मीनोपॉज के परेशान करने वाले लक्षणों को रोकना है, तो 40 की उम्र के बाद महिलाएं अपनी डाइट में करें ये 5 बदलाव

40 की उम्र तक महिलाओं को अपने खानपान में ये 5 बदलाव जरूर कर लेने चाहिए, ताकि आगे चलकर मेनोपॉज, हार्ट अटैक, ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारियों से बच सकें।
  • SHARE
  • FOLLOW
मीनोपॉज के परेशान करने वाले लक्षणों को रोकना है, तो 40 की उम्र के बाद महिलाएं अपनी डाइट में करें ये 5 बदलाव

मीनोपॉज हर महिला के जीवन में आने वाली एक ऐसी स्टेज है, जब उसके मासिक स्राव बंद हो जाता है। मीनोपॉज को हिंदी में रजोनिवृत्ति कहते हैं। मीनोपॉज के बाद महिलाओं के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिसके कारण महिलाओं को कई समस्याएं शुरू हो जाती हैं जैसे- मूड स्विंग्स (चिड़चिड़ापन), एकाग्रता में कमी, शरीर गर्म लगना, वजन बढ़ना, सिरदर्द, योनि में रूखापन आदि। आमतौर पर इन समस्याओं का कारण ओएस्ट्रोजन हार्मोन के लेवल में कमी है। महिलाओं को ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े और मीनोपॉज के दौरान उन्हें कम से कम तकलीफ हो, इसके लिए जरूरी है कि वे अपनी डाइट में 40 की उम्र के बाद ही कुछ बदलाव कर लें। आमतौर पर मेनोपॉज 45 से 55 साल की उम्र के बीच होता है, इसलिए 40 साल की उम्र के बाद डाइट को बदलकर शरीर को इन बदलावों के लिए तैयार किया जा सकता है।

menopause symptoms in women

फल और सब्जियां ज्यादा खाएं

40 की उम्र के पहले आप जो कुछ भी खाती रही हैं, वो ठीक है। लेकिन 40 के बाद आपको अपने खाने में ज्यादा से ज्यादा नैचुरल चीजें, खासकर फल और सब्जियों को शामिल करना चाहिए। फलों और सब्जियों में एंटीऑक्सीडेंट्स, फाइबर, विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं इसलिए ये आपके शरीर में एस्ट्रोजन लेवल को अचानक कम होने से बचाते हैं। आपके लिए गोभी, पत्तागोभी, ब्रोकली, केल, ब्रुसेल्स, स्प्राउट्स आदि का सेवन करना फायदेमंद है। इसके अलावा इस उम्र में ब्लड प्रेशर की समस्या भी बहुत होती है, जिसे दूर करने में फल और सब्जियां महत्वपूर्ण हो सकती हैं।

इसे भी पढ़ें: 30-40 की उम्र में महिलाओं को स्वस्थ रहने के लिए जरूर खाने चाहिए ये 10 आहार, मिलेगा पोषण रहेंगी रोग-मुक्त

साइटो-एस्ट्रोजन वाले फूड्स खाएं

कुछ फूड्स ऐसे होते हैं, जिनमें प्राकृतिक रूप से ऐसे तत्व होते हैं, जो शरीर में एस्ट्रोजन की तरह काम करते हैं। इन्हें साइटो-एस्ट्रोजन (phytoestrogens) कहा जाता है। ये फूड्स हैं- अलसी के बीज, तिल के बीज, बीन्स, सोयबीन, टोफू आदि। इन फूड्स को खाने से आपके शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन घटता भी है, तो इन फूड्स के जरिए उसकी कमी को कुछ हद तक पूरा कर लिया जाता है।

पानी खूब पिएं

मीनेपॉज के बाद महिलाओं का शरीर ज्यादा डिहाइड्रेट रहने लगता है, जिसके कारण उनकी त्वचा में रूखापन, योनि में रूखापन, स्वभाव में चिड़चिड़ापन दिखने लगता है। इन समस्याओं को रोकने के लिए जरूरी है कि आप रोजाना पर्याप्त पानी पिएं। आमतौर पर 2.5 से 3 लीटर पानी हर व्यक्ति को हर रोज पीना चाहिए। पानी आपके शरीर से टॉक्सिन्स को निकालता है और शरीर में फ्लुइड का स्तर सामान्य बनाए रखता है।

menopause diet plan for women

कैल्शियम और प्रोटीन वाले फूड्स जरूर खाएं

मीनोपॉज के बाद महिलाओं का शरीर कमजोर होने लगता है। उनकी मसल्स कम होने लगती हैं और हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। इसलिए हड्डियों को मजबूत रखने के लिए कैल्शियम और विटामिन डी बहुत जरूरी हैं। कैल्शियम आपको दूध, दही, चीज, हरी सब्जियों, टोफू, बीन्स आदि से मिल जाता है। विटामिन डी की कमी पूरी करने के लिए आप हर रोज सुबह 15-20 मिनट धूप में बैठ सकते हैं। इसके अलावा मसल्स की कमजोरी दूर करने के लिए आपकी डाइट में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होनी चाहिए। प्रोटीन के लिए आपको ऊपर बताई गई चीजें तो खानी ही हैं, साथ ही नट्स, दाल, राजमा, छोले आदि भी खाना चाहिए।

इसे भी पढ़ें: 30-40 की उम्र में भी चेहरे को टाइट रखने, जवान दिखने और ग्लोइंग स्किन के लिए अपनाएं ये 5 एंटी-एजिंग टिप्स

कुछ चीजों का सेवन छोड़ना बहुत जरूरी है

  • 40 की उम्र के बाद आमतौर पर शरीर में बीमारियां घर करना शुरू कर देती हैं। इनसे बचने के लिए आपको अपनी कुछ आदतों को छोड़ना भी जरूरी है। ये आदतें आपको मीनोपॉज की तकलीफों से भी बचाएंगी और आपको स्वस्थ भी रखेंगी।
  • नमक और चीनी की मात्रा अपने सभी खानों से घटा दें। कम नमक खाएं और चीनी तो बहुत ही कम खाएं।
  • सिगरेट और शराब की लत है, तो इन दोनों आदतों को हमेशा के लिए छोड़ दें। जिद है तो बहुत कम मात्रा में कभी-कभार रेड वाइन ले सकते हैं।
  • बाजार में बिकने वाले प्रॉसेस्ड फूड्स, जंक फूड्स, रेडी-टू-ईट फूड्स का सेवन बहुत-बहुत कम कर दें।
  • खाने में चिकनी चीजें जैसे- बटर, रिफाइंड घी, मैदा, तेल आदि का सेवन कम कर दें।

Read More Articles on Women's Health in Hindi

 

Read Next

OMH Healthcare Heroes Awards 2020: कोविड-19 के दौरान डॉ. अरुणा कालरा मां बनकर गर्भवती महिलाओं को दी अपनी सेवा

Disclaimer