेमंद साबित होती हैं। शोधकर्ताओं ने कहा, "हमारे परिणामों से आशाजनक संकेत मिलता है कि इस एसेंशियल ऑयल में एंटी कटी-कैंसर गुण होते हैं। इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी द्वारा पहचान की गई है कि य़े एसेंशियल ऑयल एपोप्टोटिक प्रक्रिया को सक्रिय कर ट्यूमर सेल की व्यवहार्यता में कमी का कारण बनता है।"
कुछ अध्ययन पशु और मानव दोनों विषयों पर किए गए हैं। हालांकि एसेंशियल ऑयल के प्रभावों पर अभी भी शोध किया जा रहा है लेकिन अब तक हुए शोध में आशाजनक परिणाम देखने को मिले हैं, जो कैंसर के उपचार से जुड़े प्रभावों को कम करते हुए कैंसर को रोकने और उसका इलाज करने में मदद कर सकते हैं।
(Medically Reviewed: ग्रेटर नोएडा स्थित कैलाश नेचुरोपैथी हॉस्पिटल के चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर उमाशंकर शर्मा )
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