जो लोग थोड़ा मोटे होते हैं यानी जिनका वजन ज्यादा होता है, उनमें इस बात को लेकर अक्सर दुविधा होती है कि वह एक्सरसाइज का चुनाव कैसे करें। तो अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो यहां हम आपको 5 ऐसी एक्सरसाइज के बारे में बता रहे हैं जिसकी मदद से आप हमेशा हेल्दी और फिट रह सकते हैं। इससे आपको वजन भी कंट्रोल रहेगा। कई तरह की गंभीर बीमारियों से भी आप बचे रहेंगे। ध्यान रखने वाली बात यह है कि सभी व्यायाम नियमित रूप से करना जरूरी होगा।
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग ऐसी एक्सरसाइज है जिसे नियम से करना जरूरी होता है। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाडज के पहले पूरी तैयारी जरूरी है, कम से कम शुरुआती दौर में हफ्ते में एक से तीन दिन मांसपेशियों की एक्सरसाइज जरूर करें। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग में सबसे आसान विकल्प वेट मशीन से एक्सरसाइज और डंबल करना होता है। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग की मदद से पेट सहित पूरे शरीर के फैट को कम कर मसल्स को मजबूत बनाया जा सकता है। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग न केवल वजन घटाने में मदद करता है, बल्कि इसका इस्तेमाल वजन बढ़ाने के लिए भी कर सकते हैं।
जॉगिंग
टहलने से आपकी पाचन क्रिया दुरुस्त बनती है। टहलने से न केवल पाचन प्रणाली सही ढंग से काम करती है। कब्ज से परेशान व्यक्ति को भी अवश्य ही लाभ पहुंचाता है इसके अलावा कैलोरी भी बर्न होती है, जिससे मोटापा कम होने लगता है। नियमित रूप से जॉगिंग करना काफी फायदेमंद हो सकता है। इससे वजन कम होता है साथ ही ह्रदय संबंधी समस्या सही हो जाती है।
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रनिंग
अगर आप वजन घटाना चाहते हैं, तो दौड़ने से अच्छा और कुछ नहीं। दौड़ना एक बहुत अच्छा व्यायाम है, क्योंकि इससे काफी कैलोरी बर्न होती है। लेकिन, चोट से बचने के लिए जरूरी है कि आप धीरे-धीरे दौड़ना शुरू करें। नियमित रूप से दौड़ लगाने से हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। इससे हड्डियों संबंधित बीमारियों जैसे ऑस्टियोपोरोसिस और अर्थराइटिस होने का खतरा काफी कम हो जाता है। इसके साथ ही दौड़ने से टांगों और कूल्हों की हड्डियों का घनत्व भी बढ़ता है।
साइकिलिंग
कई शोधों में अब यह प्रमाणित हो चुका है कि नियमित रूप से साइकिलिंग जैसी एक्सरसाइज से शरीर में कैलोरी और फैट कम करने में मदद मिलती है जिससे फिगर स्लिम रहता है और वजन नहीं बढ़ता। साइकिल चलाने के दौरान पैरों की अच्छी कसरत तो होती ही है, साथ ही मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं। मसल्स बनाने के लिए साइकिलिंग पुशअप्स से किसी भी मायने में कम नहीं है। रोज साइकिलिंग करने से शरीर के प्रतिरोधी तंत्र को मजबूती मिलती है जिससे स्टैमिना लंबे समय तक बरकरार रहता है। साथ ही, यह रोगों से लड़ने में भी मददगार होता है।
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एरोबिक्स
दौडना, जोगिंग करना, सायकल चलाना, सीढियां चढ़ना, रस्सी कूदना और एरोबिक्स क्लासेस, ये सभी एरोबिक गतिविधियों के उदाहरण हैं। इन सारी गतिविधियों की वज़ह से ह्रदय, रक्त धमनी और फेफड़ों को आक्सीजन युक्त रक्त को कार्य संपन्न करनेवाली मांसपेशियों तक पहुंचाने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इसका नतीजा यह होता है कि कार्डीओवैस्क्यलर (ह्रदयवाहिनी) और रेस्परटॉरी (श्वाश प्रस्वाश संबंधी) तंत्र अधिक मज़बूत और कुशल बन जाते हैं। वैसे एरोबिक्स से संबंधित व्यायाम अतिरिक्त वसा को गलाने के लिए सबसे बढ़िया रास्ते हैं।
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